ऑरगैनिक फल और सब्ज़ियाँ

जैसा कि हम सब जानते है कि आजकल ऑरगैनिक फल ,सब्ज़ियों और अन्य खाने की चीज़ों का ऑरगैनिक होना स्वस्थ रहने का मंत्र है । और आजकल तो ये ऑरगैनिक शब्द बहुत ही महत्त्वपूर्ण हो गया है । जिस प्रोडक्ट पर ऑरगैनिक लिखा है वो माना जाता है कि सेहत के लिये बिलकुल उपयुक्त है और इसीलिये वह प्रोडक्ट महँगा भी होता है । अब तो अगर हम ऑरगैनिक खाद्य सामग्री नहीं खा रहे है तो इसका मतलब कि हम स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं है । वैसे भी सेहत के लिये क्या महँगा और क्या सस्ता ।

जहाँ तक हमें याद है पहले तो सभी फल और सब्ज़ियाँ वग़ैरा आजकल की भाषा में ऑरगैनिक ही होती थी । हर जगह गोबर की खाद या सूखे पत्तों वग़ैरा को गड्ढे में दबा और गला कर कम्पोस्ट खाद बनाई जाती थी और उसे ही खेतों में इस्तेमाल किया जाता था । कीड़े मकोड़ों से फ़सल को बचाने के लिये भी किसान वही दवायें या पेस्टीसाइड डालते थे जो बाद में इस्तेमाल किये जाने पर जनता जनार्दन को नुक़सान ना करे ।

पर धीरे धीरे शायद ज़्यादा और अच्छी फ़सल के लिये कैमिकल्स से बनी खाद का ज़्यादा इस्तेमाल होना शुरू हो गया । और धीरे धीरे कैमिकल्स से बनी खाद हर कोई इस्तेमाल करने लगा । क्या खाद और क्या पेस्टीसाइड इसमें इतना अधिक कैमिकल्स प्रयोग होने लगा कि फल और सब्ज़ी सेहत के लिये अच्छे होने की बजाय नुक़सानदायक ज़्यादा होने लगे । और इसका चौतरफ़ा असर भी दिखाई देता है ।

अब अच्छी फ़सल और अच्छा पैसा हर कोई चाहता है । हालाँकि हमारे देश के किसान इतनी कड़ी मेहनत के बाद भी ऐसा नहीं है कि खूब पैसा कमा रहें है । किसान तो ग़रीब के ग़रीब ही है ।

हम लोग तो बचपन से ही ऑरगैनिक फ़ूड खाते रहे थे और इस बात पर कभी भी कोई शक या सवाल नहीं था ।



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