एक पोस्ट दोस्तो के नाम
आज ही सुबह जब हम अनुगूंज के लिए अपनी पोस्ट लीजिये हम भी हाजिर है लिख रहे थे तभी फ़ोन की घंटी की घन घना कर बजी।फ़ोन उठाया तो हमारी दोस्त मिसेज दास ने बड़ी ही गर्मजोशी से हैप्पी फ्रेंडशिप डे की शुभकामनायें दी ।अभी फ़ोन रख कर फिर लिखना शुरू ही कर रहे थे कि शीला जी का फ़ोन आ गया और उनसे भी ख़ूब बातें हुई (और इसी चक्कर मे पोस्ट आधे शीर्षक के साथ ही पोस्ट हो गयी।) तो बहुत सारी पुरानी बातें याद आ गयी । वे बातें जब हम दिल्ली मे काम करते थे । और जिस ऑफिस मे हम काम करते थे वहीं मिसेज दास और शीला जी हमसे कई साल पहले से काम कर रही थी। और उन दोनो मे दोस्ती भी बहुत अच्छी थी। यहां हम एक बात और बता दे हमारी मिसेज दास और शीला जी दोनो यूं तो हमसे उम्र मे बड़ी है पर हम तीनो के बीच उम्र कभी भी आड़े नही आयी। वो कहते है ना की दोस्ती मे उम्र नही दिल देखे जाते है।
शुरू मे थोडा समय लगा हम तीनो को एक-दूसरे को समझने मे पर जब दोस्ती हो गयी तब तो हम तीनो अपने ऑफिस मे गंगा (मिसेज दास)यमुना(शीला जी)और सरस्वती (हम)के नाम से मशहूर हो गए थे।चलिये आपको इन नामों का राज भी बता देते है वो क्या है ना कि हम तीनो ही फ्री लान्सर के तौर पर काम करते थे। मिसेस दास चूंकि सबसे ज्यादा समय तक ऑफिस मे रहती थी इसलिये उन्हें गंगा कहते थे। तो शीला जी मिसेस दास से थोडा कम समय तक रहती थी इसलिये उन्हें यमुना कहते थे। और हम तो बस तीन-चार घंटे के लिए ही जाते थे और दो बजे के बाद हम लुप्त जो हो जाते थे । इसलिये हमे सरस्वती कहते थे। और चूंकि हम इलाहाबाद के है तो जब हम तीनो एक साथ होते तो संगम कहलाते थे। जब भी हम मे से कोई गायब होता तो हमारे नाम की बजाय ये पूछा जाता कि आज संगम पूरा क्यों नही है।
हम तीनों का तो ऑफिस मे ये हाल था कि अगर किसी एक को काम हो तो तीनो ही जाते थे भले ही ऑफिस वाले कुछ भी कहे पर हम लोगों कि सेहत पर बिल्कुल भी असर नही होता था। किसी का जन्मदिन हो या शादी की सालगिरह या कुछ भी बस हम तीनो को घूमने का बहाना चाहिऐ होता था और बस हम तीन ऑफिस से गायब।पिक्चर देखना ,लंच खाना और फूल,कार्ड,तोहफा देना । अभी सेलेब्रेशन खत्म भी नही होता था की अगले की तैयारी होने लगती थी । सरोजिनी और लाजपत नगर मे शॉपिंग करना हो या चाहे शौपेर्स स्टॉप जाना हो , तिकडी हमेशा तैयार ।
हम लोगों की दोस्ती सिर्फ घूमने,खाने की ही नही थी बल्कि हम एक-दूसरे के सुख-दुःख के भागी भी थे । और अगर हम लोगों मे से किसी को कोई भी परेशानी होती थी तो आपस मे बात कर के उसका हल निकालने की कोशिश करते थे। हम तीनो ही नही अपितु हमारे परिवार भी बहुत अच्छे दोस्त बन गए है।क्या बच्चे क्या मायका क्या ससुराल सभी हम तीनो की दोस्ती के बारे मे जानते है। यूँ तो आजकल हम दूर है पर फिर भी हम तीनो की दोस्ती मे कोई फर्क नही आया है। और भगवान से दुआ करते है कि हमारी दोस्ती ऐसे ही बनी रहे।
शुरू मे थोडा समय लगा हम तीनो को एक-दूसरे को समझने मे पर जब दोस्ती हो गयी तब तो हम तीनो अपने ऑफिस मे गंगा (मिसेज दास)यमुना(शीला जी)और सरस्वती (हम)के नाम से मशहूर हो गए थे।चलिये आपको इन नामों का राज भी बता देते है वो क्या है ना कि हम तीनो ही फ्री लान्सर के तौर पर काम करते थे। मिसेस दास चूंकि सबसे ज्यादा समय तक ऑफिस मे रहती थी इसलिये उन्हें गंगा कहते थे। तो शीला जी मिसेस दास से थोडा कम समय तक रहती थी इसलिये उन्हें यमुना कहते थे। और हम तो बस तीन-चार घंटे के लिए ही जाते थे और दो बजे के बाद हम लुप्त जो हो जाते थे । इसलिये हमे सरस्वती कहते थे। और चूंकि हम इलाहाबाद के है तो जब हम तीनो एक साथ होते तो संगम कहलाते थे। जब भी हम मे से कोई गायब होता तो हमारे नाम की बजाय ये पूछा जाता कि आज संगम पूरा क्यों नही है।
हम तीनों का तो ऑफिस मे ये हाल था कि अगर किसी एक को काम हो तो तीनो ही जाते थे भले ही ऑफिस वाले कुछ भी कहे पर हम लोगों कि सेहत पर बिल्कुल भी असर नही होता था। किसी का जन्मदिन हो या शादी की सालगिरह या कुछ भी बस हम तीनो को घूमने का बहाना चाहिऐ होता था और बस हम तीन ऑफिस से गायब।पिक्चर देखना ,लंच खाना और फूल,कार्ड,तोहफा देना । अभी सेलेब्रेशन खत्म भी नही होता था की अगले की तैयारी होने लगती थी । सरोजिनी और लाजपत नगर मे शॉपिंग करना हो या चाहे शौपेर्स स्टॉप जाना हो , तिकडी हमेशा तैयार ।
हम लोगों की दोस्ती सिर्फ घूमने,खाने की ही नही थी बल्कि हम एक-दूसरे के सुख-दुःख के भागी भी थे । और अगर हम लोगों मे से किसी को कोई भी परेशानी होती थी तो आपस मे बात कर के उसका हल निकालने की कोशिश करते थे। हम तीनो ही नही अपितु हमारे परिवार भी बहुत अच्छे दोस्त बन गए है।क्या बच्चे क्या मायका क्या ससुराल सभी हम तीनो की दोस्ती के बारे मे जानते है। यूँ तो आजकल हम दूर है पर फिर भी हम तीनो की दोस्ती मे कोई फर्क नही आया है। और भगवान से दुआ करते है कि हमारी दोस्ती ऐसे ही बनी रहे।
Comments
मित्रता दिवस की शुभकामना के साथ :)
deepak bharatdeep