शायद अब रेलवे ट्रैक को शोर्टकट के रूप मे इस्तेमाल करना बंद हो जाएगा
आज अखबार मे ये ख़बर पढ़ी थी जिसमे मुंबई की रेलवे कोर्ट ने एक मेडिकल रिप्रेजनटेटिव को रेलवे ट्रैक क्रॉस करने के कारण जेल भेज दिया था । पूरी ख़बर आप भी यहाँ पढ़ सकते है ।
वैसे रेलवे ट्रैक क्रॉस करने का नजारा हर शहर के प्लेटफोर्म पर देखा जा सकता है जहाँ न केवल लड़के और आदमी और आरतें बल्कि कई बार तो लोग सपरिवार बेधड़क रेलवे ट्रैक को एक प्लेटफोर्म से दूसरे प्लेटफोर्म पर जाने के लिए इस्तेमाल करते है । और कोई उन्हें ऐसा करने से रोक भी नही सकता था पर अब जब रेलवे पुलिस इस तरह लोगों को पकडेगी और कोर्ट उन्हें सबक सिखाने के लिए २-४ दिन के लिए जब जेल भेजेगी तब ही लोगों की इस तरह से रेलवे ट्रैक क्रॉस करने की आदत छूटेगी । ऐसी उम्मीद की जा सकती है ।
पता नही इस तरह के शोर्टकट से वो कितना समय बचा लेते है । बमुश्किल ५-१० मिनट ,पर उसके लिए अपनी जान जोखिम मे डालने से भी नही चूकते है ।
वैसे रेलवे ट्रैक क्रॉस करने का नजारा हर शहर के प्लेटफोर्म पर देखा जा सकता है जहाँ न केवल लड़के और आदमी और आरतें बल्कि कई बार तो लोग सपरिवार बेधड़क रेलवे ट्रैक को एक प्लेटफोर्म से दूसरे प्लेटफोर्म पर जाने के लिए इस्तेमाल करते है । और कोई उन्हें ऐसा करने से रोक भी नही सकता था पर अब जब रेलवे पुलिस इस तरह लोगों को पकडेगी और कोर्ट उन्हें सबक सिखाने के लिए २-४ दिन के लिए जब जेल भेजेगी तब ही लोगों की इस तरह से रेलवे ट्रैक क्रॉस करने की आदत छूटेगी । ऐसी उम्मीद की जा सकती है ।
पता नही इस तरह के शोर्टकट से वो कितना समय बचा लेते है । बमुश्किल ५-१० मिनट ,पर उसके लिए अपनी जान जोखिम मे डालने से भी नही चूकते है ।
Comments
शॉर्टकट की ही देन है।
वह यह भूल जाता है कि उसका घर पर कोई इंतजार कर रहा है।
पुलिस भी कब तक इन लोगों को पकड़्ती रहेगी स्टेशन पर ही इस तरह के इंतजाम होने चाहिये कि कोई भी व्यक्ति पटरी पार ही न कर पाये।
या फ़िर हर पलेट फ़ार्म पर बडे बडे चित्र लगा दो कि इन जनाब ने रेलवे लाईन पार की थी तो यह हाल हो गया, ओर उस चित्रो मे उन लोगो के चित्र हो हो बेवकुफ़ो कि तरह से अपना समय बचा रहे थे.
हम समझे हैं आप।
जो पहले ही नहीं करते होंगे
वे काहे इस पचड़े में पड़ेंगे
लिख दें कि नहीं करेंगे
इसका मतलब पहले करते थे
इसलिए मौन हैं
जान लें आप खुद ही
वे कौन हैं ?
आपको जबरिया रोकना होगा
तब रूकेंगे वरना उसी रौ में बहेंगे
अब भला बहने पर किसका वश है
ना रोक सकते आप हैं
आप तो बस यह करिये
या तो सब वे बनवा दीजिए
या उपर से गुजरवा दीजिए
फाटक से कोई नहीं रूकता है
यह कोई भवन या महल का
फाटक थोड़े ही है।
हमेँ क्यूँ भाता है ?
अनुशासन, अप्रिय क्यूँ है ?
- लावण्या