ताम्ब्री सुर्ला
ताम्ब्री सुर्ला १३ वी शताब्दी मे बना शिव जी का मंदिर गोवा मे स्थित है । ये जगह पंजिम से करीब ६०-६५ किलोमीटर दूर है। वैसे वहां ज्यादा पर्यटक नही जाते है। जी.टी.डी. सी की tourist बसें हफ्ते मे तीन दिन जाती है। पर चुंकि लोग सिर्फ ३-४ दिन को आते है और beach ही घूमते रह जाते है और ये तो सभी जानते है की गोवा अपने beaches के लिए ज्यादा मशहूर है। इन जगहों मे जाने मे पूरा एक दिन निकल जाता है। पर बस वाले तो ताम्ब्री सुर्ला के साथ-साथ ३-४ और जगहें भी दिखा देते है।
ताम्ब्री सुर्ला का रास्ता ओल्ड गोवा से होकर जाता है और ये कर्नाटक बॉर्डर पर है। रास्ते मे बोदला फॉरेस्ट भी पड़ता है जहाँ वन-विभाग का गेस्ट हाउस है और जहाँ आप अगर किस्मत अच्छी हो तो कुछ जानवर भी देख सकते है ।मंदिर तक का रास्ता यूं तो अच्छा है पर बरसात के दिनों मे रास्ते मे फिसलन सी हो जाती है इसलिये जरा संभल कर चलना पड़ता है पर और दूसरे मौसम मे ऐसी कोई समस्या नही आती है। ये मंदिर चारों ओर से पहाड़ों से घिरा है और यहाँ की हरियाली देखते ही बनती है।
मंदिर मे हर समय पुजारी नही होता है क्यूंकि वो भी कहीँ दूर किसी गांव से आता है। इसलिये अपने आप ही दर्शन करने पड़ते है और अगर वहां चरनामृत रखा होता है तो खुद ही लेना पड़ता है। मंदिर के अन्दर बहुत अँधेरा होता है , सिर्फ दीपक जलता रहता है। और उसी दीपक के प्रकाश मे भगवान के दर्शन हो जाते है।और चुंकि पुजारी हर समय नही होता इसलिये मंदिर के द्वार भी कई बार बंद रहते है। पर दरवाजा सीखचों वाला है इसलिये दर्शन करने मे कोई दिक्कत नही आती है। मंदिर के पास ही पानी का एक झरना भी है जहाँ सीढ़ी से उतरकर जाया जा सकता है और बैठ कर वहां के वातावरण का आनंद उठाया जा सकता है। और शांति तो इतनी की कुछ पूछिये मत।
मंदिर से दस कदम की दूरी पर एक resort भी है बिल्कुल eco फ़्रेंडली है जहाँ मिटटी की छोटी-छोटी cottages भी बनी हुई है । खाने की मेज और कुर्सियाँ पेड़ों की लकड़ी या कहें तो छोटे छोटे तने काट कर बनी है. और चारों ओर दूर- दूर तक फैला हुआ घना जंगल और हाँ वहां हाथी भी है जिस पर बैठ कर आप जंगल की सैर भी कर सकते है। पर ये resort सिर्फ सीज़न मे ही खुलता है मतलब अक्तूबर से मार्च तक।
इस फोटो मे हाथी के पीछे छोटी-छोटी cottages दिखायी दे रही है।
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