ससुराल गेंदा फूल
ये नाम है स्टार प्लस पर आने वाले एक सीरियल का । और इस सीरियल का जिक्र हम यहां इसलिए कर रहे क्यूंकि ये आम सास-बहू जैसे सीरियल जैसा नहीं है बल्कि एक सीरियल है जिसे देख कर मुस्कान अपने आप ही आ जाती है। और हमें ये सीरियल बहुत पसंद आ रहा है तो बस इसलिए लिख रहे है।
जिस तरह की सास और ससुराल हर चैनल पर दिखाई जाती है जहाँ हर सास और ननद सिर्फ बहू को सताने और तंग करने के अलावा कुछ नहीं करती है । और जहाँ joint family होते हुए भी सब अलग-अलग रहते है और परिवार का हर सदस्य एक दूसरे के खिलाफ साजिश करता रहता है। वहीँ इस सीरियल मे जो joint family दिखाई गयी है उसे देख कर लगता है कि हाँ ये एक परिवार है जहाँ लोग एक दूसरे की ख़ुशी मे खुश और दुःख मे दुखी होते है। और हाँ अभी तक जितना देखा है उसमे परिवार का कोई भी सदस्य किसी के खिलाफ साजिश नहीं करता है। और सास-बहू मे भी हर समय एक -दूसरे को परेशान करने की होड़ नहीं लगी रहती है। :)
इसमें जो कलाकार है उनमे कुछ तो जाने-माने टी-वी कलाकार है और कुछ नए कलाकार भी है । और सभी अच्छी एक्टिंग कर रहे है । इसलिए भी इसे देखने मे मजा आता है।
वैसे इस सीरियल को देख कर किसी ज़माने मे दूरदर्शन पर आने वाले सीरियल हम लोग की याद आ गयी।
जिस तरह की सास और ससुराल हर चैनल पर दिखाई जाती है जहाँ हर सास और ननद सिर्फ बहू को सताने और तंग करने के अलावा कुछ नहीं करती है । और जहाँ joint family होते हुए भी सब अलग-अलग रहते है और परिवार का हर सदस्य एक दूसरे के खिलाफ साजिश करता रहता है। वहीँ इस सीरियल मे जो joint family दिखाई गयी है उसे देख कर लगता है कि हाँ ये एक परिवार है जहाँ लोग एक दूसरे की ख़ुशी मे खुश और दुःख मे दुखी होते है। और हाँ अभी तक जितना देखा है उसमे परिवार का कोई भी सदस्य किसी के खिलाफ साजिश नहीं करता है। और सास-बहू मे भी हर समय एक -दूसरे को परेशान करने की होड़ नहीं लगी रहती है। :)
इसमें जो कलाकार है उनमे कुछ तो जाने-माने टी-वी कलाकार है और कुछ नए कलाकार भी है । और सभी अच्छी एक्टिंग कर रहे है । इसलिए भी इसे देखने मे मजा आता है।
वैसे इस सीरियल को देख कर किसी ज़माने मे दूरदर्शन पर आने वाले सीरियल हम लोग की याद आ गयी।
Comments
आपकी बात एकदम सही है। बालिका वधू में "टीपरी" के घुसने के बाद उस धारावाहिक से मोह भंग हो गया। टीवी पर देखने के लिए कुछ ढ़ंग का बचा भी नहीं था कि ऐसे में सुसराल गैंदाफूल के आना अच्छा लग रहा है।
इस धारावाहिक के दोनो समय मेरे टाइम टेबल में सैट नहीं होते फिर भी एकाद एपिसोड्स देखे हैं और बहुत ही अच्छा लगा।
इस धारावाहिक के पार्श्व में एक दो बार "एक चाबी है पड़ौस में" का संगीत बजता सुनाई दिया लगता है यह उसी निर्देशक क धारावाहिक है।
वह भी एक ऐसा धारावाहिक था जो मुझे बहुत पसन्द था और असमय ही बन्द हो गया। कहीं ज्यादा बढ़िया बनने के चक्कर में यह भी जल्दी बंद ना हो जाये।