शगुन अपशगुन के चक्कर में पड़ गया सीरियल बालिका वधू
आज बड़े दिनों बाद किसी t.v. सीरियल के बारे मे लिख रहे है । बालिका वधू कलर्स पर आने वाले इस सीरियल मे बुधवार के दिन दिखाए गए एपिसोड को देख कर दुख भी हुआ और अफ़सोस भी हुआ । अभी तक बालिका वधू सीरियल मे जो कुछ भी दिखाया जा रहा था उसे देख कर लग रहा था कि ये सीरियल समाज की एक ऐसी परम्परा की ओर सबका ध्यान खींच रहा है जिसे आजादी के इतने सालों बाद भी मिटाया नही जा सका है । आज भी गाँव और घरों मे इस तरह की शादियाँ होती रहती है । और हर एपिसोड के अंत मे लिखे जाने वाली लाइने समाज को जागरूक करने का काम करती है ।
इन दिनों सीरियल मे सुगना जो की घर की बेटी है उसके गौने को एक हफ्ते से दिखाया जा रहा था जिसमे जब आनंदी की बाल विधवा सहेली फूली शादी की रस्मों को चोरी-छिपे देख रही होती है और दादी सा उसे देख कर अपशगुन हो गया का शोर मचाती है ।और तूफान खड़ा कर देती है । और उस एपिसोड के ख़त्म होने पर जनता की ओपिनियन पूछी जाती है कि क्या फूली का शादी मे शामिल होना अपशगुन है । अब जवाब जनता ने क्या दिया वो तो हम नही जानते है पर बुधवार के एपिसोड मे सुगना के पति प्रताप की मौत हो जाती है । वैसे अब प्रताप को मारने का कोई तुक नही था पर शायद सीरियल मे सुगना को भी दुखी और लाचार दिखाना चाहते है ।इसीलिए उसे भी बाल विधवा बना दिया । जिसकी कोई जरुरत नही थी ।
अगर विधवा फूली के शादी मे शामिल होने से वो अपशगुन नही हुआ ये दिखाते तो शायद ज्यादा बेहतर होता ।तारीफ की बात तो तब होती जब सुगना का खुशी-खुशी गौना होता और सुगना अपने पति के साथ अपनी ससुराल चली जाती ।
पर नही चूँकि विधवा फूली शादी मे शामिल हुई थी इसलिए अपशगुन हुआ और सुगना विधवा हो गई ।
अफ़सोस इस बात का है कि इस सीरियल ने अपनी ही बात को contradict कर दिया ।जहाँ एक तरफ़ तो सीरियल समाज की कुरीतियों को बदलने और दरशाने की कोशिश कर रहा है वहीं दूसरी तरफ़ उन्ही कुरीतियों को सपोर्ट भी कर रहा है ।
इन दिनों सीरियल मे सुगना जो की घर की बेटी है उसके गौने को एक हफ्ते से दिखाया जा रहा था जिसमे जब आनंदी की बाल विधवा सहेली फूली शादी की रस्मों को चोरी-छिपे देख रही होती है और दादी सा उसे देख कर अपशगुन हो गया का शोर मचाती है ।और तूफान खड़ा कर देती है । और उस एपिसोड के ख़त्म होने पर जनता की ओपिनियन पूछी जाती है कि क्या फूली का शादी मे शामिल होना अपशगुन है । अब जवाब जनता ने क्या दिया वो तो हम नही जानते है पर बुधवार के एपिसोड मे सुगना के पति प्रताप की मौत हो जाती है । वैसे अब प्रताप को मारने का कोई तुक नही था पर शायद सीरियल मे सुगना को भी दुखी और लाचार दिखाना चाहते है ।इसीलिए उसे भी बाल विधवा बना दिया । जिसकी कोई जरुरत नही थी ।
अगर विधवा फूली के शादी मे शामिल होने से वो अपशगुन नही हुआ ये दिखाते तो शायद ज्यादा बेहतर होता ।तारीफ की बात तो तब होती जब सुगना का खुशी-खुशी गौना होता और सुगना अपने पति के साथ अपनी ससुराल चली जाती ।
पर नही चूँकि विधवा फूली शादी मे शामिल हुई थी इसलिए अपशगुन हुआ और सुगना विधवा हो गई ।
अफ़सोस इस बात का है कि इस सीरियल ने अपनी ही बात को contradict कर दिया ।जहाँ एक तरफ़ तो सीरियल समाज की कुरीतियों को बदलने और दरशाने की कोशिश कर रहा है वहीं दूसरी तरफ़ उन्ही कुरीतियों को सपोर्ट भी कर रहा है ।
Comments
http://samaaj-parivaar.blogspot.com/2009/02/blog-post.html
reform सीरियल मे दिखने से नहीं होगा reform होगा जब इस सोच से हमको नफरत होगी . जब इस पर खुल कर बात होगी
the sucess of this serial is that we are detesting what is happening and if that happens in real life also the society will change .
