आप सबकी खट्टी-मीठी टिप्पणियों की बदौलत ब्लॉग ने पूरे किए दो साल
आज इस ब्लॉग्गिंग परिवार मे हमारा दूसरा जन्मदिन है ।अरे मतलब आज ही के दिन हमने ब्लॉग्गिंग शुरू की थी । :) इस दो साल के सफर मे हमें एक ऐसे परिवार का साथ मिला जिसमे दूरियां कोई मायने नही रखती है । और इस परिवार से एक अटूट रिश्ता बन गया है । इस परिवार के सदस्य सुख -दुःख मे हमेशा साथ खड़े नजर आते है । और अब तो चाहे वो खुशी की बात हो या गम की बात हो जब तक यहाँ पर जिक्र न कर ले तब तक मन मानता ही नही है । वो क्या कहते है की पेट मे बात पचती नही है । :)
हमारी ब्लॉग्गिंग के पहले और दूसरे साल मे वैसा ही फर्क है जैसे पहले साल मे बच्चे के क्रौल करने और दूसरे साल मे बच्चे के चलने का होता है । ओह हो नही समझे अरे मतलब जहाँ पहले साल मे बस ८-१० रीडर थे वहीं अब ४०-४७ के आस-पास रीडर हो गए है जो हमें खुश करने के लिए काफ़ी है । और stats काउंटर मे २५ हजार से ज्यादा का आंकडा भी दिख रहा है । :)
और हाँ हमारी क्या आपने चलती ट्रेन वाली पोस्ट ने तो अब तक हमारे पोस्ट पर आई टिप्पणियों का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया यानी २५ टिप्पणी से ज्यादा (३३ जो कि अपने आप मे एक रिकॉर्ड है )। :)
पहले साल मे जहाँ रेडियोनामा से जुड़े थे वहीं दूसरे साल मे नारी,माँ,दाल,रोटी चावल,और हिन्दी टॉकीज से जुड़े ( हालाँकि अभी तक माँ और हिन्दी टॉकीज मे कोई पोस्ट नही लिखी है । )
mamtatv , सवा सेर शौपर के अलावा hamare pets नाम का एक और ब्लॉग भी हमने (मार्च २००८ ) बनाया । वैसे आजकल hamare pets पर लिखना बंद है पर जल्द ही उस पर फ़िर से लिखना भी शुरू करेंगे । :)
पहले साल मे तो नही पर हाँ दूसरे साल मे हमने भी ब्लॉगर मीट करी थी जैसे फ़ोन पर मीनाक्षी,रंजना और रचना से बात और फ़िल्म फेस्टिवल के दौरान अविनाश वाचस्पति जी से मुलाकात हुई थी और इन दोनों ही तरह की ब्लॉगर मीट का अनुभव बहुत अच्छा रहा था । पर इन सभी बातों का जिक्र हमारे चिट्ठे पर इसलिए नही हुआ क्योंकि उन दिनों हम लो फ़ेज मे चल रहे थे ना । :)
बीच मे ५-६ महीने (जून -दिसम्बर) हम blogging से दूर थे पर उस दौरान यदा -कदा लिखी हमारी पोस्ट पर भी आप लोगों ने टिप्पणी करके हमारा मनोबल बढ़ाया ।
एक बार फ़िर तहे दिल से आपका सभी का शुक्रिया जिन्होंने अपनी मूल्यवान टिप्पणियों से हमारी हौसला अफजाई की । और उनका भी जिन्होंने हमारी पोस्ट को पढ़ा पर टिप्पणी नही की । :)
इसलिए आप सभी बधाई के पात्र है क्योंकि आपकी खट्टी-मीठी टिप्पणियों ने ही हमें यहाँ तक पहुंचाया है और इसके लिए आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया । क्योंकि अगर आप लोगों का साथ न होता तो हमारा ये सफर कब का खत्म हो गया होता ।
