ट्रेन में टिकट के प्रिंट आउट की जगह एस.एम एस. दिखाइए

बात 2010-2011 की है उस समय लखनऊ में हमारा बेटा पढ़ रहा था और जब भी दिल्ली शताब्दी या दुरंतो से आता था तो वो अक्सर टिकट का प्रिंट आउट लिए बिना ही ट्रेन board करता था और ट्रेन में टी.टी.को प्रिंट आउट की जगह एस.एम.एस. में टिकट दिखाने पर हर बार 50 या 100 रूपये का फाईन  देना पड़ता था।. और हम हमेशा उससे कहते थे की पहले से टिकट क्यूँ नहीं निकाल कर रखते हो।. हर बार फ़ालतू में फाईन देते हो।.

और ऐसा ही एक बार हमारे साथ भी हुआ।. 2011 की बात है  हम लोग शताब्दी से भोपाल  से दिल्ली आ रहे थे और उस बार हम लोगों के पास  टिकट का प्रिंट आउट नहीं था जबकि फ़ोन में एस.एम.एस. में टिकट का पूरा डिटेल था यानी पी .एन.आर. नंबर वगैरा था पर उस समय टी.टी.उस पर यकीन नहीं कर रहा था और बार--बार टिकट प्रिंट आउट के लिए  ज्यादा जोर दे रहा था . जबकि  उसे अपना आई.डी वगैरा भी दिखाया  था।.और बस वो अपनी ही बात बार--बार दुहरा रहा था और ऐसा जता  रहा था मानो हम लोगों बिना टिकट यात्रा कर रहे हो।.   हम लोगों ने उससे कहा की ठीक है अगर आप इसे नहीं मान रहे  है  तो पेनेल्टी  ले लो . तब अचानक ही वो सुधर गया और कहने लगा की नहीं ठीक है।.

और अब आप लोगों ने भी देखा होगा की आजकल रेलवे की साईट (irctc )पर जब टिकट बुक करते है तो साइड में लिखा रहता है की paperless यात्रा कीजिये . टिकट के  प्रिंट आउट के बजाय फ़ोन में आये हुए एस.एम.एस को ट्रेन में टी.टी.को दिखाइए।.

समय कैसे और कितनी जल्दी बदल जाता है की  अब  रेलवे की वेब साईट पर ही लिख रहे है की paperless  travel कीजिये। जबकि पिछले साल तक paperless यात्रा पर फाईन देना पड़ता था। :(


Comments

BS Pabla said…
तकनीक और समय बहुत कुछ बदलाव ला देते है
Asha Joglekar said…
तकनीकी प्रगती का कमाल है । पर सुविधा जनक भी है पर्स खंगालने की जरूरत नही ।
Unknown said…
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