जब हमने चाट खाई

अब आप सोच रहे होंगें कि चाट खाई है कौन सा एवरेस्ट पर चढ़ाई की है । हाँ हमें पता था कि आप पक्का यही सोच रहे होगें । है ना । 😊


चलिये चाट खाने का क़िस्सा बताते है ।

दरअसल कल हमारी दोस्त ने अचानक ग्यारह बजे फोन किया कि चलो अभी चाट खाने चलते है । तो हमने कहा कि हमारे घर पर एक बजे ए.सी वाला आने वाला है क्योंकि ए.सी. में कुछ प्राबलम आ रही है । और हमने उनसे पूछा कि क्या हम लोग एक बजे तक आ जायेंगे ।


तो वो बोली कि कह तो नहीं सकते है । पर चलो हमारा चाट खाने का बहुत मन है । हमने एक बार फिर कहा कि बड़ी गरमी और धूप है तो वो बोली कि हम तुम्हें ए.सी. कार में ले जा रहें है । अब चलो ।

तो हम तैयार हुए और हम दोनों उनकी कार से चल पड़े सेक्टर बारह चाट खाने । रास्ते में उन्होंने बताया कि वहाँ पर हल्दीराम के यहाँ चाट खायेंगें । और सेक्टर बारह हम बस एक बार गये थे और उन्हें भी रास्ता पूरी तरह से पता नहीं था । हमें सेक्टर बारह का आईडिया तो था पर पूरी तरह से पक्का नहीं था ।


खैर हमने कहा कि जी.पी.एस. चला लेते है तो वो बोली कि परेशान मत हो हम लोग पहुँच जायेंगे । पर हमने फिर भी जी.पी.एस. चला लिया और जहाँ वो मुड़ने को कह रही थी वो टर्न हम लोगों ने ये कहकर छोड़ दिया कि आगे से जायेंगे क्योंकि ये रास्ता उतना अच्छा नहीं है । और जहाँ से सेक्टर बारह के लिये मुड़ना था वहाँ से आगे चले गये तो भाभीजी बोली कि उन्हें सेक्टर अट्ठारह से रास्ता पता है ।😜


और जब सेक्टर अट्ठारह के लिये अगले मोड़ से मुड़े तो फिर हम लोग रास्ता भटक गये । फिर एक टेम्पो वाले से सेक्टर बारह का रास्ता पूछा तो उसने बड़े मज़े से कहा कि आगे मैट्रो लाइन दिखेगी उसे ही फौलो करते जाइये । और हम लोगों ने वही किया और आख़िरकार सेक्टर बारह पहुँच गये ।


और बेसमेंट(२ ) पार्किंग में कार पार्क की और लिफ़्ट से हल्दीराम पहुँचे । और खूब मज़े से चाट खाई भी और पैक भी करवाई । भाभीजी पूरे समय खूब ख़ुश रहीं कि बहुत दिनों बाद इतनी अच्छी चाट खाई ।


और जब लिफ़्ट से वापिस पार्किंग के लिये चले तो पहले तो ग़लत पार्किंग में उतर गये और कार ढूँढने लगे पर कार वहाँ होती तब दिखती ना । फिर दुबारा हम लोग लिफ़्ट से बी २ में गये और जैसे ही उन्होंने ने कार स्टार्ट करी तो ये क्या कार स्टार्ट तो स्टार्ट ही नहीं हो रही थी । बहुत बार कोशिश की पर कार तो चलने के मूड में ही नहीं थी । 😗


फिर वहाँ जो गार्ड था उससे हम लोगों ने कहा कि कोई ड्राइवर हो तो बुला दो । पर वहाँ कोई ड्राइवर पहले तो दिखा नहीं फिर गार्ड एक ड्राइवर को बुलाकर लाया और उसने कार स्टार्ट करने की कोशिश की और कहा कि कार की बैटरी डाउन है । धक्का लगाना पड़ेगा । और उसने दो तीन बार कार को हिलाया भी । पर कार स्टार्ट नहीं हुई ।


खैर गार्ड वो ड्राइवर और हम दोनों ने धक्का लगाया और उस ड्राइवर ने कार स्टार्ट कर दी । वैसे हमें डर लग रहा था कि पता नहीं वो पार्किंग से बाहर निकलने वाली स्लोप से कार निकाल लेंगी या नहीं और अगर कहीं स्लोप पर कार रूक गयी तो । पर वो बोली कि तुम डरो नहीं हम तुम्हें आराम और हिफ़ाज़त से घर पहुँचा देंगें ।


और उन्होंने पूछा यहाँ से लौटने का रास्ता तो पता है ना । हमने कहा हाँ । और हम लोग घर की तरफ़ चल पड़ें । पर जैसे ही हम लोग अपने घर के पास वाली रेड लाइट से निकल रहे थे कि अचानक बीच सड़क में कार बंद हो गई और हम दोनों की साँस अटक सी गई क्योंकि बिलकुल बीच चौराहे पर कार बंद हुई थी । और लाइट भी हरी से लाल हो गई थी ।


खैर दो तीन बार में कार स्टार्ट हुई और हम दोनों की जान में जान आई और हम लोग ख़ुशी में हँसने लगे । और ये बात करने लगे कि अगर अब कार बंद भी हो जाये तो हम लोग उसे साइड में पार्क करके घर चले जायेंगें ।


पर कार ने पूरा साथ दिया ( बिलकुल राम प्यारी की तरह ) और हम लोगों को घर पहुँचा दिया । 😛











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