क्या कभी आपने सड़क पर पड़ा रुपया उठाया है ?
आजकल टी.वी. मे किसी pain relief cream शायद iodex का विज्ञापन आता है जिसमे एक आदमी सड़क पर पड़े ५०० के नोट को झुक कर उठा नही पाता है क्यूंकि उसकी कमर मे दर्द है।
इसी विज्ञापन को देख कर हमे एक वाकया याद आया है।उस समय दिल्ली के जिस ऑफिस मे हम काम करते थे ये वाकया ऑफिस मे साथ मे काम करने वाली हमारी एक बहुत अच्छी दोस्त के साथ हुआ था।इस घटना को अब ७ साल तो हो ही चुके है।दिल्ली का एम.ब्लाक मार्केट मंगलवार को बंद रहता है बस खाने-पीने की दुकाने खुली रहती है।और इसलिए वहां मंगलवार को ज्यादा भीड़-भाड़ नही होती थी। एक ऐसे ही मंगलवार को हमारी दोस्त अपनी बेटी के साथ एम.ब्लाक मार्केट के pizza hut मे pizza खाने गई थी।जैसे ही वो कार से उतरकर pizza hut की ओर चली कि उनकी निगाह सड़क पर पड़े ५०० रूपये के नोट पर पड़ी और उन्होंने वो रुपया उठा लिया और अपनी बेटी से हँसते हुए कहा की चलो आज तो अपने पैसे बच गए। आज का pizza तो फ्री मे खाया जायेगा क्यूंकि ये ५०० रूपये का नोट जो मिल गया है।
खैर दोनों माँ-बेटी ने pizza खाया और बिल उसी ५०० रूपये से दिया और खुश होकर बाहर अपनी कार की तरफ़ जैसे ही वो बढ़ी की उनका पैर मुड़ गया और वो जमीन पर गिर गई और उनके हाथ और पैर मे चोट आ गई।अगले दिन जब वो ऑफिस आई और हम लोगों को ये किस्सा खूब मजे ले- लेकर सुनाया और अपना सूजा हुआ हाथ भी दिखाया तो हमारी एक और बंगाली दोस्त ने उनसे कहा की आपने ये ठीक नही किया। आपको वो रुपया खर्च नही करना चाहिए था पता नही किसका रहा होगा।
इस पर वो बोली की उस समय ये सब उन्होंने नही सोचा था।
तो उन्ही बंगाली दोस्त ने कहा की देखा ,इसीलिए आपको चोट लगी है।
और फ़िर उन्होंने कहा की अगर कभी भी कहीं भी रुपया पड़ा मिले तो उसे कभी भी नही उठाना चाहिए । और अगर उठाते भी है तो उसे किसी मन्दिर मे रख देना चाहिए।वरना वैसा ही होता है जैसा की हमारी उस दोस्त के साथ हुआ था। यानी कि चोट लग सकती है।
तो अब आप भी कभी सड़क पर पड़ा रुपया मत उठाइयेगा वरना कहीं लेने के देने ना पड़ जाए। :)
इसी विज्ञापन को देख कर हमे एक वाकया याद आया है।उस समय दिल्ली के जिस ऑफिस मे हम काम करते थे ये वाकया ऑफिस मे साथ मे काम करने वाली हमारी एक बहुत अच्छी दोस्त के साथ हुआ था।इस घटना को अब ७ साल तो हो ही चुके है।दिल्ली का एम.ब्लाक मार्केट मंगलवार को बंद रहता है बस खाने-पीने की दुकाने खुली रहती है।और इसलिए वहां मंगलवार को ज्यादा भीड़-भाड़ नही होती थी। एक ऐसे ही मंगलवार को हमारी दोस्त अपनी बेटी के साथ एम.ब्लाक मार्केट के pizza hut मे pizza खाने गई थी।जैसे ही वो कार से उतरकर pizza hut की ओर चली कि उनकी निगाह सड़क पर पड़े ५०० रूपये के नोट पर पड़ी और उन्होंने वो रुपया उठा लिया और अपनी बेटी से हँसते हुए कहा की चलो आज तो अपने पैसे बच गए। आज का pizza तो फ्री मे खाया जायेगा क्यूंकि ये ५०० रूपये का नोट जो मिल गया है।
खैर दोनों माँ-बेटी ने pizza खाया और बिल उसी ५०० रूपये से दिया और खुश होकर बाहर अपनी कार की तरफ़ जैसे ही वो बढ़ी की उनका पैर मुड़ गया और वो जमीन पर गिर गई और उनके हाथ और पैर मे चोट आ गई।अगले दिन जब वो ऑफिस आई और हम लोगों को ये किस्सा खूब मजे ले- लेकर सुनाया और अपना सूजा हुआ हाथ भी दिखाया तो हमारी एक और बंगाली दोस्त ने उनसे कहा की आपने ये ठीक नही किया। आपको वो रुपया खर्च नही करना चाहिए था पता नही किसका रहा होगा।
इस पर वो बोली की उस समय ये सब उन्होंने नही सोचा था।
तो उन्ही बंगाली दोस्त ने कहा की देखा ,इसीलिए आपको चोट लगी है।
और फ़िर उन्होंने कहा की अगर कभी भी कहीं भी रुपया पड़ा मिले तो उसे कभी भी नही उठाना चाहिए । और अगर उठाते भी है तो उसे किसी मन्दिर मे रख देना चाहिए।वरना वैसा ही होता है जैसा की हमारी उस दोस्त के साथ हुआ था। यानी कि चोट लग सकती है।
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Comments
रोड़ पर पड़े पैसे उठाने के बारे में एक चुटकुला प्रसिद्ध है-
एक बार ऐसे ही एक आदमी बड़ी तेजी से स्कूटर पर जा रहा था कि उसकी नजर अचानक रोड़ पर पड़े एक सिक्के पर पड़ी और उसने जल्दी से स्कूटर को साईड में पार्क कर उस सिक्के को उठाने दौड़ा और बाद में हाथ झिटकते और पछताते हुए बोला... कैसे लोग है थूकते भी है तो ऐसे मानो एक रुपये का सिक्का पड़ा हो। :)
वैसे ममता जी शुक्रिया.. किस्सा बढ़िया था..
(च) क को एक मूल्यवान अंगूठी पड़ी मिलती है। वह नहीं जानता कि वह किसकी है। क उस के स्वामी को खोज निकालने का प्रयत्न किए बिना उसे तुरन्त बेच देता है। क इस धारा के अधीन अपराध का दोषी है।
इस धारा के अन्तर्गत दो वर्ष तक की कैद या जुर्माने या दोनों से दण्डित किए जाने का प्रावधान है।
हाँ, इस अपराध से बचने के लिए यह जरूर कहा जाता है कि ऐसे पैसे का परिणाम अच्छा नहीं होगा, ताकि पुलिस,अदालत से नहीं तो आदमी ऊपर वाले से तो डरे।
17-18 की आयु में एकबार दस का नोट पड़ा देखा, संयम टूट गया ।
सोचा आसपास कोई नहीं है और मुझे इंद्रजाल कामिक्स भी लेनी है, काम बन गया ।
नोट शायद सड़क पर चिपकाया गया था, झुका हुआ उठाने का उपक्रम कर ही रहा था कि
सहसा कई लड़के प्रगट हो गये, घेर लिया ।
ठिठोली करते हुये, होली का चंदा वसूल करके ही छोड़ा ।
पूरी तलाशी में जेब से मात्र 70 पैसे ही निकले, सो धकियाया गया वह अलग !
गिरे पड़े पैसे ? ना बाबा ना !!
दीपक भारतदीप