कभी-कभी ऐसे हालात हो जाते है कि बस (.shake hand और cheek kissing)
नोट- यहाँ ये कहना जरुरी है कि हम किसी भी धर्म या संस्कृति का अपमान करने की मंशा से नही लिख रहे है ।
हम हमेशा से यू.पी और दिल्ली में रहे है जहाँ किसी का भी अभिवादन हाथ जोड़ कर किया जाता है वो चाहे घर में आए हुए मेहमान हो या कहीं किसी पार्टी या फंक्शन में मिलने वाले लोग हो ।पर यहाँ गोवा में शादी-ब्याह हो,जन्मदिन पार्टी हो,या कोई फंक्शन हो hand shake करने का ही चलन है ।(वैसे तो दिल्ली मे भी इसका काफ़ी चलन हो गया है । )पर गोवा आकर हमारी इस आदत मे कुछ बदलाव आ गया है माने अब हम नमस्कार भी करते है और साथ ही साथ हाथ भी मिला लेते है । स्त्री हो या पुरूष हर कोई हाथ ही मिलाता है । अब ये बदलाव अच्छा है या बुरा नही जानते है । पर कभी-कभी ऐसे हालात हो जाते है कि बस कुछ पूछिए मत ।
और ऐसा नही है कि ये चलन सिर्फ़ कैथोलिक्स मे है यहाँ के जो भी लोकल लोग है वो सभी यही करते है । आपको शायद यकीन न हो पर हमारी खाना बनाने वाली जो catholic नही है वो भी जब किसी मौके पर जैसे जन्मदिन या नया साल होता है तो shake hand करके ही बधाई देती है ।
वैसे इस पोस्ट को लिखने का मन तो बहुत दिन से हो रहा था पर लिख नही रहे थे । खैर कुछ दिन पहले outlook (१९ जनवरी मे छपे नंदिनी मेहता के एक लेख mouth ke saudagar ) मे इस आर्टिकल को पढने के बाद इसे लिखने का मन बना ही लिया ।(इस आर्टिकल का लिंक नही लगा पा रहे है क्योंकि शायद मैगजीन छपने के एक हफ्ता या १० दिन के बाद outlook के कोई भी आर्टिकल को सिर्फ़ रजिस्टर करके ही पढा जा सकता है ।) अब गोवा में तो आप सभी लोग जानते है कि यहाँ पर पाश्चात्य सभ्यता का काफ़ी असर है ।यहाँ आम आदमी हो या बड़ा नेता या फ़िर चर्च के पादरी ही क्यों न हो हाथ मिलाने ( handshake) का काफ़ी प्रचलन है । जब हम नए-नए गोवा में आए थे तो आने के ४-५ दिन बाद ही एक फंक्शन मे गए अब हमने तो हाथ जोड़कर नमस्कार किया पर सामने वाले ने हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ा दिया । कुछ सेकंड तो समझ नही आया पर फ़िर न चाहते हुए भी हमने भी हाथ आगे बढ़ा दिया । ये था हमारा पहला अनुभव । और उसके बाद तो ऐसे अनगिनत मौके आते ही चले गए । कई बार तो ऐसा भी हो जाता है कि हम नमस्ते करते है तो सामने वाले नमस्ते करते हुए shake hand करने के लिए हाथ बढ़ा देते है ।
वैसे यहाँ पर shake hand करना और cheek kissing बहुत ही आम बात है बिल्कुल western countries की तरह । और ये हम सभी जानते है की ये एक gesture है ।फिल्मों मे, t.v.मे तो बहुत देखा है और जानते है इसके बारे में , पर मुश्किल तब आती है जब हमें ऐसे हालात से दोचार होना पड़ता है ।
अभी कुछ दिनों पहले ही मे हमें cheek kissing का भी अनुभव हुआ । हम किसी के घर शादी मे गए थे जहाँ जब परिवार की महिला सदस्यों से हमारा परिचय कराया गया तो उन्होंने बड़ी ही आत्मीयता से पहले तो shake hand किया और फ़िर cheek kissing की तो हमें बड़ा ही अजीब लगा क्योंकि ये हमारे लिए बिल्कुल अप्रत्याशित था । और हम समझ ही नही पाये कि हम क्या करें । :)
