बड़ा जिगरा चाहिये
पिछले हफ़्ते हमने उरी फ़िल्म देखी और फ़िल्म अच्छी लगी । फ़िल्म देखने के बाद हम ये सोचने लगे कि आर्मी वालों के परिवार वाले बहुत बड़े दिल वाले होते है । फ़िल्म का एक डायलॉग हाऊ इज जोश पूछने पर जब सारे जवान पूरे जोश से हाई सर कहते थे तो एक तरह के गर्व और देशभक्ति की अनुभूति होती थी ।
सेना के तीनों दलों मतलब आर्मी ,एयर फ़ोर्स , और नेवी की वजह से हम सभी देशवासी चैन की नींद सोते है । क्योंकि ये तीनों सेना हर क्षण देश की सुरक्षा में लगे रहते है । बर्फ़ीले पहाड़ हो या तपती गरमी सेना के जवान हमेशा चौकस रहते है ।
जब भी हम कोई सेना पर आधारित फ़िल्म देखते है वो चाहे हक़ीक़त हो या बॉरडर हो या उरी फ़िल्म तो हमें लगता है कि जो परिवार अपने बेटों को सेना में भेजते है उनका दिल बहुत बड़ा होता है। बहुत बार ऐसा देखा और सुना जाता है कि परिवार के सदस्य ( पति भाई या पिता ) ,को खोने के बाद भी मांये अपने बेटों को देश की सेवा के लिये आर्मी में भेजती है ।
ये कहना ग़लत नहीं होगा कि आर्मी वाले और उनके परिवार वाले कुछ अलग ही मिट्टी के बने होते है । उनके अन्दर जो जज़्बा और जोश होता है वो सबमें नहीं होता है ।
हमारे सैनिक ,जवान और सेना के अफ़सर परिवार ,पत्नी ,बच्चे,माता पिता सब कुछ छोड़कर विषम और विपरीत परिस्थितियों में रहते हुये सदैव देश के लिये मर मिटने को तैयार रहते है ।
यहाँ ये कहना ग़लत नहीं होगा कि अपने बच्चों को सेना में भेजने के लिये बड़ा जिगरा चाहिये ।
सेना के तीनों दलों मतलब आर्मी ,एयर फ़ोर्स , और नेवी की वजह से हम सभी देशवासी चैन की नींद सोते है । क्योंकि ये तीनों सेना हर क्षण देश की सुरक्षा में लगे रहते है । बर्फ़ीले पहाड़ हो या तपती गरमी सेना के जवान हमेशा चौकस रहते है ।
जब भी हम कोई सेना पर आधारित फ़िल्म देखते है वो चाहे हक़ीक़त हो या बॉरडर हो या उरी फ़िल्म तो हमें लगता है कि जो परिवार अपने बेटों को सेना में भेजते है उनका दिल बहुत बड़ा होता है। बहुत बार ऐसा देखा और सुना जाता है कि परिवार के सदस्य ( पति भाई या पिता ) ,को खोने के बाद भी मांये अपने बेटों को देश की सेवा के लिये आर्मी में भेजती है ।
ये कहना ग़लत नहीं होगा कि आर्मी वाले और उनके परिवार वाले कुछ अलग ही मिट्टी के बने होते है । उनके अन्दर जो जज़्बा और जोश होता है वो सबमें नहीं होता है ।
हमारे सैनिक ,जवान और सेना के अफ़सर परिवार ,पत्नी ,बच्चे,माता पिता सब कुछ छोड़कर विषम और विपरीत परिस्थितियों में रहते हुये सदैव देश के लिये मर मिटने को तैयार रहते है ।
यहाँ ये कहना ग़लत नहीं होगा कि अपने बच्चों को सेना में भेजने के लिये बड़ा जिगरा चाहिये ।
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