हमारी ब्लॉग्गिंग के पहले और दूसरे साल मे वैसा ही फर्क है जैसे पहले साल मे बच्चे के क्रौल करने और दूसरे साल मे बच्चे के चलने का होता है । ओह हो नही समझे अरे मतलब जहाँ पहले साल मे बस ८-१० रीडर थे वहीं अब ४०-४७ के आस-पास रीडर हो गए है जो हमें खुश करने के लिए काफ़ी है । और stats काउंटर मे २५ हजार से ज्यादा का आंकडा भी दिख रहा है । :)
और हाँ हमारी क्या आपने चलती ट्रेन वाली पोस्ट ने तो अब तक हमारे पोस्ट पर आई टिप्पणियों का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया यानी २५ टिप्पणी से ज्यादा (३३ जो कि अपने आप मे एक रिकॉर्ड है )। :)
पहले साल मे जहाँ रेडियोनामा से जुड़े थे वहीं दूसरे साल मे नारी,माँ,दाल,रोटी चावल,और हिन्दी टॉकीज से जुड़े ( हालाँकि अभी तक माँ और हिन्दी टॉकीज मे कोई पोस्ट नही लिखी है । )
mamtatv , सवा सेर शौपर के अलावा hamare pets नाम का एक और ब्लॉग भी हमने (मार्च २००८ ) बनाया । वैसे आजकल hamare pets पर लिखना बंद है पर जल्द ही उस पर फ़िर से लिखना भी शुरू करेंगे । :)
पहले साल मे तो नही पर हाँ दूसरे साल मे हमने भी ब्लॉगर मीट करी थी जैसे फ़ोन पर मीनाक्षी,रंजना और रचना से बात और फ़िल्म फेस्टिवल के दौरान अविनाश वाचस्पति जी से मुलाकात हुई थी और इन दोनों ही तरह की ब्लॉगर मीट का अनुभव बहुत अच्छा रहा था । पर इन सभी बातों का जिक्र हमारे चिट्ठे पर इसलिए नही हुआ क्योंकि उन दिनों हम लो फ़ेज मे चल रहे थे ना । :)
बीच मे ५-६ महीने (जून -दिसम्बर) हम blogging से दूर थे पर उस दौरान यदा -कदा लिखी हमारी पोस्ट पर भी आप लोगों ने टिप्पणी करके हमारा मनोबल बढ़ाया ।
एक बार फ़िर तहे दिल से आपका सभी का शुक्रिया जिन्होंने अपनी मूल्यवान टिप्पणियों से हमारी हौसला अफजाई की । और उनका भी जिन्होंने हमारी पोस्ट को पढ़ा पर टिप्पणी नही की । :)
इसलिए आप सभी बधाई के पात्र है क्योंकि आपकी खट्टी-मीठी टिप्पणियों ने ही हमें यहाँ तक पहुंचाया है और इसके लिए आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया । क्योंकि अगर आप लोगों का साथ न होता तो हमारा ये सफर कब का खत्म हो गया होता ।
Comments
do saal poore karne par aap ko deer saari badhaaee.....ishwar kare aap achchi achchi or informetive post likhati rahein,
any ways many congrats , continue writing
lot of love as usual
---
गुलाबी कोंपलें
सरकारी नौकरियाँ
आगे भी सफ़र जारी रहे…
शुभकामनाएँ !
सस्नेह
अन्नपूर्णा
रामराम.
घुघूती बासूती
घणी सीनियर ब्लॉगर हैं आप।
दूसरे वर्षगाँठ की बधाई..
नीरज
सबसे पहले तो बधाई स्वीकार करें!!
अब आते हैं आपके चिट्ठे पर! आपके लिखने का अंदाज बहुत स्वाभाविक है और पाठकों को एक इलेक्ट्रानिक डायरी पढने की अनुभूति देता है.
ब्लाग शुरू में इसी काम के लिये प्रयुक्त किया गया था. हिन्दी में आपका चिट्ठा उस कार्य को जीवित रखे है.
लिखती रहें!!
सस्नेह -- शास्त्री
http://chitthacharcha.blogspot.com/2009/02/blog-post_21.html
कुछ लड्डू-शड्डू भी होते तो …
:-)
- लावण्या