गोवा के एक ट्राइबल गाँव की झलक
ऐसा नही है की ट्राइबल सिर्फ़ जंगलों मे ही रहते है। अंडमान मे और मध्य प्रदेश मे भी हमने ट्राइबल देखे थे।और अब यहां गोवा मे ट्राइबल को देखने का अवसर मिला। ये ट्राइबल विलेज पंजिम से करीब ५० की.मी .दूर कनकोना के पास कजूर ( cazur ) नाम का छोटा सा गाँव है।जब हम लोग इस गाँव मे पहुंचे तो देखा की एक औरत अपने सिर पर लकड़ी को रखकर बड़े आराम से चली जा रही है।
हालांकि इस गाँव मे पानी के लिए इन सबके घरों मे नल (tap water) नही है। गाँव मे कुआं है ये सब लोग उस कुएं से पानी भरते है। और पूछने पर की कुएं से पानी लाने मे दिक्कत होती होगी तो इनका जवाब था की नही कुआं पास मे ही है। इस गाँव मे महिला मंडल है और आँगनवाडी भी है।यहां के बच्चों को स्कूल के लिए काफ़ी दूर आना पड़ता है। गोवा का ट्राइबल विलेज देख कर खुशी हुई की ये लोग सभ्यता और संस्कृती से अलग नही है। और इसी गाँव मे हमने पहली बार boiled rice कैसे बनाते है उसे देखा।
अब बोएल राइस के बारे मे तो हम सभी ने सुना है और घर मे भी कभी-कभी इस्तेमाल करते है।खास कर फ्राईड राइस के लिए। पर क्या आप जानते है की इसे कैसे बनाते है।नही ना। तो चलिए हम आपको बताते है की बोएल राइस किस तरह से बनाया जाता है।यहां पर हम ये बता दे की ये तरीका हमे यहां के एक ट्राइबल परिवार ने बताया है जिस तरह से वो इसे बनाते है।
तो बस कुछ फोटो और जो कुछ उन्होंने बताया वो नोट कर लिया। ये जो बड़ा सा मिटटी का चूल्हा और उस पर एक बड़ा सा हंडा आप देख रहे है इसी हंडे मे पानी भर कर कच्चा धान डाल कर आंच पर पकाया जाता है।शुरू मे आंच तेज रखते है और जब ये उबल जाता है तो चूल्हे की आंच धीमी कर दी जाती है।और धीमी आंच पर ये पकता रहता है।
और फ़िर धान को इस तरह जमीन पर फैला कर उस पर इस तरह से चलते है जिससे चावल धान से अलग हो जाते है। और पूरी तरह से तैयार बोएल राइस इस तरह का दिखता है।
तो कहिये कैसा लगा गोवा का ये गाँव। अगले हफ्ते हम इसी गाँव के बारे मे कुछ और बताएँगे।
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