आज की पोस्ट बेटे के नाम ...........

हमारा छोटा बेटा जो की दिल्ली मे है ,अभी हाल ही में उस के collage मे फेस्ट था । और इस बार फेस्ट को औरगानाईज करने में बेटे ने काफ़ी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया । तीन दिन तक चले इस फेस्ट के आखिरी दिन बेटे ने भी अपने दोस्तों के साथ पहली बार perform किया । कल उसने अपना ये वीडियो हमें भेजा तो हमने सोचा की अपने इस ब्लॉगर परिवार को भी दिखाया जाए । तो आज उसी का वीडियो हम यहाँ पर लगा रहे है

हमारे सुपुत्र अभिनव नीले कुरते मे बेस गिटार बजा रहे है । सफ़ेद शर्ट में मैथयू जैकब है ,नीली शर्ट मे समीर फराज है काले कुरते मे aparna और लाल कुरते मे निखिल ड्रम बजा रहे है ।

Comments

putra kee uplabdhi nischit hee gaurvaanvit kartee hai, achha laga dekh sun kar. aapko badhai ho
Rachna Singh said…
thanks for sharing the video
u make good us e of the blog
wow
बहुत अच्छा.बधाई .
ममता जी,आप को बहुत बहुत बधाई हो।संतान की कामयाबी माँ-बाप का सिर ऊँचा कर देती हैं।
ममता जी बधाई हो
ये अहसास बहुत मीठा होता है ,,,,apko बधाई
हमारा छोटा बेटा भी हमसे दूर है जो ड्रम बजाता है... आपके बेटे का वीडियो देखकर दिल खुश हो गया...बेटे को प्यार और आशीर्वाद दीजिएगा.
Yunus Khan said…
मुबारक हो जी
mehek said…
waah anand aa gaya,bahut badhai ho,beti ki kamyabi pe.
बहुत बहुत बधाई आपको ममता जी

और बहुत बहुत धन्‍यवाद कि आपने इस सुनहरे पल को हम सबके साथ सांझा किया
आपकी इस सुखद अनुभूति के लिए बधाईयाँ. .
आपने जो अनुभूति की , हमने भी उसका आनंद लिया.
सच है सबसे ज्यादा मां ही खुश होती है
- विजय
बहुत ख़ुशी हुई बधाई ममता जी ..
वर्षा said…
मुबारकां
वर्षा said…
मुबारकां
बहुत आशिष चि. अभिनव बेटे को
- लावण्या
बेटा कॉलेज में?! कम ऑन, मैं तो समझता था कि आपकी उम्र २६-३० के बीच है!
Unknown said…
अच्छा लगा वीडियो देखकर।
Abhishek Ojha said…
ले ! ज्ञान जी की तरह हम भी अचकचा गए... आपके ब्लॉग से आपकी उम्र पर पता ही नहीं चलता :-)
फिलहाल ढेर सारी बधाई !
कुछ कमेन्‍ट पढ़कर पहले हँसने का मन कर रहा है। हा हा हा
भाई अभिनव जी को बहुत बहुत शुभकामनाऍं। अभिनव जी को देख भ्रन्ति दूर हो गई है पता चल गया कि आप मेरी माता जी की जी ऐज की है। :)

बहुत पहले आपके कमेन्‍ट से पता चला था कि फोटो में आप जितनी दिखती है उतनी नही है किन्‍तु आज पता चला कि ज्ञान जी की तरह हम भी जितना सोचते थे उम्‍मीद कुछ ज्‍यादा ही मिला।

दुनिया बहुत बड़ी है किन्‍तु प्रेम की डोर इसे बहुत छोटा कर देती है। वैसे प्रयाग तो अपना शहर है हमेंशा आना होगा, इस बार न सही अगली बार सही मिलता तो होगा ही।

आपका ईमेल पता मेरे पास नही है कृपया देने का कष्‍ट करे- pramendraps@gamil dot co,

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