ग्रीस यात्रा विवरण ( ऐक्रोपोलिस )

ऐक्रोपोलिस ग्रीस की सबसे मशहूर जगह है एक तो ऐतिहासिक और दूसरे ऐथेंस की पहचान की वजह से । ऐक्रोपोलिस पच्चीस सौ साल से पुराने क़िले के अवशेष है । और ये भी कह सकते है कि अगर ऐथेंस में ऐक्रोपोलिस नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा । इसकी एक और विशेषता है कि चूँकि ये एक पहाड़ी पर बना है तो तकरीबन ऐथेंस की हर गली और सड़क से दिखाई देता है ।

ऐक्रोपोलिस के भवनों के संरक्षण के लिये १९७५ से कार्य हो रहा है । और अभी भी चल रहा है । ताकि उन्हें उनके मूलरूप में फिर से निर्मित किया जा सके । और इसके लिये टैटेनियम का इस्तेमाल किया जा रहा है जो कि प्रकृति की मार को झेल सकने में समर्थ होता है ।

खैर हम लोग ऐक्रोपोलिस देखने पहुँचे जिसका बीस यूरो का टिकट था । चूँकि ऐक्रोपोलिस पहाड़ की चोटी पर बना है और इसकी ऊँचाई तकरीबन डेढ़ सौ मीटर है तो ज़ाहिर सी बात है कि चढाई भी थी । और ऐतिहासिक फ़ील या अनुभव के लिये उसका रास्ता थोड़ा पथरीला सा था । तो हम लोगों ने भी ऐक्रोपोलिस के लिये चलना शुरू किया । वैसे चढ़ने का रास्ता ज़रूर पथरीला था पर उतरने का रास्ता पक्का और बढ़िया था ।

बीच बीच में कुछ सीढ़ियाँ भी पड़ती थी और ऊपर चढ़ते हुये हर बीस क़दम पर गाइड दिखाई देते है जो अपने अपने ग्रुप को नक़्शे की सहायता से ऐक्रोपोलिस का इतिहास और महत्त्व समझाते हुये नज़र आते है । और ऊपर चढ़ते हुये फ़ोटो खींचने के लिये भी बहुत सारे मौक़े आते है । हालाँकि इतने अधिक पर्यटक होते है कि फ़ोटो खींचने के लिये थोड़ा इंतज़ार करना पड़ता है क्योंकि जब तक फोन या कैमरा सेट करो तब तक कोई और वहाँ अपनी फ़ोटो खींचने खिंचाने लगता है ।

ऐक्रोपोलिस में वास्तु शिल्प और कई ऐतिहासिक महत्त्व की प्राचीन इमारतों के अवशेष है जिनमें पार्थेनॉन सबसे अधिक प्रसिद्ध है । यहाँ पर ही ऐथेना नाइके का टेम्पल है । ऐथेना को यहाँ पर देवी माना जाता है । ऊपर जब पहुँचकर तो लगा मानो भीड़ का सैलाब सा हो । हर तरफ़ बस लोग ही लोग । पर एक बात है यहाँ ऊपर से ऐथेंस का बहुत सुंदर नज़ारा देखने को मिलता है ।

ऐक्रोपोलिस मॉनयूमेंट को देखने के बाद हम लोग ऐक्रोपोलिस म्यूज़ियम भी देखने गये जो पास ही दस मिनट की दूरी पर है और जैसे ही सीढ़ियाँ उतरते है तो पुरातात्विक साईट और अवशेष दिखाई देते है । यहां पाँच यूरो का टिकट लगता है । म्यूज़ियम में या तो बैग को जमा करना पड़ता है या फिर बैग को सामने की तरफ़ रखना पड़ता है ,बच्चे की तरह 😋बैग को पीछे रखकर चलना मना है ।

इस संग्रहालय मे तीन मंज़िल है और दूसरी मंज़िल पर रेस्टोरेंट और सोविनियर शॉप भी है । इस कैफ़े और रेस्टोरेंट की ख़ास बात ये ह कि यहाँ से ऐक्रोपोलिस दिखाई देता है । वैसे ग्राउंड फ़्लोर पर तो फ़ोटो खींचना भी मना है । हर बीस क़दम पर गार्डस घूमते रहते है । हमने एक लेडी गार्ड से फ़ोटो खींचने पर रोक का कारण पूछा तो उसने बताया क्यूँकि सब मूर्तियाँ सफ़ेद मार्बल की बनी है और काफ़ी क्षत-विक्षत है तो अगर लोग इनके साथ फ़ोटो खींचेंगें तो फ़्लैश से इन मूर्तियों के ख़राब होने का डर है ।

म्यूज़ियम में उस समय के सिक्के ,सिंहासन, मैजिक स्फियर ( जादुई बॉल ) ऐथेना की मूर्तियाँ ,ऐक्रोपोलिस का मॉडल ,और ढेरों मार्बल की बनी और टूटी हुई कलाकृतियों के अवशेष है जिन्हें अगर एक एक देखे और पढ़े तो एक दिन का समय कम पड़ेगा । वैसे म्यूज़ियम में फ़िल्म भी चलती रहती है जहाँ आराम से बैठकर ऐक्रोपोलिस का पूरा इतिहास देखा जा सकता है ।

म्यूज़ियम से बाहर निकल कर हम लोग प्लाका जोकि ऐथेंस का मार्केट है वहाँ से हल्की फुलकी ख़रीदारी करके टैक्सी ली और वापिस होटल की ओर चल पड़े ।





















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