बोल री कठपुतली , रात और दिन
ओह हो कन्फुज मत होइए ये दोनों एक नही अलग-अलग गीत है जिन्हें लता मंगेशकर ने गाया है । लता मंगेशकर के अपने पसंदीदा गीतों की श्रंखला को आज थोड़ा और आगे बढाया है ।
इसमे जो आखिरी गीत मन डोले है ,उसे बरसात के दिनों मे या रात मे बजाने को मना किया जाता था क्योंकि ऐसा कहा जाता था कि इसमे बजने वाली बीन को सुनकर कहीं कोई नागिन या नाग न आ जाए । हालाँकि ऐसा कभी हुआ नही था । :)
इसमे जो आखिरी गीत मन डोले है ,उसे बरसात के दिनों मे या रात मे बजाने को मना किया जाता था क्योंकि ऐसा कहा जाता था कि इसमे बजने वाली बीन को सुनकर कहीं कोई नागिन या नाग न आ जाए । हालाँकि ऐसा कभी हुआ नही था । :)
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Comments
Regards
और हाँ, ममता जी ! आपका निमोना तो हमारे परिवार में हिट हो गया। अभी तो मटर का जाता मौसम है, अगले मौसम में हम खूब बनाएगें, खूब खाएगें और आपको खूब याद करेंगे।
धन्यवाद
Hum to unki awaaz ke bahut bade Bhakt hain.
Sunte hee jhoomne lagte hain.
Thanx for these lovely songs.
They are ever green hits !!
Wonderful selection.
These are evergreen songs of Didi.
Thanx.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA
annapurna जी आपके परिवार को निमोना पसंद आया ये जानकर बहुत खुशी हुई ।
लावण्या जी पुराने गीतों की मिठास आज भी जैसी की तैसी है । और फ़िर लता जी के गानों की तो बात ही क्या ।