मायाजाल
आज मायावती उत्तर प्रदेश मे चुनाव जीत गयी है और वो भी ऐसे-वैसे नही अकेले सबसे बड़ी पार्टी के रुप मे ब.स.प. को खड़ा कर दिया है। वो चाहे जैसी भी हो पर इस बार उसने सभी दलों की छुट्टी कर दी है क्या बी .जे.पी .क्या कॉंग्रेस और क्या स.प.सबके सब पीछे रह गए। हम कोई मायावती के बहुत बडे प्रशंशक नही है पर जिस तरह से उसने चुनाव जीता वो तारीफ़ के काबिल है। कोई सोच भी नही सकता था।
अमिताभ बच्चन कहते ही रह गए की यू .पी मे है दम क्यूंकि जुर्म है कम । पर क्या कह देने भर से जुर्म कम हो जाता है। अब अगर अमिताभ कुछ कहेंगे तो राहुल कैसे पीछे रहेंगे।और राहुल ने क्या कहा ये तो हम सभी जानते है।
चुनाव मे प्रचार के लिए एक नया style चला है roadshow का । कॉंग्रेस तो अब इसी roadshow के सहारे अपनी नईया पार करना चाहती थी अरे पर जब सहारा स.प को डूबने से नही बचा पाय तो फिर कोई किसी को क्या बचायेगा।
जनता देखने तो जाती थी राहुल और प्रियंका गाँधी अरे नही नही वढेरा को पर उनका जलवा रायबरेली और अमेठी के अलावा कहीं चलता नही दिखता है। चाहे वो अपने बच्चों को रिक्शा की सैर कराएँ या कुछ और।
इधर कई दिनों से टी.वी पर हाथियों द्वारा तबाही मचाने को दिखाया जाता रहा है कभी बनारस मे तो कभी केरल मे ,और इस चुनाव मे भी हाथी ने जो ब.स.प का चुनाव चिह्न है ने सबको रौंद डाला।
हर एक का हार मानने का अपना-अपना स्टाइल है जैसे कॉंग्रेस सुबह से ही कहने लगी कि वो मायावती को सपोर्ट करेगी अरे पर पहले उसे पूछने तो दो। सुषमा स्वराज ने कहा की बी .जे.पी ने अपना विचार जनता के सामने मे रखने मे देर कर दी अरे तो भईया तो चुनाव प्रचार कहे बात का कर रहे थे। स.प तो और चार हाथ आगे निकली उनके नेता तो हारते ही ऑफिस जाकर कागज़-और फाइलों को ही फाड़ने लगे (ऐसा टी.वी.मे दिखाया गया )और उनका कहना था कि अगले २-३ दिन मे नयी सरकार के लोगों को ऑफिस मे जो आना है।
अब भैया मायाराज पहले भी लोग देख चुके है और अब अगले ५ साल फिर देखेंगे। विकास कितना होगा अरे प्रदेश का और किसका ये तो समय ही बतायेगा।
अमिताभ बच्चन कहते ही रह गए की यू .पी मे है दम क्यूंकि जुर्म है कम । पर क्या कह देने भर से जुर्म कम हो जाता है। अब अगर अमिताभ कुछ कहेंगे तो राहुल कैसे पीछे रहेंगे।और राहुल ने क्या कहा ये तो हम सभी जानते है।
चुनाव मे प्रचार के लिए एक नया style चला है roadshow का । कॉंग्रेस तो अब इसी roadshow के सहारे अपनी नईया पार करना चाहती थी अरे पर जब सहारा स.प को डूबने से नही बचा पाय तो फिर कोई किसी को क्या बचायेगा।
जनता देखने तो जाती थी राहुल और प्रियंका गाँधी अरे नही नही वढेरा को पर उनका जलवा रायबरेली और अमेठी के अलावा कहीं चलता नही दिखता है। चाहे वो अपने बच्चों को रिक्शा की सैर कराएँ या कुछ और।
इधर कई दिनों से टी.वी पर हाथियों द्वारा तबाही मचाने को दिखाया जाता रहा है कभी बनारस मे तो कभी केरल मे ,और इस चुनाव मे भी हाथी ने जो ब.स.प का चुनाव चिह्न है ने सबको रौंद डाला।
हर एक का हार मानने का अपना-अपना स्टाइल है जैसे कॉंग्रेस सुबह से ही कहने लगी कि वो मायावती को सपोर्ट करेगी अरे पर पहले उसे पूछने तो दो। सुषमा स्वराज ने कहा की बी .जे.पी ने अपना विचार जनता के सामने मे रखने मे देर कर दी अरे तो भईया तो चुनाव प्रचार कहे बात का कर रहे थे। स.प तो और चार हाथ आगे निकली उनके नेता तो हारते ही ऑफिस जाकर कागज़-और फाइलों को ही फाड़ने लगे (ऐसा टी.वी.मे दिखाया गया )और उनका कहना था कि अगले २-३ दिन मे नयी सरकार के लोगों को ऑफिस मे जो आना है।
अब भैया मायाराज पहले भी लोग देख चुके है और अब अगले ५ साल फिर देखेंगे। विकास कितना होगा अरे प्रदेश का और किसका ये तो समय ही बतायेगा।
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घुघूती बासूती
अतुल कुलकर्णी या
अतुल श्रीनिवासन