ज़ूम का कमाल

यूँ तो कोरोना से बुरा क्या होगा पर कोरोना के चलते ही हमें अपनी गिटार क्लास वालों से मिलने का मौक़ा मिला । तो कह सकते है कि बुराई में भी अच्छाई ।

परसों यानि ग्यारह अगस्त को चालीस साल बाद हम अपनी गिटार क्लास के लोगों से ज़ूम के माध्यम से मिले ।

आठ या नौ अगस्त को तय हुआ कि ग्यारह को गिटार क्लास वालों की एक ज़ूम मीटिंग रखी जाये । और इस मीटिंग को माससाब के बडे बेटे गौरव ने ऑर्गनाइज़ किया था क्योंकि ग्यारह अगस्त को माससाब का जन्मदिन होता है ।

और चूँकि हम कुछ लोग फेसबुक के ज़रिये जुड़ गये थे इसलिये ये सम्भव हो सकता था ।

खैर ग्यारह को रात आठ बजे मीटिंग का टाइम रखा गया और गौरव ने सबको आईडी और पासकोड भेज दिया था ।

ठीक रात आठ बजे हमसब ज़ूम रूम में इकट्ठा हुये और फिर डेढ़ घंटे कैसे बीते पता ही नहीं चला ।

कहाँ हम सब ने एक दूसरे को बचपन में देखा था और कहाँ अब इतने सालों बाद सबको देखकर बहुत अच्छा भी लगा और ख़ुशी भी हुई ।

हांलांकि सब लोग बदल गये है । माससाब के चारों बेटे बडे हो गये और सभी म्यूज़िक में नाम कमा रहें है और हम सब वज़न में बढ कर डबल हो गये । 😃

सुरभी जिससे हम अभी तीन चार महीने पहले ही मिले है ,आंटी ( माससाब की पत्नी ) और माससाब के बेटों सौरभ और श्रीमन्तो ,उदय और गौरव , प्रीति अग्रवाल ,रेनू गांधी ,चन्दना और गिटार क्लास की हम लोगों की सीनियर उषा उपाध्याय ,दीपावली दी वग़ैरा से मिलकर बहुत अच्छा लगा । और इस मीटिंग में गौरव की दो स्टूडेंट भी थी जिन्होंने भजन और सूफ़ी गीत सुनाया था ।

और ना केवल क्लासमेट्स बल्कि माससाब की बहू और पोते पोती भी इस ज़ूम मीटिंग में मिलने का मौक़ा मिला ।

और जैसा कि इतने सालों बाद मिलने पर होना था वही हुआ सब लोग खूब एक्साइटेड थे और इस चक्कर में शुरू में तो सब लोग एक साथ ही बोलने लगते थे । 😁

शुरू में हम सब लोग पुराने समय की ही बातें करते रहे । फिर चंदना ने गिटार बजाया और गौरव ने सितार पर माससाब की पसंद का संगीत बजाया ।

और डेढ़ घंटे की मीटिंग के बाद ये तय हुआ कि अब से हर साल ग्यारह अगस्त को हम लोग इसी तरह मिला करेंगें । और माससाब का जन्मदिन मनाया करेंगे । 🙏

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