चाय तो पिला ही सकते है ( तीसरा दिन )
जब से ये कवैरंटाईन शुरू हुआ है तब से हम सबने अपने आप को अपने घरों में ही बंद कर लिया है । और ज़्यादा से ज़्यादा यही कोशिश है कि घर से बिलकुल भी बाहर ना निकलें वरना करोना के संक्रमण की चपेट में आ सकते है । लिहाज़ा हम सब तो अपने घरों के कम्फ़र्ट ज़ोन में बंद हो गये है ।
पर हमारी जिंदगी आराम से चलती रहे । पानी की दिक़्क़त ना हो ,( क्योंकि पानी के लिये मोटर चलानी होती है ) लोगों को बाहर आने जाने के लिये हर समय मुस्तैदी से गेट खोलने को तैयार । और इसके लिये वो लोग चौबीस घंटे लगे हुये है ।
जी हाँ हम सोसाइटी और बिल्डिंग के सिक्योरिटी गार्डस की बात कर रहे है जो अपनी जान को ख़तरे में डालकर हम सबको कोई परेशानी ना हो ,इसलिये रोज़ समय पर आते है ।
और चूँकि कर्फ़्यू लागू है तो ज़ाहिर सी बात है कि सड़क पर सभी चाय की दुकानें भी बंद है जहाँ से वो लोग रोज़ चाय ख़रीदकर पीते थे ।
तो क्या हम लोग रात वाले गार्ड को सुबह और दिन वाले गार्डस को कम से कम दिन में दो बार चाय तो पिला ही सकते है ।
वैसे हमने तो पहले दिन से ही गार्डस को चाय पिलाना शुरू कर दिया है आप कब शुरू करेंगें ।
पर हमारी जिंदगी आराम से चलती रहे । पानी की दिक़्क़त ना हो ,( क्योंकि पानी के लिये मोटर चलानी होती है ) लोगों को बाहर आने जाने के लिये हर समय मुस्तैदी से गेट खोलने को तैयार । और इसके लिये वो लोग चौबीस घंटे लगे हुये है ।
जी हाँ हम सोसाइटी और बिल्डिंग के सिक्योरिटी गार्डस की बात कर रहे है जो अपनी जान को ख़तरे में डालकर हम सबको कोई परेशानी ना हो ,इसलिये रोज़ समय पर आते है ।
और चूँकि कर्फ़्यू लागू है तो ज़ाहिर सी बात है कि सड़क पर सभी चाय की दुकानें भी बंद है जहाँ से वो लोग रोज़ चाय ख़रीदकर पीते थे ।
तो क्या हम लोग रात वाले गार्ड को सुबह और दिन वाले गार्डस को कम से कम दिन में दो बार चाय तो पिला ही सकते है ।
वैसे हमने तो पहले दिन से ही गार्डस को चाय पिलाना शुरू कर दिया है आप कब शुरू करेंगें ।
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