राज की सेना का देश के प्रति जज्बा .....
२६ नवम्बर को जब मुंबई रेलवे स्टेशन ,ताज होटल,ओबराय होटल , नरीमन हाउस और कामा हॉस्पिटल मे आतंकी हमले हो रहे थे और उस समय राज की सेना मुंबई मे कहाँ थी किसी को भी नही पता था यहाँ तक की उस आतंकी हमले के पंद्रह दिन बाद भी कहीं भी राज की सेना और बाल ठाकरे की सेना का कहीं कुछ अता- पता नही था । पर फ़िर अचानक एक दिन बाल ठाकरे जी जागे और मुंबई हमले के आतंकी कसाब को सरेआम फांसी की अपील की । अब जब चाचाजी ने अपील की तो भला भतीजे जी कैसे पीछे रहते उनकी सेना भी हरकत मे आ गयी और जो वकील कसाब का केस लड़ने के लिए तैयार हुआ था उसके घर जाकर राज की सेना ने तोड़-फोड़ कर अपने जौहर का प्रदर्शन किया ।और आख़िर मे उस वकील ने अपना नाम वापिस ले लिया जबकि सभी को पता है कि अगर कोई वकील नही होगा तो कसाब का केस कमजोर हो जायेगा । और इसके लिए c.j.i. को स्टेटमेंट देना पड़ा तब कहीं जाकर कसाब के लिए वकील हुआ ।
और आज अखबार मे ख़बर पढ़ी कि (अब जब राज की सेना जाग गई है तो )कल उनकी सेना ने एक पाकिस्तानी कॉमेडियन को शो और देश से बाहर निकालने का बीड़ा उठाया और उसे बाहर कर दिया । काश राज की सेना २६ नवम्बर को जागी होती और उन गिनती के १० आतंक वादियों को अपना जौहर दिखाती तो इतने बेक़सूर लोगों की जाने नही जाती । भला एम .एन.एस के लिए क्या मुश्किल था १० आतंकियों को मार गिराना क्योंकि जिस तरह उनके सैनिक उत्तर भारतीय लोगों की गाड़ी और सर फोड़ते थे अगर उसी तरह वो मुंबई मे उस २६ नवम्बर को रहे हमले मे आतंक वादियों के सर फोड़ते तो शायद जनता उन पर गर्व कर सकती । ( बिल्कुल जलियांवाला बाग़ की तरह जिसमे जनरल डायर गोली चलवाते रहे और देश भक्त लोग गोली से डरे बिना आगे बढ़ते रहे और देश पर कुरबान होते रहे । )
काश ऐसा होता पर अफ़सोस उन्हें तो निहत्तथे और लाचार लोगों पर ही शायद वार करना आता है ।
और आज अखबार मे ख़बर पढ़ी कि (अब जब राज की सेना जाग गई है तो )कल उनकी सेना ने एक पाकिस्तानी कॉमेडियन को शो और देश से बाहर निकालने का बीड़ा उठाया और उसे बाहर कर दिया । काश राज की सेना २६ नवम्बर को जागी होती और उन गिनती के १० आतंक वादियों को अपना जौहर दिखाती तो इतने बेक़सूर लोगों की जाने नही जाती । भला एम .एन.एस के लिए क्या मुश्किल था १० आतंकियों को मार गिराना क्योंकि जिस तरह उनके सैनिक उत्तर भारतीय लोगों की गाड़ी और सर फोड़ते थे अगर उसी तरह वो मुंबई मे उस २६ नवम्बर को रहे हमले मे आतंक वादियों के सर फोड़ते तो शायद जनता उन पर गर्व कर सकती । ( बिल्कुल जलियांवाला बाग़ की तरह जिसमे जनरल डायर गोली चलवाते रहे और देश भक्त लोग गोली से डरे बिना आगे बढ़ते रहे और देश पर कुरबान होते रहे । )
काश ऐसा होता पर अफ़सोस उन्हें तो निहत्तथे और लाचार लोगों पर ही शायद वार करना आता है ।
Comments
jinki koi aukat nahi ho hame unaki baaton par dhyan nahi dena chahiye.....
aur RAJ AUR BALA ki aukat mumbai ataik ke baad poori aavam samjh gayi hai fir in jahilon ke bare me baat karke apna samay kyun barbad karna......
jinki koi aukat nahi ho hame unaki baaton par dhyan nahi dena chahiye.....
aur RAJ AUR BALA ki aukat mumbai ataik ke baad poori aavam samjh gayi hai fir in jahilon ke bare me baat karke apna samay kyun barbad karna......
देख लो
इन्हीँ का "राज" है मुँबई पर !! :-(
धन्यवाद
धन्यवाद