TIATR ( तिअत्र ) कुछ अलग है
ये शब्द पढने और सुनने मे कुछ अजीब सा लग रहा है पर असल मे ऐसा कुछ नही है ।वैसे इसका सही उच्चारण भी अभी तक ठीक से क्या है हमें पता नही है क्यूंकि कोई तिअत्र तो कोई तिअतर तो कोई तियत्र कहता है । खैर नाम मे न उलझ कर कुछ इसके बारे मे बताते है ।
गोवा मे tiatr १०० साल से होता चला आ रहा है । tiatr के लिए कहा जाता है कि इसे बहुत अधिक loud होना चाहिए । इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसमे जो भी कहानी होती है वो गोवा के लोगों की जिंदगी पर आधारित होती है वो चाहे राजनीति हो या फ़िर कोई सोशल मुद्दा हो , पुलिस हो या चाहे आम आदमी की जिंदगी।हर दर्शक कहानी से अपने आप को identify कर सकता है । इसमे सटायर भी खूब होता है ।और इसमे संदेश भी होता है । यहाँ के लोगों का कहना है कि ये आम नाटकों (ड्रामा और थिएटर) से थोड़ा अलग है ।
हालाँकि अब इस tiatr मे हिंदू कलाकार भी भाग लेने लगे है पर ऐसा कहते है कि शुरूआती दौर मे ज्यादातर कैथोलिक ही इसमे भाग लेते थे क्यूंकि इसमे saxtti (कोंकणी )भाषा का इस्तेमाल किया जाता है जिसे साउथ goa मे बोला जाता है और वहां कैथोलिक ज्यादा रहते है।
इस tiatr की एक और खासियत है वो ये कि इसमे 7 act,1 act 5 act होता है ।आम तौर पर 7 act play होता है (माने सात अंतराल )१० मिनट का act और १० मिनट का कन्तारा मतलब एक tiatr ७ भागों मे बँटा होता है और हर भाग तकरीबन १० मिनट का होता है और पहला act ख़त्म होने पर परदा गिरता है और कन्तारा ( songs ) शुरू होता है ।जिसमे लाइव ओर्केस्ट्रा होता है । और ये songs या कन्तारा tiatr का पार्ट नही होता है बल्कि बिल्कुल अलग ही होता है ।और जैसे ही कन्तारा ख़त्म होता है तो परदा उठता है और अगला सीन शुरू हो जाता है। यहाँ के लोगों का मानना है कि songs इसलिए गाये जाते है जिससे दर्शक tiatr के सीरियस मूड से बाहर निकल सके ।
जब से हम गोवा आए है तब से tiatr के बारे मे सुनते और अखबार मे पढ़ते चले आ रहे है ।पंजिम की कला अकेडमी मे तो अक्सर ही इसके शो होते रहते है।पर हम किसी न किसी वजह से उन्हें देख नही पाये । खैर २ साल बाद कल हम पहली बार tiatr देखने गए ।इस कोंकणी tiatr का नाम था vont lagim kaliz pois जिसमे परिवार की इकलौती बहू का मर्डर हो जाता है और शक घर वालों पर जाता है क्यूंकि पुलिस की पूछ ताछ के दौरान हर कोई अलग-अलग बयान देता है ।और आखिरी act मे दिखाते है कि असल मे बहू का मर्डर नही हुआ था बल्कि सास सपना देख रही होती है कि उसकी बहु का मर्डर हो गया है ।अंत मे एक हैप्पी फॅमिली दिखाई गई । इसका अंत बिल्कुल ही निराला था जो बहुत पसंद आया । इस मे जब भी पुलिस परिवार के किसी सदस्य से पूछ-ताछ करती थी तो सीक्वेंस को flashback के जरिये दिखाया जाता था ।
यहाँ हम एक वीडियो लगा रहे है जिसे आप देखिये और तभी आपको कन्तारा और act के बारे मे पता चलेगा । अब वीडियो देखने के लिए ३-४ मिनट तो देने ही पड़ेंगे । :)
और हाँ जैसे ही song ख़त्म होगा तो (बंद मत कर दीजियेगा क्यूंकि )२-३ सेकंड के लिए डार्क दिखेगा क्यूंकि उस समय परदा उठा रहा था और फ़िर एक छोटा सा सीन दिखेगा । अब ये आपके ऊपर है कि आप देखते है या नही ।
