दास्तानें दर्दे ए दाँत

कुछ दिन से हमारे दाँत में दर्द हो रहा था । अब दर्द भी मेरा ही बुलाया हुआ है । अरे जल्दी मत करिये बताते है बताते है । 🙂

दरअसल कुछ दिन पहले हम लाई ( मुरमुरा ) और भुना चना बड़े मज़े से खा रहे थे तभी लगा कि एक दाँत में कुछ अटका हुआ है और जब टूथपिक से निकाला तो चने के टुकड़े के साथ कुछ सफ़ेद टुकड़ा सा निकला तो उस पर हमने ध्यान नहीं दिया पर जब दाँत में खाना फँसना शुरू हुआ तब पता चला कि दाँत में से एक छोटा सा टुकड़ा निकल गया है ।

बस फिर और कोई चारा नहीं था सिवाय दाँत के डाक्टर के पास जाने के ।

तो हम गये भी और डाक्टर ने देख कर सबसे पहले पूछा कि आपने क्या खाया जो आपका दाँत टूट गया और जैसे ही हमने कहा कि चना खाया था तो डाक्टर के चेहरे पर भी मुस्कराहट आ गई बस ग़नीमत ये रही कि उसने ये नहीं कहा कि क्या आप लोहे के चने खा रही थीं जो दाँत टूट गया । 😁

खैर चैकअप और एक्सरे के बाद डाक्टर ने रूट कनाल ट्रीटमेंट के लिये कहा । अब पहले वाला ज़माना तो है नहीं कि दाँत में दर्द हुआ और दाँत निकाल दिया । दर्द और दाँत दोनों से छुटकारा । 😃

पर अब तो डाक्टर दाँत उखाड़ने की बजाय दाँत बचाने की पूरी कोशिश करते है । और उसके लिये रूट कनाल ट्रीटमेंट ही होता है । और इसमें अच्छा ख़ासा दर्द होता है । अरे भई जब तरह तरह की कीलों और सुई ( इनका टैक्निकल नाम नहीं जानते है ) जैसी चीज़ें अन्दर जाकर खुदाई करती है तो एक सिहरन सी होती है जिसे दर्द भी कहा जा सकता है । और जब बीच बीच में डाक्टर मिज़ो जैसे शब्द (टैक्निकल ) बोलते रहते है । और कुछ नापते हुये कहते है कि सत्रह है ,उन्नीस है या पच्चीस तक करना है जिसे सुनकर लगता है कि अभी खुदाई जारी रहेगी । 😀

वैसे हमारे डाक्टर काफ़ी अच्छे है और हड़बड़ी में नहीं रहते है कि बस जल्दी जल्दी खुदाई कर दें । ( हांलाकि आजकल विज्ञापन आते है कि एक सिटिंग में रूट कनाल ट्रीटमेंट हो सकता है । ) ट्रीटमेंट के दौरान कहते रहते है कि अगर जरा सा भी दर्द हो तो बताइये । और अगर ज़्यादा दर्द होता है तो वो ट्रीटमेंट मतलब खुदाई रोक देते है और फिर दवाई रखकर एक दो दिन बाद ट्रीटमेंट के लिये बुलाते है। अब दर्द तो तभी ज़्यादा होगा जब अन्दर इंफ़ेक्शन होगा ।

वैसे रूट कनाल ट्रीटमेंट करवाते हुये हमें ये एहसास हुआ कि डेंटिस्ट का काम बहुत कुछ सुनार के काम जैसा है जहाँ जल्दबाज़ी से नहीं बल्कि आराम से काम करना पड़ता है । जैसे सुनार धीरे धीरे सोने को आकार देता है वैसे ही डेंटिस्ट भी धीरे धीरे काम करता है ।

अब जिसने रूट कनाल ट्रीटमेंट कराया है वो मेरे दर्द को बख़ूबी समझ सकता है ।

सूचना --
और एक बात कृपया कोई भी डेंटिस्ट या पढ़ने वाला इस पोस्ट को दिल पर ना ले वरना दिल के डाक्टर के पास जाना पड़ सकता है । 😜

Comments

Popular posts from this blog

जीवन का कोई मूल्य नहीं

क्या चमगादड़ सिर के बाल नोच सकता है ?

सूर्य ग्रहण तब और आज ( अनलॉक २.० ) चौदहवाँ दिन