बुल फाईट (कौन बड़ा जानवर है)
बुल फाईट एक ऐसा खेल है जो इंसान और (जानवर)सांड के बीच मे खेला जाता है।या फिर दो सांडों की लड़ाई भी कराई जाती है। इस बुल फाईट के खेल को देख कर ये समझना मुश्किल हो जाता है की आदमी बड़ा जानवर है या सांड। भारत मे तो इस खेल के दोनों रुप प्रचलित है।
बुल फाईटका खेल स्पेन,फ़्रांस,लैटिन अमेरिका,पुर्तगाल मे तो बहुत ही जोर-शोर से होता है जहाँ कई लोग इस खेल मे भाग लेते है ।इन जगहों पर स्टेडियम मे बाकायदा लोग अपने-अपने बुल लेकर भी आते है।कई बार लोग स्टेडियम मे बुल पर बैठकर प्रवेश करते है पर कई बार बुल उन्हें गिरा भी देता है। कई जगहों पर तो पारंपरिक वेश-भूषा मे लोग बुलफाईट करते है। जहाँ बुल को एक लाल कपड़ा दिखाकर उकसाया जाता है और उसका ध्यान कपडे की ओर खींचा जाता हैऔर जब यही बुल बिगड़ जाता है तो खेलने वाले के जान के लाले पड़ जाते है। जैसा की इस विडियो मे दिखाया गया है।
अपने भारत देश मे भी बुल फाईट बहुत प्रचलित है । तमिल नाडू मे जल्ली कट्टू नाम से ये खेल जाना जाता है। इस जल्ली कट्टू मे सांड को लोगों के बीच मे खुला छोड़ दिया जाता है और वो लोगों यानी जनता के बीच मे भागता है और जनता उसे काबू मे करने की कोशिश करती है।इस खेल मे जान का ख़तरा होता है पर फिर भी लोग इसे खेलने से डरते नही है। ।कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस खेल पर प्रतिबंध लगाया था पर बाद मे सुप्रीम कोर्ट ने ये प्रतिबंध हटा लिया था। और प्रतिबंध हटाने के चंद रोज बाद ही इस जल्ली-कट्टू खेल के दौरान एक सत्तर साल के व्यक्ति की मृत्यु हो गयी थी। हालांकि वो व्यक्ति जनता के बीच मे खड़ा होकर ये खेल देख रहा था । हो सकता है इस खेल मे जितना खेलने वाले को रोमांच होता है उतना ही रोमांच इसे देखने वाले को भी होता होगा ।इसीलिए लोग जान की परवाह ना करते हुए इस खेल को खेलते और देखते है।
तमिल नाडू की तरह ही यहां गोवा मे भी बुल फाईट बहुत प्रचलित है। गोवा मे तो बिना किसी सुरक्षा के इंतजाम के बिल्कुल खुले मैदान मे ही बुल फाईट कराई जाती है।और अक्सर यहां के अखबारों मे ऐसी ही बुल फाईट की खबरें निकलती रहती है।पेटा (peta) और दूसरे एन.जी.ओ.इस खेल के खिलाफ आवाज उठाते है पर उससे बुल फाईट के खेल पर कोई असर नही पड़ता है। और तो और यहां गोवा मे तो सरकार बुल फाईट को लीगल ही करने की सोच रही है।
अंत मे जल्ली कट्टू का ये विडियो देखिए जो हमें कुछ सोचने पर मजबूर करता है।
बुल फाईटका खेल स्पेन,फ़्रांस,लैटिन अमेरिका,पुर्तगाल मे तो बहुत ही जोर-शोर से होता है जहाँ कई लोग इस खेल मे भाग लेते है ।इन जगहों पर स्टेडियम मे बाकायदा लोग अपने-अपने बुल लेकर भी आते है।कई बार लोग स्टेडियम मे बुल पर बैठकर प्रवेश करते है पर कई बार बुल उन्हें गिरा भी देता है। कई जगहों पर तो पारंपरिक वेश-भूषा मे लोग बुलफाईट करते है। जहाँ बुल को एक लाल कपड़ा दिखाकर उकसाया जाता है और उसका ध्यान कपडे की ओर खींचा जाता हैऔर जब यही बुल बिगड़ जाता है तो खेलने वाले के जान के लाले पड़ जाते है। जैसा की इस विडियो मे दिखाया गया है।
अपने भारत देश मे भी बुल फाईट बहुत प्रचलित है । तमिल नाडू मे जल्ली कट्टू नाम से ये खेल जाना जाता है। इस जल्ली कट्टू मे सांड को लोगों के बीच मे खुला छोड़ दिया जाता है और वो लोगों यानी जनता के बीच मे भागता है और जनता उसे काबू मे करने की कोशिश करती है।इस खेल मे जान का ख़तरा होता है पर फिर भी लोग इसे खेलने से डरते नही है। ।कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस खेल पर प्रतिबंध लगाया था पर बाद मे सुप्रीम कोर्ट ने ये प्रतिबंध हटा लिया था। और प्रतिबंध हटाने के चंद रोज बाद ही इस जल्ली-कट्टू खेल के दौरान एक सत्तर साल के व्यक्ति की मृत्यु हो गयी थी। हालांकि वो व्यक्ति जनता के बीच मे खड़ा होकर ये खेल देख रहा था । हो सकता है इस खेल मे जितना खेलने वाले को रोमांच होता है उतना ही रोमांच इसे देखने वाले को भी होता होगा ।इसीलिए लोग जान की परवाह ना करते हुए इस खेल को खेलते और देखते है।
तमिल नाडू की तरह ही यहां गोवा मे भी बुल फाईट बहुत प्रचलित है। गोवा मे तो बिना किसी सुरक्षा के इंतजाम के बिल्कुल खुले मैदान मे ही बुल फाईट कराई जाती है।और अक्सर यहां के अखबारों मे ऐसी ही बुल फाईट की खबरें निकलती रहती है।पेटा (peta) और दूसरे एन.जी.ओ.इस खेल के खिलाफ आवाज उठाते है पर उससे बुल फाईट के खेल पर कोई असर नही पड़ता है। और तो और यहां गोवा मे तो सरकार बुल फाईट को लीगल ही करने की सोच रही है।
अंत मे जल्ली कट्टू का ये विडियो देखिए जो हमें कुछ सोचने पर मजबूर करता है।
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दीपक भारतदीप