क्या ऐसे बाल या केश रखने का कोई ख़ास कारण होता है ....

हमारा ये सवाल पूछने का ख़ास कारण है एक तो जिज्ञासा भी है कि इस तरह के बाल रखने का क्या कोई धार्मिक महत्त्व है जैसे साधू लोग जटा रखते है , या बस यूँ ही

वो क्या है कि पिछले हफ्ते जब हम सब्जी मंडी गए थे तो वहां पर हमने इस महिला को देखा और हमने फोटो खींच ली वैसे सब्जी बेचने वालों को थोड़ा आश्चर्य हुआ था जब हमने इसकी फोटो खींची थी फोटो हमने इसीलिए खींची थी ताकि आप लोगों से पूछ सकें क्योंकि ऐसी ही एक महिला को हमने बंगालारु के bull temple मे भी देखा था bull temple के बारे मे फ़िर कभी बाद मे बताएँगे

इन दोनों फोटो मे बाल रखने का एक ही style है और दोनों ने ऊपर लाल रंग का रिबन भी लगाया हुआ है पता नही कैसे इस तरह से मैनेज करती होगी

पहली फोटो bull temple की है जो हमने नवम्बर २००७ मे अपनी बंगालारु ट्रिप के दौरान खींची थी उस समय ये महिला मन्दिर की तरफ़ जा रही थी और हम मन्दिर की सीढियों से उतर रहे थे ।पर तभी अचानक इसके ऐसे बाल देख कर हमने फोटो खींच ली थी और फ़िर भूल गए

पर जब गोवा मे भी इस तरह के बाल वाली महिला देखी तो रहा गया और इसीलिए आज आप लोगों से ये सवाल कर रहे है

और ये दूसरी वाली फोटो गोवा के सब्जी मंडी मे खींची है


सब्जी मंडी से याद आया की गोवा की सब्जी मंडी जो की म्युनिसिपल मार्केट मे है वो भी देखने लायक है ।तीन floor की सब्जी मंडी है ।और काफ़ी well organised है और ऊपर दोनों तरफ़ मारियो मिरांडा की बनाई हुई पेंटिंग भी है यहाँ पर आपको दुनिया भर की सब्जियां और फल (कुछ ऐसी सब्जियां जिनके हमने सिर्फ़ नाम ही सुने थे पर अब स्वाद भी चख चुके है :) मिलते है

वैसे गोवा मे सरकारी दुकान भी है पर अन्य शहरों की तरह यहाँ पर हर जगह सब्जी वाले तो रिक्शे ठेले दीखते है और ही ज्यादा दुकाने (हाँ कभी कभी सुबह औरतें सिर पर डलिया मे साग वगैरा बेचती जरुर दिखती है )क्यूंकि सिवाय इस मंडी के पंजिम मे आपको और कहीं भी अच्छी सब्जी नही मिलेगी ।पंजिम की तरह ही मडगांव ,मापुसा और वास्को मे भी सब्जी मंडी है पर पंजिम जैसी नही

Comments

केरल के मलयालियों में ऐसी परंपरा है. सुबह तालाब/बोली में डुबकी लगाकर नहाते है. बालों को झटक कर लम्बा ही छोड़ देते हैं. दुपहर के बाद जुदा बना लेते हैं. दोनों ही महिलाएं हमें तो केरल की ही लग रही हैं. हमारे चिट्ठे में बंगलूरु का मूंगफल्ली मेला शीर्षक के अंतर्गत एक पोस्ट है जिसमे बुल टेम्पल की कहानी भी है. आप देख नहीं पाए थे.
http://mallar.wordpress.com
This comment has been removed by the author.
@सुब्रमण्यमजी ,उल्लिखित पोस्ट के शीर्षक पर क्लिक करें तो उसका पर्मालिंक मिल जायेगा । उसे देते आपकी यह महत्वपूर्ण पोस्ट खोजने में सहूलियत होती।
Rachna Singh said…
the biggest advantage of bloging is that we can share all mental questions in an open forum
कुश said…
रचना जी से सहमत ये भी एक उपयोग है ब्लॉगिंग का.. वैसे ये जानकार अच्छा लगा क़ी सब्जी मंडी तीन मंज़िला है..
Udan Tashtari said…
तीन मंजिला सब्जी मंडी!!! हम्म!!
Abhishek Ojha said…
स्टाइल ! :-)
L.Goswami said…
हमारे अंचल में सोखाइन ( भुत भागने वाली ) महिला अपने बालों के ऐसे बना कर रखती है, मैंने एक -दो से बात की उन्होंने बताने से इंकार किया की उनके बाल ऐसे कैसे हुए ..मैंने पूछताछ जारी राखी तो जानकारी मिली की जंगल में किसी खास प्रकार के पेड़ की गोंद को बालों में लगा दिया जाता है ..इसे तांत्रिक प्रयोजन से लगा या जाता है ..बाकि कुछ जानकारी मिली तो लिखूंगी
चलो अब तो आपने स्वाद चख ही लिया :)
बढ़िया स्टाइल है ..:) गोवा की सब्जी मंडी के बारे में जानना रोचक लगा
अच्छी लगी - केश सज्जा भी और पोस्ट भी।
savaal jitna mushkil hai javaab bhi utna hi....
आपने जो नई नई सब्जियाँ खाईँ ,
(गोवा मेँ)
हमेँ तो उसके बारे मेँ जानने की उत्सुकता है :)
अब औरतेँ
,जो नई स्टाईल इजाद ना करेँ वही बस है :) अपनी अपनी सुविधा है
- लावण्या
सुब्रहृमणियन जी ने तो ऐसी केश सज्‍जा के बारे में उत्‍सुकता को शांत किया ... सब्‍जी मंडी के बारे में भी जानकारी रोचक लगी।
ममता जी शायद धोये होगे, ओर सुखने का इन्तजार कर रही हो गी, ओर साथ मै बाकी के काम भी, या फ़िर कुदरती बाल ऎसे ही होगे, ओर कई महिल्ये बाल खुले भी रखना चहती होगी.... जब आप ने फ़ोटो ली तो उन्ही से पुछ लेती, ओर फ़िर हम सब को बता भी देती...
चलिये उन सब सव्जियो के नाम तो बातये जो आप ने पहली बार देखी, शायद वो हमारे यहां भी मिलती हो, ओर अगर आप को स्वाद लगी तो बताये फ़िर हम भी यहां खरीद सकते है, कयोकि हमारे यहां सब्जियां तो बहुत मिलती है, लेकिन भारतीया सब्जिया बहुत ही कम, ओर हम बेगानी सब्जिओ को ही भारतीया ढंग से बना कर खाते है.
धन्यवाद
ज्ञान said…
यदि आप लंबे बाल वाले पुरूषों या छोटे बाल वाली स्त्रियों के स्वभाव/ व्यवहार को देखें तो बात स्वत: समझ में आ जायेगी

उल्टे उदाहरण: सुरक्षा बलों के जवान, पहलवान, लठैत, पुलसिये, किसी की मौत पर मुंडन, बॉय कट वाली महिला, विधवायों का मुंडन, जैन साधवियों का केश लुंचन

यात्रा से लौटकर इस रोचक विषय पर एक पोस्ट लिखने का इरादा है।

महानुभावों का, बालों को छोड़कर सब्ज़ी मंडी की चर्चा करना पसंद आया

Popular posts from this blog

जीवन का कोई मूल्य नहीं

क्या चमगादड़ सिर के बाल नोच सकता है ?

सूर्य ग्रहण तब और आज ( अनलॉक २.० ) चौदहवाँ दिन