और सबसे मजेदार बात ये हुई कि चूँकि हम असमंजस मे थे और ऐसा कुछ होगा इसके लिए तैयार नही थे इसलिए जब उस महिला ने हमारे एक गाल पर किस कर लिया तो हम थोड़ा पीछे की तरफ़ हो गए ये समझकर कि मिलना हो गया पर तभी उस महिला ने हमारे दूसरे cheek की ओर जब अपना cheek बढाया तो हमने हडबडाहट मे अपना पहले वाला cheek आगे कर दिया पर शायद वो महिला समझ गई थी इसलिए उसने हमारे दूसरे cheek पर किस किया । और उसके बाद तो दूसरी और महिलाओं से भी shake hand और cheek kissing करके ही मिले क्योंकि हमारी नमस्ते के जवाब मेcheek kissing ही हुई ।अरे हंसने की कोई जरुरत नही है । :)
और नई जेनरेशन मे तो ये फैशन नही आम होता जा रहा है । गोवा मे रहते हुए इतने दिन हो गए है पर अभी भी कई बार इस तरह कि परिस्थिति मे जब फंस जाते है तो सोच नही पाते है कि क्या करें । अब आप चाहे तो हमें देहाती समझे या कुछ और । :)
हम हमेशा से यू.पी और दिल्ली में रहे है जहाँ किसी का भी अभिवादन हाथ जोड़ कर किया जाता है वो चाहे घर में आए हुए मेहमान हो या कहीं किसी पार्टी या फंक्शन में मिलने वाले लोग हो ।पर यहाँ गोवा में शादी-ब्याह हो,जन्मदिन पार्टी हो,या कोई फंक्शन हो hand shake करने का ही चलन है ।(वैसे तो दिल्ली मे भी इसका काफ़ी चलन हो गया है । )पर गोवा आकर हमारी इस आदत मे कुछ बदलाव आ गया है माने अब हम नमस्कार भी करते है और साथ ही साथ हाथ भी मिला लेते है । स्त्री हो या पुरूष हर कोई हाथ ही मिलाता है । अब ये बदलाव अच्छा है या बुरा नही जानते है । पर कभी-कभी ऐसे हालात हो जाते है कि बस कुछ पूछिए मत ।
और ऐसा नही है कि ये चलन सिर्फ़ कैथोलिक्स मे है यहाँ के जो भी लोकल लोग है वो सभी यही करते है । आपको शायद यकीन न हो पर हमारी खाना बनाने वाली जो catholic नही है वो भी जब किसी मौके पर जैसे जन्मदिन या नया साल होता है तो shake hand करके ही बधाई देती है ।
वैसे इस पोस्ट को लिखने का मन तो बहुत दिन से हो रहा था पर लिख नही रहे थे । खैर कुछ दिन पहले outlook (१९ जनवरी मे छपे नंदिनी मेहता के एक लेख mouth ke saudagar ) मे इस आर्टिकल को पढने के बाद इसे लिखने का मन बना ही लिया ।(इस आर्टिकल का लिंक नही लगा पा रहे है क्योंकि शायद मैगजीन छपने के एक हफ्ता या १० दिन के बाद outlook के कोई भी आर्टिकल को सिर्फ़ रजिस्टर करके ही पढा जा सकता है ।) अब गोवा में तो आप सभी लोग जानते है कि यहाँ पर पाश्चात्य सभ्यता का काफ़ी असर है ।यहाँ आम आदमी हो या बड़ा नेता या फ़िर चर्च के पादरी ही क्यों न हो हाथ मिलाने ( handshake) का काफ़ी प्रचलन है । जब हम नए-नए गोवा में आए थे तो आने के ४-५ दिन बाद ही एक फंक्शन मे गए अब हमने तो हाथ जोड़कर नमस्कार किया पर सामने वाले ने हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ा दिया । कुछ सेकंड तो समझ नही आया पर फ़िर न चाहते हुए भी हमने भी हाथ आगे बढ़ा दिया । ये था हमारा पहला अनुभव । और उसके बाद तो ऐसे अनगिनत मौके आते ही चले गए । कई बार तो ऐसा भी हो जाता है कि हम नमस्ते करते है तो सामने वाले नमस्ते करते हुए shake hand करने के लिए हाथ बढ़ा देते है ।
