बेटियाँ आशीर्वाद या अभिशाप (१)
इधर कई दिनों से हम यही सोच रहे है की बेटी होना आशीर्वाद है या अभिशाप । अक्सर हम ऐसी बातें पढ़ते और सुनते है जहाँ बेटी का होना अभिशाप माना जाता है । ये आज से नही सदियों से चला आ रहा है । पुराने जमाने मे ज्यादा पीछे नही जाते है पर ५० साल पहले भी बेटियों के पैदा होने पर घरों मे ख़ुशी कम औए मातम ज्यादा मनाया जाता था । हर घर मे बेटे की चाहत होती क्यूंकि बडे - बुजर्गों का मानना था कि वंश तो बेटे से ही चलता है और बेटियाँ तो पराया धन होती है । हमेशा से बेटी के जन्म पर शोक मनाया जाता रहा है जबकि बेटी के पैदा होने पर हमेशा ही ये भी कहा जाता है कि लक्ष्मी आई है । पर बेटे के पैदा होने पर जश्न मनाया जाता है । और बेटे को हमेशा घी का लड्डू माना जाता रहा है । क्यों ये तो सभी जानते है । ऐसा पहले सुनते थे कि राजस्थान मे बेटी पैदा होने पर मार दी जाती थी । पर अब तो राजस्थान क्या सारे देश मे ही बेटियों की बड़ी ही निर्ममता से ...