एक हफ़्ता और दो फ़िल्में

अब फ़िल्में देखना तो हमारा पुराना शौक है । और हफ़्ते में एक पिकचर तो देखना बनता ही है । क्यूँ कुछ ग़लत तो नहीं कहा ना । वैसे आजकल फ़िल्मों की कहानी भी अलग और नई तरह की होती है ।

पिछले हफ़्ते हमने सोनम कपूर की फ़िल्म एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा देखी थी और हमें तो फ़िल्म बहुत पसंद भी आई थी । हांलांकि फ़िल्म को लोगों ने कुछ ज़्यादा पसंद नही किया था । वैसे भी वो लीक से थोड़ा हटकर थी । आम लव स्टोरी नहीं थी । कहानी सोचें तो बहुत जटिल है क्यो कि पहले पहल लगता है कि फ़िल्म हिंदू मुस्लिम प्रेम प्रसंग पर आधारित है पर बाद में पता चलता है कि इस फ़िल्म में लड़की को लड़के से नहीं बल्कि लड़की से प्यार होता है । ये पढ़कर आपको झटका तो नहीं लगा ।


पर निर्देशक शैली चोपड़ा की तारीफ़ करनी होगी कि उसने एक बहुत ही संवेदनशील विषय को बहुत ही अच्छे ढंग से दिखाया । कहीं भी फ़िल्म में कोई चीप डायलॉग या सीन नहीं है और फ़िल्म काफ़ी रफ़्तार से आगे बढ़ती है । पर हाँ इसमें कलाकारों की भी तारीफ़ करनी होगी । क्योंकि हर छोटे बडे कलाकार ने अच्छा काम किया है । सोनम कपूर ,राजकुमार राव ,अनिल कपूर , जूही चावला और अभिषेक दुहान सभी ने बढ़िया एक्टिंग की है । कोई किसी से कम नही ।

अब इस तरह के विषय पर पहले भी एक दो फ़िल्में बनी है । पहले इन विषयों पर कोई बात नहीं करना चाहता था क्यों कि हमारे समाज में इस तरह का प्यार स्वीकार्य नहीं है । पर अब लोगों की सोच थोड़ी बदल रही है ।


इस हफ़्ते हमने गली बॉय देखी । एक ऐसे विषय पर फ़िल्म जिसके बारे में कोई सोचता भी नहीं है । और रैप करना एक ऐसा म्यूज़िक स्टाइल जिसे किसी भी तरह से म्यूज़िक का हिस्सा नहीं माना जाता था । ऐसा लगता है कि इस फ़िल्म के बाद से उसे एक नई पहचान और इस तरह के म्यूज़िक (रैप करने वाले रैपर ) करने वालों को भी नई पहचान मिलेगी ।

फ़िल्म में रनबीर सिंह धारावी में रहने वाला लड़का है और जो अपनी जिंदगी को बदलना चाहता है । कॉलेज में पढ़ता है और वो रैप लिखता है और रैपर बनना चाहता है पर ना तो उसे पता है कि कैसे आगे बढ़े और ना ही उसके परिवार वाले उसके इस म्यूज़िक स्टाइल को समझते है । मतलब परिवार से कोई सपोर्ट नहीं मिलता है । पर उसे यकान है कि उसका टाइम आयेगा ।


पर दोस्तों और ख़ास कर आलिया भट्ट के सपोर्ट से वो आगे बढ़ता है । पर हर कुछ हासिल करना इतना आसान नहीं होता है । कैसे रोज़मर्रा की जिंदगी की भागदौड़ के बीच वो अपने इस म्यूज़िक को आगे बढ़ाता है । और उसकी इस जंग में कैसे एम सी शेर जो एक जाना माना रैपर है ,उसकी मदद करता है । आजकल जहाँ हर कोई दूसरे को नीचे खींचने में और आगे बढ़ने से रोकना चाहता है वहीं एम सी शेर उसे कैसे आगे बढ़ाता है ।ये देखने लायक है ।

एक्टिंग में तो रनबीर सिंह और आलिया भट्ट का कोई जवाब ही नहीं है । रनबीर सिंह को तो हम पहले सीन में एक सेकेंड के लिये पहचान ही नहीं पाये इतना अलग लग रहा था । एक बहुत ही आम सा लड़का बैग पैक के साथ । आलिया भट्ट तो आलिया भट्ट ही है हमेशा की तरह असरदार एक्टिंग । इनके अलावा सिद्धांत चतुर्वेदी ने भी कमाल किया है और जिसे देख कर लगता है कि वो हमेशा से ही रैप कर रहा है । विजय राज जो रनबीर सिंह का पिता बना है या फिर विजय वर्मा जो रनबीर सिंह का दोस्त बना है । हर कोई एकदम परफ़ेक्ट ।

वैसे जोया अख़तर ने बहुत ही सोच समझकर और पूरी रिसर्च के बाद ये फ़िल्म बनाई लगती है । इस फ़िल्म में कई रैप और रैपर है हम तो ज़्यादा किसी को नहीं जानते है ( हम लोग तो बाबा सहगल को ही जानते थे और बाद में रफ़्तार और बादशाह को ) पर हाँ इस फ़िल्म के बाद कुछ के नाम हम भी जान गये है । जैसे काम भारी ( रैपर का नाम है ) 😀

दोनों फ़िल्में एक दूसरे से बिलकुल अलग पर हमें तो दोनों ही अच्छी लगी । 😁







Comments

Popular posts from this blog

जीवन का कोई मूल्य नहीं

क्या चमगादड़ सिर के बाल नोच सकता है ?

सूर्य ग्रहण तब और आज ( अनलॉक २.० ) चौदहवाँ दिन