(वैसे समझने के लिए सीधे-साधे शब्दों मे कहे तो इसे थिएटर का ही एक रूप कह सकते है )
गोवा मे tiatr १०० साल से होता चला आ रहा है । tiatr के लिए कहा जाता है कि इसे बहुत अधिक loud होना चाहिए । इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसमे जो भी कहानी होती है वो गोवा के लोगों की जिंदगी पर आधारित होती है वो चाहे राजनीति हो या फ़िर कोई सोशल मुद्दा हो , पुलिस हो या चाहे आम आदमी की जिंदगी।हर दर्शक कहानी से अपने आप को identify कर सकता है । इसमे सटायर भी खूब होता है ।और इसमे संदेश भी होता है । यहाँ के लोगों का कहना है कि ये आम नाटकों (ड्रामा और थिएटर) से थोड़ा अलग है ।
हालाँकि अब इस tiatr मे हिंदू कलाकार भी भाग लेने लगे है पर ऐसा कहते है कि शुरूआती दौर मे ज्यादातर कैथोलिक ही इसमे भाग लेते थे क्यूंकि इसमे saxtti (कोंकणी )भाषा का इस्तेमाल किया जाता है जिसे साउथ goa मे बोला जाता है और वहां कैथोलिक ज्यादा रहते है।
इस tiatr की एक और खासियत है वो ये कि इसमे 7 act,1 act 5 act होता है ।आम तौर पर 7 act play होता है (माने सात अंतराल )१० मिनट का act और १० मिनट का कन्तारा मतलब एक tiatr ७ भागों मे बँटा होता है और हर भाग तकरीबन १० मिनट का होता है और पहला act ख़त्म होने पर परदा गिरता है और कन्तारा ( songs ) शुरू होता है ।जिसमे लाइव ओर्केस्ट्रा होता है । और ये songs या कन्तारा tiatr का पार्ट नही होता है बल्कि बिल्कुल अलग ही होता है ।और जैसे ही कन्तारा ख़त्म होता है तो परदा उठता है और अगला सीन शुरू हो जाता है। यहाँ के लोगों का मानना है कि songs इसलिए गाये जाते है जिससे दर्शक tiatr के सीरियस मूड से बाहर निकल सके ।
जब से हम गोवा आए है तब से tiatr के बारे मे सुनते और अखबार मे पढ़ते चले आ रहे है ।पंजिम की कला अकेडमी मे तो अक्सर ही इसके शो होते रहते है।पर हम किसी न किसी वजह से उन्हें देख नही पाये । खैर २ साल बाद कल हम पहली बार tiatr देखने गए ।इस कोंकणी tiatr का नाम था vont lagim kaliz pois जिसमे परिवार की इकलौती बहू का मर्डर हो जाता है और शक घर वालों पर जाता है क्यूंकि पुलिस की पूछ ताछ के दौरान हर कोई अलग-अलग बयान देता है ।और आखिरी act मे दिखाते है कि असल मे बहू का मर्डर नही हुआ था बल्कि सास सपना देख रही होती है कि उसकी बहु का मर्डर हो गया है ।अंत मे एक हैप्पी फॅमिली दिखाई गई । इसका अंत बिल्कुल ही निराला था जो बहुत पसंद आया । इस मे जब भी पुलिस परिवार के किसी सदस्य से पूछ-ताछ करती थी तो सीक्वेंस को flashback के जरिये दिखाया जाता था ।
यहाँ हम एक वीडियो लगा रहे है जिसे आप देखिये और तभी आपको कन्तारा और act के बारे मे पता चलेगा । अब वीडियो देखने के लिए ३-४ मिनट तो देने ही पड़ेंगे । :)
और हाँ जैसे ही song ख़त्म होगा तो (बंद मत कर दीजियेगा क्यूंकि )२-३ सेकंड के लिए डार्क दिखेगा क्यूंकि उस समय परदा उठा रहा था और फ़िर एक छोटा सा सीन दिखेगा । अब ये आपके ऊपर है कि आप देखते है या नही ।
(वैसे समझने के लिए सीधे-साधे शब्दों मे कहे तो इसे थिएटर का ही एक रूप कह सकते है )
Comments
मुझे तियात्र पर यह पेज जानकारी पूर्ण लगा।
तियात्र पर यह पेज जानकारी पूर्ण लगा।
THANKS