प्रशांत बन गए इंडियन आइडल
कल रात दार्जिलिंग के प्रशांत ने शिलोंग के अमित पाल को एस.एम.एस.के जरिये होने वाली वोटों की गिनती मे पीछे छोड़ दिया और सिपोय प्रशांत बन गए तीसरे इंडियन आइडल। सात करोड़ वोट बाप रे ऐसा लगता है की लोग सारे काम-धंधे छोड़ कर सिर्फ एस.एम.एस ही करने मे लगे थे। जहाँ तक हमे याद है इतने ज्यादा वोट तो हिंदुस्तान की जनता ने ताज महल के लिए भी नही किया था।यहां देश से बड़ा राज्य हो गया लगता है क्यूंकि जिस तरह से दार्जिलिंग और शिलोंग के लोगों ने वोट किया है ये सात करोड़ वोट यही सच्चाई बताते है। पर ज़ी के शो सा.रे.गा.मा.पा. के विश्व युद्ध से छत्तीसगढ़ की सुमेधा शो से बाहर हो गयी इसलिये नही की वो खराब गाती थी ( वो सबसे अच्छा गाती थी) बल्कि इसलिये बाहर हो गयी क्यूंकि उन्हें छत्तीसगढ़ से वोट नही मिले और जैसा की उनके पिता ने कहा की छत्तीसगढ़ मे ६५ जगहों पर ज़ी टी.वी.नही आता है और लोग नही जानते है की ज़ी पर ऐसा कोई शो हो रहा है। हारने या जीतने पर लोग देश की जनता का नही अपने प्रदेश की जनता को ही श्रेय देते है। पर कोई ये तो बताये की आख़िर वो टॉप फाइव तक कैसे पहुंची ?
वैसे एस.एम.एस करने की जैसी दीवानगी दार्जिलिंग के लोगों मे देखने को मिली थी उसके बारे मे तो सभी जानते है। किस तरह दार्जिलिंग मे लोगों ने एस.एम.एस बूथ बनाए थे प्रशांत को वोट करने के लिए, जहाँ चौबीस घंटे मे कोई भी कभी भी जाकर वोट कर सकता था।और लोग भी लगे थे स्कूल के बच्चे,लड़के,लडकियां ,बडे,छोटे हर कोई वोट ही कर रहा था। काश ऐसी दीवानगी किसी सार्थक कार्य के लिए भी लोग दिखाएँ। वैसे प्रशांत जीतता या अमित फायदा तो मोबाइल कंपनी और सोनी टी.वी.को ही होना था और हुआ भी है। अरे भाई सात करोड़ एस.एम.एस से होने वाली कमाई तो इन्ही लोगों की जेब मे जायेगी ना।
चले सोनी के इंडियन आइडल का तो फैसला हो गया अब ज़ी और स्टार के विजेता देखें कौन बनता है। पर क्या ये सारे विजेता बडे गायक या गायिका भी बनते है या वो इन प्लेटफार्म का इस्तेमाल सिर्फ लोगों मे पहचान बनाने के लिए करते है। जैसे ज़ी के एक मयूजिकल शो मे आयी लखनऊ की ट्विंकल जो आजकल ज़ी के ही एक सीरियल बेटियाँ मे एक्टिंग कर रही है। क्यूंकि शायद उन्हें लगा होगा की सिंगर बनने से ऐक्टर बनना ज्यादा आसान है। इसीलिये उसने संगीत छोड़ कर एक्टिंग करना शुरू कर दिया है।जितने भी विजेता हुए है वो कहॉ है उन्हें ढूंढ़ना पड़ता है । वैसे सोनी के पहले इंडियन आइडल अभिजीत सावंत तो फिर भी सुनाई देते है पर संदीप आचार्य कहॉ है पता नही।हो सकता है की हम गलत हो. और फ़ेम गुरुकुल वाले काजी तौकीर और रुप रेखा बनर्जी याद है या भूल गए। आज कहां है या उनका कौन सा एलबम आया था लोगों को शायद ही याद होगा। वैसे अभी चंद रोज पहले काजी का किसी अखबार मे interview छपा था जिसमे उसने बडे ही शान से कहा की फ़ेम गुरुकुल का प्लेटफार्म तो उसने इसी लिए चुना था जिससे लोग जिसमे जनता और फिल्म वाले दोनो आते है उसे पहचान ले क्यूंकि वो सिंगर से ज्यादा ऐक्टर बनना चाहता था और इससे अच्छा प्लेटफार्म उसे भला कहां मिल सकता है। और अब वो किसी फिल्म मे एक्टिंग भी कर रहा है। जब वो आख़िरी तीन मे आया था तो सबसे ज्यादा जावेद अख़्तर खुश हुए थे और कहा था की जीत हमेशा कछुए की ही होती है। पर क्या उन्हें ये पता है की आज वो काजी जो उस समय सिर्फ और सिर्फ एक सिंगर बनने की खाव्हिश जता रहे थे उसने सिंगिंग छोड़कर एक्टिंग कर कर दी है।
वैसे ज़ी के कुछ कलाकार तो संगीत के क्षेत्र मे नाम कमा रहे है जैसे सुनिधि चौहान , कुनाल गान्जावाला और श्रेया घोषाल इसके उदहारण है। पर फिर भी कई बार जीत का असली हकदार वोटों की वजह से हार जाता है।
