कुछ और गोवा के गणेश चतुर्थी की तसवीरें
आज हम कुछ और गणेश चतुर्थी की फोटो लगा रहे है।जो गोवा मे अलग-अलग जगहों पर और कुछ अलग सी चीजों को इस्तेमाल करके बनाया गया है। इनमे गणेश जी के विभिन्न रुप दिखते है। और साथ ही हर मूर्ति मे कुछ नया सा है। यहां घरों मे रखे जाने वाले तथा पंडालों मे स्थापित गणेश की प्रतिमा और सजावट के लिए प्रतियोगिता रखी जाती है। भाई हमने तो इतने विविध रुपी गणेश पहले कभी नही देखे थे ,हो सकता है आप लोगों ने देखे हो पर फिर भी हम इन्हें आप लोगों के लिए प्रस्तुत कर रहे है।और हाँ किसी भी फोटो को अगर आप बडे साइज मे देखना चाहते है तो उस फोटो पर क्लिक कर दीजियेगा।
इस पहली फोटो मे गणेश जी के साथ ही अन्य भगवानों को भी दिखाया गया है। और इसे पंजिम के पुलिस स्टेशन मे रखा गया था । यहां गोवा के सभी पुलिस स्टेशन के बीच सबसे सुन्दर मूर्ति की प्रतियोगिता भी होती है। ये मूर्ति पंजिम के ही एक पंडाल की है जिसमे साई बाबा को दिखाया गया है।
इस मूर्ति मे गणेश जी को दुर्गा रुपी दिखाया गया है। ये मूर्ति पंजिम के मारुति मंदिर मे स्थापित की गयी थी।
ये मूर्ति ऊन से बनाई गयी है।
इस मूर्ति मे गणेश जी को विष्णु के मत्स्यरूपी अवतार मे दिखाया गया है। और मूर्ति के पीछे नाव मे जो लोग दिख रहे है वो इसलिये क्यूंकि मूर्ति की देखभाल भी जरुरी है। और ये मूर्ति विसर्जन के लिए कहीँ और ना लेजाकर यही इसी पानी मे विसर्जित कर दी गयी। और हाथ मे जो चक्र है वो घूमता रहता है।
और सबसे ज्यादा चर्चा मे रही गणेश जी की ये मूर्ति जिसे काजुओं से बनाया गया है।और इसे बनाने मे २८ दिन लगे थे। और क्या आप अंदाजा लगा सकते है की कितने काजू लगे होंगे। चलिए हम बता देते है वैसे हमे तो ये जानकार कुछ आश्चर्य हुआ था इसमे करीब ४१००० किलो काजू लगे है। और इस मूर्ति का वजन ४७ किलो है। और अंदाजा लगाइये की कितने मूल्य के काजू लगे होंगे । यही कोई ९८०००। क्यों चौंक गए ना।
वैसे ये फोटो डार्क है क्यूंकि वहां काफी अँधेरा सा था।
और हाँ पिछली गोवा वाली पोस्ट की फोटो भी उस पोस्ट मे अपलोड कर दी है जो गायब हो गयी थी।
इस पहली फोटो मे गणेश जी के साथ ही अन्य भगवानों को भी दिखाया गया है। और इसे पंजिम के पुलिस स्टेशन मे रखा गया था । यहां गोवा के सभी पुलिस स्टेशन के बीच सबसे सुन्दर मूर्ति की प्रतियोगिता भी होती है। ये मूर्ति पंजिम के ही एक पंडाल की है जिसमे साई बाबा को दिखाया गया है।
इस मूर्ति मे गणेश जी को दुर्गा रुपी दिखाया गया है। ये मूर्ति पंजिम के मारुति मंदिर मे स्थापित की गयी थी।
ये मूर्ति ऊन से बनाई गयी है।
इस मूर्ति मे गणेश जी को विष्णु के मत्स्यरूपी अवतार मे दिखाया गया है। और मूर्ति के पीछे नाव मे जो लोग दिख रहे है वो इसलिये क्यूंकि मूर्ति की देखभाल भी जरुरी है। और ये मूर्ति विसर्जन के लिए कहीँ और ना लेजाकर यही इसी पानी मे विसर्जित कर दी गयी। और हाथ मे जो चक्र है वो घूमता रहता है।
और सबसे ज्यादा चर्चा मे रही गणेश जी की ये मूर्ति जिसे काजुओं से बनाया गया है।और इसे बनाने मे २८ दिन लगे थे। और क्या आप अंदाजा लगा सकते है की कितने काजू लगे होंगे। चलिए हम बता देते है वैसे हमे तो ये जानकार कुछ आश्चर्य हुआ था इसमे करीब ४१००० किलो काजू लगे है। और इस मूर्ति का वजन ४७ किलो है। और अंदाजा लगाइये की कितने मूल्य के काजू लगे होंगे । यही कोई ९८०००। क्यों चौंक गए ना।
वैसे ये फोटो डार्क है क्यूंकि वहां काफी अँधेरा सा था।
और हाँ पिछली गोवा वाली पोस्ट की फोटो भी उस पोस्ट मे अपलोड कर दी है जो गायब हो गयी थी।
Comments
धन्यवाद ! ममता जी, हो सके तो कभी मँगेशी के मँदिर की तस्वीरेँ भी बतलाइयेगा..गोवा तो पता नहीँ कब आना हो ...
.स्नेह,
--लावण्या
सुबह उठते उठते ही गणपति जी के दर्शन हो गए आपके चिट्ठे पर, बहुत अच्छा लगा |
हम विद्यार्थियों ने भी ह्यूस्टन में गणेश चतुर्थी मनायी थी उसके फोटो भी जल्दी ही अपने चिट्ठे पर डालूँगा |
साभार,
सस्नेह -
सजीव सारथी
sajeevsarathie@gmail.com
09871123997
www.hindyugm.com
www.sajeevsarathie.blogspot.com
www.dekhasuna.blogspot.com
दीपक भारतदीप