and i give full marks to the actors who are performing well .
in rajstan the bride i am told if is widowed this way will have to go to her in laws place in any case and observe all rituals of a widow bride
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चाँद, बादल और शाम
आपने लिखा है विधवा के आने के बाद भी कुछ नही होना चाहिए था.. तब सही लगता.. मतलब कही ना कही आपको लगा की विधवा लड़की की वजह से ही अपशकुन हुआ होगा.. (जो बात अभी तक तो सीरियल में हुई नही है)
ऐसा नही होना चाहिए
हम इसलिए ये मान ले ? क्योंकि विधवा के घर में आने के बाद भी कुछ अपशकुन नही हुआ.. कितनी ग़लत सोच है..
बल्कि शगुन या अपशकुन कुछ भी होने के बावजूद अगर हम किसी को इसके लिए दोषी नही ठहराए तब सही मायनो में हमारी सोच विकसित होगी..
शायद इसके पीछे उनकी ऐसी सोच रही हो..
हो सकता है कि निर्देशक अब अपनी कहानी का फोकस बाल विवाह के साथ साथ विधवा विवाह पर भी करना चाहते हों।
मुझे लगता है कि प्रताप की मौत दिखाना कुछ खास गलत नहीं है। दरअसल हम पात्रों के साथ इतना जुड़ जाते हैं कि हम धारावाहिक में भि उनकी मौत को देख नहीं पाते।
खैर, जो भी हो प्रताप की भूमिका कर रहे होनहार और सुंदर कलाकार का रोल इतना जल्दी खत्म हो जायेगा आशा नहीं थी।
इस सीरीयल में एक खास बात और दिखी, कई नवोदित कलाकारों ने इतना सुंदर अभिनय किया है कि विश्वास नहीं होता कि ये सब नये कलाकार हैं।
Bhartiy samajik Ritiyaan, Shagun apshugan !
sudhar ki avashyakta hai een mei .
वेसे अब हमे ही सोचना चाहिये, ओर ऎसे कारयकर्मो को देखाना ही नही चाहिये.
धन्यवाद
रचना आपका कहना बिल्कुल सही है ।
रंजना जी आप जो कह रही है ऐसा ही कुछ शायद आगे दिखाया जायेगा जो की अच्छी बात है । पर उसके लिए सुगना को विधवा बनाना कुछ ठीक नही लगा ।
कुश जी हमें तो ख़ुद ही ये बात ग़लत लगी । और ये जो अपशगुन की बात हमने लिखी है उसमें हमारा यही मानना है कि शगुन-अपशगुन कुछ नही होता है । पर जिस तरह से सीरियल मे हालात दिखाए गए है वो इसी बात को दिखा रहे है ।
पर हम फ़िर भी कहेंगे कि इसमे सुगना को विधवा बनाने की कोई जरुरत नही थी ।