गोवा का शिगमोत्सव फेस्टिवल
गोवा मे शनिवार २९ मार्च को शिगमोत्सव फेस्टिवल का आयोजन किया गया था।कार्निवाल की ही तरह शिगमोत्सव मे भी गोवा पूरी मस्ती मे डूब जाता है।पर कार्निवाल और शिगमोत्सव मे बहुत फर्क है। कार्निवाल मे जहाँ मौज-मस्ती और फन होता है और उसमे गोवा की एक वेस्टर्न झलक दिखती है तो वहीं शिगमोत्सव मे मौज-मस्ती तो रहती है पर इस फेस्टिवल मे गोवा की पारंपरिक और धार्मिक झलक देखने को मिलती है।शिग्मो की परेड मे ,फैंसी ड्रेस,फ्लोट और डांस सब कार्निवाल से बिल्कुल अलग होते है। ये शिग्मो परेड करीब ४-५ घंटे चलती है। शाम ५.३० बजे शुरू होकर १०-१०.३० तक ख़त्म होती है।
शिग्मो मे भी परेड निकाली जाती है।इसमे भी लोग नाचते-गाते है और फ्लोट निकालते है। इसके अलावा कुछ लोग फैंसी ड्रेस मे भी रहते है।फैंसी ड्रेस मे कोई भगवान विष्णु तो कोई नारद बना था।तो कोई साई बाबा तो कोई जादू-टोने वाला तांत्रिक।और कोई मंगल पान्डे।तो कोई रावण बना था।और रावण बेस्ट लगा था। पर रावण की फोटो रात होने और मोबाइल से खींची होने के कारण ज्यादा क्लीयर नही है।रावण ने सीता हरण को दिखाया था जिसमे उसने अपनी पीठ पर गरुण को लगा रक्खा था और सीता का एक पुतला साथ ले कर चल रहा था। यहां तक की शिगमोत्सव की फ्लोट मे भी ज्यादातर धार्मिक झलक मिलती है। जैसे शिव-पार्वती ,राम-सीता,गणेश जी,हनुमान जी ही फ्लोट के मुख्य आकर्षण थे। इस शिग्मो मे कोम्पतिशन होता है ग्रुप डांस ,फ्लोट ,और इन्दिविजुअल का। परेड के शुरू करने के पहले पूजा की जाती है और फ़िर पटाखे चलाये जाते है।और बाकायदा बिगुल सा बजाया जाता है। और परेड की शुरुआत बैंड-बाजे के साथ होती है। मिलिंद गुनाजी इसमे अतिथि के रूप मे आमंत्रित थे।बाईं ओर काले कुरते मे और दाहिनी ओर महिलायें नृत्य करती हुई।
शिग्मो मे भी परेड निकाली जाती है।इसमे भी लोग नाचते-गाते है और फ्लोट निकालते है। इसके अलावा कुछ लोग फैंसी ड्रेस मे भी रहते है।फैंसी ड्रेस मे कोई भगवान विष्णु तो कोई नारद बना था।तो कोई साई बाबा तो कोई जादू-टोने वाला तांत्रिक।और कोई मंगल पान्डे।तो कोई रावण बना था।और रावण बेस्ट लगा था। पर रावण की फोटो रात होने और मोबाइल से खींची होने के कारण ज्यादा क्लीयर नही है।रावण ने सीता हरण को दिखाया था जिसमे उसने अपनी पीठ पर गरुण को लगा रक्खा था और सीता का एक पुतला साथ ले कर चल रहा था। यहां तक की शिगमोत्सव की फ्लोट मे भी ज्यादातर धार्मिक झलक मिलती है। जैसे शिव-पार्वती ,राम-सीता,गणेश जी,हनुमान जी ही फ्लोट के मुख्य आकर्षण थे। इस शिग्मो मे कोम्पतिशन होता है ग्रुप डांस ,फ्लोट ,और इन्दिविजुअल का। परेड के शुरू करने के पहले पूजा की जाती है और फ़िर पटाखे चलाये जाते है।और बाकायदा बिगुल सा बजाया जाता है। और परेड की शुरुआत बैंड-बाजे के साथ होती है। मिलिंद गुनाजी इसमे अतिथि के रूप मे आमंत्रित थे।बाईं ओर काले कुरते मे और दाहिनी ओर महिलायें नृत्य करती हुई।
शिग्मो जैसा की इसे आम बोल चाल मे कहा जाता है मुख्य रूप से जाते हुए जाड़े और गर्मी के स्वागत के रूप मे मनाया जाता है। ये फेस्टिवल मुख्य रूप से किसानों और गोवा के ग्रामीण इलाके की झलक दिखलाता है।इस फेस्टिवल की शुरुआत होली के दिन से होती है इसीलिए इसे होली के त्यौहार के रूप मे भी मनाया जाता है।यानी गुलाल खेला जाता है।
इस फोटो मे बच्चे शिवाजी बने है।जो मराठा समय को दर्शा रहे है।
साथ ही कुछ विडियो भी लगा रहे है।ज्यादा बड़े नही , एक-डेढ़ मिनट के है।लोड होने मे थोड़ा समय लग सकता है।
Comments
ज्ञानजी सही कह रहे हैं, काफी मेहनत लगी होगी इस पोस्ट को तैयार करने में। आपने ब्लागर पर मूवी कैसे अपलोड की ? जानना चाहेंगे अगर ईमेल पर हमें बता सकें।
दीपक भारतदीप