एक करोड़ का इनाम टीम इंडिया को
जी हाँ आप बिल्कुल सही समझे है हम टीम इंडिया को इंग्लॅण्ड पर इक्कीस साल बाद हासिल जीत पर दिए जाने वाले इनाम की ही बात कर रहे है।इस बार तो वाकई इंडिया ने चक दे इंडिया जैसा कमाल कर ही दिया है। और जब टीम ने मैच जीता है तो यक़ीनन वो इनाम की हकदार भी है।बी.सी.सी.आई.की तो बांछे खिल गयी है।
इस जीत ने ये भी दर्शा दिया की अगर टीम इंडिया का कोई कोच नही है तब भी हल्पाते हुए (हमे तो यही शब्द याद आ रहा है) भी यानी की लुढ़कते-पुढकते भी जीत हासिल कर सकते है, तो भाई हम कोई टीम इंडिया की बुराई थोड़े ही कर रहे है। क्या कहा आपको हमारा ये लुढ़कते-पुढकते कहना बिल्कुल भी अच्छा नही लगा । तो भाई ये टीम इंडिया भी ना एक पारी मे तो ६०० रन बनाती है तो दूसरी पारी मे धड़धदा कर आउट हो जाती है।अच्छा खासा जीता हुआ मैच ड्रा हो गया वरना १-० की जगह २-० की जीत होती।इससे ये भी लगता है की शायद बिना कोच के टीम ज्यादा ही अच्छा खेल सकती है। वैसे पहले भी तो बिना कोच के ही खेलती थी। तो भला अब क्यों नही खेल सकती है। और उन सारी बातों को गलत सिद्ध करती है कि बिना कोच के टीम इंडिया का कोई भविष्य नही है।
चक दे इंडिया फिल्म के बाद तो सभी को लगता है कि टीम इंडिया के लिए बस यही गुरुमंत्र होना चाहिऐ कि जितने देर वो क्रीज पर है बस उसी घड़ी और समय के बारे मे सोचे कि वो अपने देश के लिए खेल रहे है ना कि कोई रेकॉर्ड बनाने के लिए। लो रेकॉर्ड से याद आया कि इस बार तो कुंबले ने भी सेंचुरी बनाई जो कि अपने आप मे ही एक रेकॉर्ड है।कम से कम टीम इंडिया के आख़िरी बल्लेबाज ने भी सेंचुरी तो बनाई और इसके लिए कुंबले बधाई के हकदार है।
चक दे हो चक दे इंडिया गाना भी क्या टाईम पर आया है कि जब भी कोई चैनल टीम इंडिया की जीत दिखाती है तो ये गाना जरुर बजाता है।और हम भी यही कहेंगे कि चक दे इंडिया।
इस जीत ने ये भी दर्शा दिया की अगर टीम इंडिया का कोई कोच नही है तब भी हल्पाते हुए (हमे तो यही शब्द याद आ रहा है) भी यानी की लुढ़कते-पुढकते भी जीत हासिल कर सकते है, तो भाई हम कोई टीम इंडिया की बुराई थोड़े ही कर रहे है। क्या कहा आपको हमारा ये लुढ़कते-पुढकते कहना बिल्कुल भी अच्छा नही लगा । तो भाई ये टीम इंडिया भी ना एक पारी मे तो ६०० रन बनाती है तो दूसरी पारी मे धड़धदा कर आउट हो जाती है।अच्छा खासा जीता हुआ मैच ड्रा हो गया वरना १-० की जगह २-० की जीत होती।इससे ये भी लगता है की शायद बिना कोच के टीम ज्यादा ही अच्छा खेल सकती है। वैसे पहले भी तो बिना कोच के ही खेलती थी। तो भला अब क्यों नही खेल सकती है। और उन सारी बातों को गलत सिद्ध करती है कि बिना कोच के टीम इंडिया का कोई भविष्य नही है।
चक दे इंडिया फिल्म के बाद तो सभी को लगता है कि टीम इंडिया के लिए बस यही गुरुमंत्र होना चाहिऐ कि जितने देर वो क्रीज पर है बस उसी घड़ी और समय के बारे मे सोचे कि वो अपने देश के लिए खेल रहे है ना कि कोई रेकॉर्ड बनाने के लिए। लो रेकॉर्ड से याद आया कि इस बार तो कुंबले ने भी सेंचुरी बनाई जो कि अपने आप मे ही एक रेकॉर्ड है।कम से कम टीम इंडिया के आख़िरी बल्लेबाज ने भी सेंचुरी तो बनाई और इसके लिए कुंबले बधाई के हकदार है।
चक दे हो चक दे इंडिया गाना भी क्या टाईम पर आया है कि जब भी कोई चैनल टीम इंडिया की जीत दिखाती है तो ये गाना जरुर बजाता है।और हम भी यही कहेंगे कि चक दे इंडिया।
Comments
आपको स्वन्त्रतता दिवस की शुभकामनायें
स्वतंत्रता दिवस मंगलमय हो.
हार जाते तो कहते कि बीती ताहि बिसार दई!! आगे की सोचें!!
एक करोड़!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
पता नई कतने शून्य होते हैं जी!!
स्वतंत्रता दिवस की बधाई व शुभकामनाएं
मैच में जीत की भी बधाई ।
घुघूतीबासूती
आपको भी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामना।