mothers day
आज समूचे विश्व मे मदर्स डे मनाया जा रहा है और मनाया भी क्यों ना जाये आख़िर माँ से बढ़कर दुनिया मे ना तो कोई है और ना ही होगा। माँ की महानता हम क्या हमारे देवी-देवता भी मानते थे वो चाहे कृष्ण है या राम हो या गणेश जी हो सभी मानते है। और तो और हमारी फिल्मों मे भी माँ का स्थान हमेशा ऊंचा ही दिखाया गया है और पुरानी फिल्मों मे एक गाना हमेशा माँ पर आधारित होता था , अनेकों गाने माँ के लिए बनाए गए है जैसे-
उसको नही देखा हमने कभी ,पर उसकी जरुरत क्या होगी
ए माँ तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी.
माँ मुझे अपने आँचल मे छुपा ले गले से लगा ले
की और मेरे कोई नही
और ये माँ ही होती है जो अपने बच्चों को हर मुसीबत से बचाती है और बच्चों को मुसीबत से लड़ना भी सिखाती है। और हमे इस लायक बनाती है कि हम दुनिया और समाज मे रह सके। हम बच्चे चाहे जितनी गलती करे पर माँ हमेशा उन्हें माफ़ कर देती है। माँ को भगवान् ने इतना शक्तिशाली बनाया है कि अगर उसके बच्चे वो चाहे कहीँ भी हो अगर वो परेशान है तो उसे पता चल जाता है। ऐसा ही एक बार मेरे साथ भी हुआ और शायद बहुत लोगों के साथ भी ऐसा हुआ होगा । उन दिनों हम दिल्ली मे रहते थे हमारी और माँ की रोज ही फ़ोन पर बात होती थी । ऐसे ही एक दिन माँ ने फ़ोन किया और जैसे ही हमने हैलो बोला उन्होने झट से पूछा क्या हो गया हमने लाख कहा कि कुछ नही पर वो तब तक पूछती रही जब तक हमने उन्हें अपनी परेशानी का कारण नही बता दिया। कहने का मतलब है कि माँ तो बच्चों की आवाज भर से ही समझ जाती है कि बच्चे खुश है या दुःखी। और आज हम भी एक माँ है और इस बात को स्वीकारते है।
वो कहते है ना कि बच्चे को जन्म देना माँ का पुनर्जन्म होता है क्यूंकि अपने बच्चे मे उसे अपनी ही तस्वीर दिखती है। माँ और बच्चे का रिश्ता हर रिश्ते से ऊपर होता है वैसे आज के ज़माने मे ये परिभाषा कुछ बदल सी रही है।
जैसे बच्चे माँ के बिना अधूरे है ठीक उसी तरह माँ भी बच्चों के बिना अधूरी है। आज के दिन हमे दुःख भी हो रहा है क्यूंकि हमारी माँ हमे हमेशा के लिए छोड़ कर जा चुकी है।
आज मदर्स डे के दिन हम सभी माँओं को इस दिन कि बधाई देते है।
उसको नही देखा हमने कभी ,पर उसकी जरुरत क्या होगी
ए माँ तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी.
माँ मुझे अपने आँचल मे छुपा ले गले से लगा ले
की और मेरे कोई नही
और ये माँ ही होती है जो अपने बच्चों को हर मुसीबत से बचाती है और बच्चों को मुसीबत से लड़ना भी सिखाती है। और हमे इस लायक बनाती है कि हम दुनिया और समाज मे रह सके। हम बच्चे चाहे जितनी गलती करे पर माँ हमेशा उन्हें माफ़ कर देती है। माँ को भगवान् ने इतना शक्तिशाली बनाया है कि अगर उसके बच्चे वो चाहे कहीँ भी हो अगर वो परेशान है तो उसे पता चल जाता है। ऐसा ही एक बार मेरे साथ भी हुआ और शायद बहुत लोगों के साथ भी ऐसा हुआ होगा । उन दिनों हम दिल्ली मे रहते थे हमारी और माँ की रोज ही फ़ोन पर बात होती थी । ऐसे ही एक दिन माँ ने फ़ोन किया और जैसे ही हमने हैलो बोला उन्होने झट से पूछा क्या हो गया हमने लाख कहा कि कुछ नही पर वो तब तक पूछती रही जब तक हमने उन्हें अपनी परेशानी का कारण नही बता दिया। कहने का मतलब है कि माँ तो बच्चों की आवाज भर से ही समझ जाती है कि बच्चे खुश है या दुःखी। और आज हम भी एक माँ है और इस बात को स्वीकारते है।
वो कहते है ना कि बच्चे को जन्म देना माँ का पुनर्जन्म होता है क्यूंकि अपने बच्चे मे उसे अपनी ही तस्वीर दिखती है। माँ और बच्चे का रिश्ता हर रिश्ते से ऊपर होता है वैसे आज के ज़माने मे ये परिभाषा कुछ बदल सी रही है।
जैसे बच्चे माँ के बिना अधूरे है ठीक उसी तरह माँ भी बच्चों के बिना अधूरी है। आज के दिन हमे दुःख भी हो रहा है क्यूंकि हमारी माँ हमे हमेशा के लिए छोड़ कर जा चुकी है।
आज मदर्स डे के दिन हम सभी माँओं को इस दिन कि बधाई देते है।
Comments
घुघूती बासूती
या देख हो,जाहा हिन्दु ना हो,
-ममता जी, बहुत सुंदर लिखा है.
Do write on Father - such a father some day later.
ज्ञानदत जी अगले चन्द रोज मे फादर्स डे आने वाला है और हमने इससे पहले अपनी एक पोस्ट जिसे हमने कितने डे नाम दिया था उसमे पिता बधाई के पात्र है लिखा था । और हम आपसे वादा करते है कि फादर्स डे पर हम आपको निराश नही करेंगे।
ज्ञानदत्त जी, इस विषय पर मैं एक बात रखना चाहूंगा । मेरे विचार से माँ का अर्थे सीमित न हो कर विस्तृत माना जाये तो और भी बेहतर। पिता का स्थान भी माँ से कम नहीँ आँका जा सकता। माँ का तात्पर्य यदि ममता, पालन-पोषण आदि क्रियाओं और भावनाओं से लिया जाय तो पिता के भी अनेक कार्य माँ जैसे ही वन्दनीय जान पड़ेंगे। माँ के व्यापक अर्थों मे तो माता, पिता, मित्र, भाई, समाज, धरती, देश कुछ भी हो सकता है, जो भी ममत्व और अन्यान्य मातृ-तुल्य गुण-धर्मों को धारण करे। इस विचार से इन कर्तव्यों का पालन करने वाला पिता या और भी कोई उतना ही वन्दनीय होगा जितना कि माँ।
पूर्वजों को मारो गोली हम भारतीय तो अभी भी बंदर ही हैं. चलो भईया मैं भी कहे देता हूँ - Happy Mothers' Day.