वैसे एस.एम.एस करने की जैसी दीवानगी दार्जिलिंग के लोगों मे देखने को मिली थी उसके बारे मे तो सभी जानते है। किस तरह दार्जिलिंग मे लोगों ने एस.एम.एस बूथ बनाए थे प्रशांत को वोट करने के लिए, जहाँ चौबीस घंटे मे कोई भी कभी भी जाकर वोट कर सकता था।और लोग भी लगे थे स्कूल के बच्चे,लड़के,लडकियां ,बडे,छोटे हर कोई वोट ही कर रहा था। काश ऐसी दीवानगी किसी सार्थक कार्य के लिए भी लोग दिखाएँ। वैसे प्रशांत जीतता या अमित फायदा तो मोबाइल कंपनी और सोनी टी.वी.को ही होना था और हुआ भी है। अरे भाई सात करोड़ एस.एम.एस से होने वाली कमाई तो इन्ही लोगों की जेब मे जायेगी ना।
चले सोनी के इंडियन आइडल का तो फैसला हो गया अब ज़ी और स्टार के विजेता देखें कौन बनता है। पर क्या ये सारे विजेता बडे गायक या गायिका भी बनते है या वो इन प्लेटफार्म का इस्तेमाल सिर्फ लोगों मे पहचान बनाने के लिए करते है। जैसे ज़ी के एक मयूजिकल शो मे आयी लखनऊ की ट्विंकल जो आजकल ज़ी के ही एक सीरियल बेटियाँ मे एक्टिंग कर रही है। क्यूंकि शायद उन्हें लगा होगा की सिंगर बनने से ऐक्टर बनना ज्यादा आसान है। इसीलिये उसने संगीत छोड़ कर एक्टिंग करना शुरू कर दिया है।जितने भी विजेता हुए है वो कहॉ है उन्हें ढूंढ़ना पड़ता है । वैसे सोनी के पहले इंडियन आइडल अभिजीत सावंत तो फिर भी सुनाई देते है पर संदीप आचार्य कहॉ है पता नही।हो सकता है की हम गलत हो. और फ़ेम गुरुकुल वाले काजी तौकीर और रुप रेखा बनर्जी याद है या भूल गए। आज कहां है या उनका कौन सा एलबम आया था लोगों को शायद ही याद होगा। वैसे अभी चंद रोज पहले काजी का किसी अखबार मे interview छपा था जिसमे उसने बडे ही शान से कहा की फ़ेम गुरुकुल का प्लेटफार्म तो उसने इसी लिए चुना था जिससे लोग जिसमे जनता और फिल्म वाले दोनो आते है उसे पहचान ले क्यूंकि वो सिंगर से ज्यादा ऐक्टर बनना चाहता था और इससे अच्छा प्लेटफार्म उसे भला कहां मिल सकता है। और अब वो किसी फिल्म मे एक्टिंग भी कर रहा है। जब वो आख़िरी तीन मे आया था तो सबसे ज्यादा जावेद अख़्तर खुश हुए थे और कहा था की जीत हमेशा कछुए की ही होती है। पर क्या उन्हें ये पता है की आज वो काजी जो उस समय सिर्फ और सिर्फ एक सिंगर बनने की खाव्हिश जता रहे थे उसने सिंगिंग छोड़कर एक्टिंग कर कर दी है।
वैसे ज़ी के कुछ कलाकार तो संगीत के क्षेत्र मे नाम कमा रहे है जैसे सुनिधि चौहान , कुनाल गान्जावाला और श्रेया घोषाल इसके उदहारण है। पर फिर भी कई बार जीत का असली हकदार वोटों की वजह से हार जाता है।
Comments
जिस समय प्रशांत जीत रहे थे तब दूसरे कार्यक्रम में वाईल्ड कार्ड के द्वारा कुछ अच्छे प्रतियोगियों को स्टार वोइस ओफ़ इण्डिया में फिर से प्रवेश करवाने की प्रतियोगिता चल रही थी।
राजस्थान के तोशी को सुनने के बाद जज खैय्याम साहब के मुँह से निकल ही गया कि चुनने का काम जनता का नहीं, इल्म वालों का है। जनता ने इतने अच्छे कलाकारों को बाहर कर दिया।
इण्डियन आईडोल में भी भले ही प्रशांत अच्छा गाते हों पर वे सिर्फ किशोरदा की नकल करते दिखते हैं। जब कि पूजा जो शास्त्रीय संगीत की अच्छी जानकार दिखती थी और अंकिता जिसमें एक अच्छी पॉप गायिका बनने के लक्षण दिखते हैं; स्टार. वि.ओ.इण्डिया में मिरान्डे कब की बाहर कर दी गई.... सिर्फ वोट्स या एस एम एस की वजह से।
सबसे खास बात यह रही कल के आईडोल में कि जीते भले ही प्रशांत हों पर अमित हारकर जरा भी मायूस नहीं दिखे और खुले मन से प्रशांत की जीत को स्वीकारा... यानि अमित हार कर भी जीत गये।
॥दस्तक॥
गीतों की महफिल
कटटर क्षेत्रियतावाद की जीत है.
तब मुझे इसका पता चला और इसकी दीवानगी भी!
कलाकार को परखने का यह सही मापदंड नहीं लगता.