कितनी अजीब बात है ना कि जब लॉकडाउन शुरू हुआ था और हर राज्य में रहने वाले दूसरे राज्य के मज़दूर और श्रमिक जो ज़्यादातर यू.पी और बिहार के थे , को जब अपने गॉंव घर लौटना था तब ज़्यादातर स्टेटस या उनकी कम्पनियों ने उनके घर लौटने का कोई इंतज़ाम करने की ना तो ज़रूरत समझी थी और ना ही ज़्यादा कोशिश की थी । और ना ही उनके रहने खाने का सही इंतज़ाम करने की कोशिश की थी । बल्कि सबने एक तरह से हाथ खडे कर दिये थे । और उनको उनके हाल पर छोड़ दिया गया था । जिसकी वजह से उन श्रमिकों को घर जाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था । और चूँकि कोई इंतज़ाम नहीं था इसलिये जो जैसे जा सकता था वो वैसे ही अपने घरों के लिये निकल पड़ें । ऑटो, टेम्पो ,ट्रक ,मोटर साइकिल , रिक्शा ,ठेला और साइकिल और हज़ारों तो पैदल ही अपने घरों के लिये निकल पड़े थे । हालाँकि बहुत बाद में ट्रेनें और बसें भी चलाई गई थी । पर अब जब सब कम्पनियों को खोलना शुरू हो रहा है तो कम्पनियाँ भी घर वापिस गये श्रमिकों को बसों से और कुछ तो इनको प्लेन से भी वापिस बुला रही है । अब हर राज्य सरकार ये कहकर कि उनके राज्य में इतना विकास इन्हीं यू....