वैसे यहाँ पर shake hand करना और cheek kissing बहुत ही आम बात है बिल्कुल western countries की तरह । और ये हम सभी जानते है की ये एक gesture है ।फिल्मों मे, t.v.मे तो बहुत देखा है और जानते है इसके बारे में , पर मुश्किल तब आती है जब हमें ऐसे हालात से दोचार होना पड़ता है ।
अभी कुछ दिनों पहले ही मे हमें cheek kissing का भी अनुभव हुआ । हम किसी के घर शादी मे गए थे जहाँ जब परिवार की महिला सदस्यों से हमारा परिचय कराया गया तो उन्होंने बड़ी ही आत्मीयता से पहले तो shake hand किया और फ़िर cheek kissing की तो हमें बड़ा ही अजीब लगा क्योंकि ये हमारे लिए बिल्कुल अप्रत्याशित था । और हम समझ ही नही पाये कि हम क्या करें । :)
और सबसे मजेदार बात ये हुई कि चूँकि हम असमंजस मे थे और ऐसा कुछ होगा इसके लिए तैयार नही थे इसलिए जब उस महिला ने हमारे एक गाल पर किस कर लिया तो हम थोड़ा पीछे की तरफ़ हो गए ये समझकर कि मिलना हो गया पर तभी उस महिला ने हमारे दूसरे cheek की ओर जब अपना cheek बढाया तो हमने हडबडाहट मे अपना पहले वाला cheek आगे कर दिया पर शायद वो महिला समझ गई थी इसलिए उसने हमारे दूसरे cheek पर किस किया । और उसके बाद तो दूसरी और महिलाओं से भी shake hand और cheek kissing करके ही मिले क्योंकि हमारी नमस्ते के जवाब मेcheek kissing ही हुई ।अरे हंसने की कोई जरुरत नही है । :)
और नई जेनरेशन मे तो ये फैशन नही आम होता जा रहा है । गोवा मे रहते हुए इतने दिन हो गए है पर अभी भी कई बार इस तरह कि परिस्थिति मे जब फंस जाते है तो सोच नही पाते है कि क्या करें । अब आप चाहे तो हमें देहाती समझे या कुछ और । :)
Comments
waise kissa majedaar raha.
ऐसे अनुभव बाँटना भी मज़ेदार रहा…
लेकिन हम सब भारतीया अब भी यहां आपस मे मिलते है तो हाथ जोड कर ही नमस्ते करते है.
धन्यवाद, बहुत अच्छा लगा आप का यह बताना, कभी गोवा आये तो देखेगे यह सब.
आपने एक ऐसा विषय चुना जोकि सामाजिक जीवन के द्वंद को दिखता हैं। इस असमंजस की स्थिति से मैं ख़ुद भी रूबरू हो चुका हूँ। इस कारण और भी विषय से जुडा और विचारमग्न हुआ। साधुवाद।
हिन्दुस्तान में जो विविधता देखने को आती है वह कई बार सोच से परे है.
सस्नेह -- शास्त्री
-- हर वैचारिक क्राति की नीव है लेखन, विचारों का आदानप्रदान, एवं सोचने के लिये प्रोत्साहन. हिन्दीजगत में एक सकारात्मक वैचारिक क्राति की जरूरत है.
महज 10 साल में हिन्दी चिट्ठे यह कार्य कर सकते हैं. अत: नियमित रूप से लिखते रहें, एवं टिपिया कर साथियों को प्रोत्साहित करते रहें. (सारथी: http://www.Sarathi.info)टिप्पणी देकर उनको प्रोत्साहित करें!!
कभी कभी तो अपने निरिक्षणों के दौरान सफाइकर्मी से भी गले मिल लेता हूं - और यह कई लोगों को असहज लगता है।