जापान और चीन यात्रा विवरण ( Hachiko the dog statue )
कैट कैफ़े के बाद हम लोग ट्रेन से shibuya गए क्यूँकि जापान जाए और hachiko ना देखे ऐसा भला कैसे हो सकता है। आप में से अधिकतर लोगों को hachiko के बारे में पता होगा क्यूँकि रिचर्ड गेयर की मशहूर पिक्चर भी है जिसे उस समय तो क्या आज भी अगर देखे तो बहुत अच्छी लगती है।
चलिए कोई बात नहीं अगर आपने पिक्चर नहीं देखी है तो हम बता देते है थोड़ा बहुत । दरअसल में ये एक ऐसे dog की कहानी है जो अपने मालिक को रोज़ shibuya स्टेशन के बाहर तक छोड़ने आता था क्यूँकि उसका मालिक ट्रेन से टोक्यो में नौकरी करने जाता था । और अपने मालिक के जाने के बाद डॉग वहीं एक पेड़ के नीचे बैठ कर शाम होने का इंतज़ार करता था । शाम को जब उसका मालिक ट्रेन से वापिस आता था तो दोनो घर चले जाते थे। ऐसे ही समय बीतता गया।
एक दिन जब उसका मालिक shibuya स्टेशन से ट्रेन लेकर टोक्यो चला गया तो वो डॉग रोज़ की तरह पेड़ के नीचे बैठकर उसका इंतज़ार करने लगा। शाम हो गयी रात हो गयी अगला दिन हो गया पर उसका मालिक नहीं आया पर वो डॉग भी इतना वफ़ादार था की वो उसी पेड़ के नीचे नौ साल तक बैठकर अपने मालिक के आने का इंतज़ार करता रहा और एक दिन वो भी ये दुनिया छोड़कर चला गया ।
स्टेशन के बाहर एक पूरी दीवार hachiko को समर्पित दिखाई गयी है।
उसकी वफ़ादारी की मिसाल और उसकी याद में ही hachiko का स्टैचू उसी पेड़ के नीचे बनाया गया है।
Shibuya स्टेशन पर जब ट्रेन से उतरते है है तो hachiko का साइनबोर्ड दिखता है और बस उसे देखते हुए बाहर निकालने पर बायीं ओर पेड़ के नीचे काफ़ी भीड़ भाड़ दिखाई देती है और इस भीड़ से ही पता चल जाता है कि hachiko की स्टैचू वहाँ है। हर कोई या तो अकेले hachiko की या फिर hachiko के साथ अपनी फ़ोटो खींचता हुआ दिखाई देता है । वैसे हमने भी hachiko के साथ फ़ोटो खिंचाई । :)
वैसे shibuya क्रॉसिंग जापान की सबसे अधिक भीड़ भाड़ वाली क्रॉसिंग मानी जाती है पर कमाल की बात है की हर कोई ट्रैफ़िक नियम को फ़ॉलो करता है इसलिए किसी को कोई परेशानी नहीं होती है। तो hachiko के साथ फ़ोटो खींचकर हमने भी मशहूर shibuya क्रॉसिंग पार की और एक रेस्टौरेंट में खाना खाने चले गए । :)
चलिए कोई बात नहीं अगर आपने पिक्चर नहीं देखी है तो हम बता देते है थोड़ा बहुत । दरअसल में ये एक ऐसे dog की कहानी है जो अपने मालिक को रोज़ shibuya स्टेशन के बाहर तक छोड़ने आता था क्यूँकि उसका मालिक ट्रेन से टोक्यो में नौकरी करने जाता था । और अपने मालिक के जाने के बाद डॉग वहीं एक पेड़ के नीचे बैठ कर शाम होने का इंतज़ार करता था । शाम को जब उसका मालिक ट्रेन से वापिस आता था तो दोनो घर चले जाते थे। ऐसे ही समय बीतता गया।
एक दिन जब उसका मालिक shibuya स्टेशन से ट्रेन लेकर टोक्यो चला गया तो वो डॉग रोज़ की तरह पेड़ के नीचे बैठकर उसका इंतज़ार करने लगा। शाम हो गयी रात हो गयी अगला दिन हो गया पर उसका मालिक नहीं आया पर वो डॉग भी इतना वफ़ादार था की वो उसी पेड़ के नीचे नौ साल तक बैठकर अपने मालिक के आने का इंतज़ार करता रहा और एक दिन वो भी ये दुनिया छोड़कर चला गया ।
स्टेशन के बाहर एक पूरी दीवार hachiko को समर्पित दिखाई गयी है।
उसकी वफ़ादारी की मिसाल और उसकी याद में ही hachiko का स्टैचू उसी पेड़ के नीचे बनाया गया है।
Shibuya स्टेशन पर जब ट्रेन से उतरते है है तो hachiko का साइनबोर्ड दिखता है और बस उसे देखते हुए बाहर निकालने पर बायीं ओर पेड़ के नीचे काफ़ी भीड़ भाड़ दिखाई देती है और इस भीड़ से ही पता चल जाता है कि hachiko की स्टैचू वहाँ है। हर कोई या तो अकेले hachiko की या फिर hachiko के साथ अपनी फ़ोटो खींचता हुआ दिखाई देता है । वैसे हमने भी hachiko के साथ फ़ोटो खिंचाई । :)
वैसे shibuya क्रॉसिंग जापान की सबसे अधिक भीड़ भाड़ वाली क्रॉसिंग मानी जाती है पर कमाल की बात है की हर कोई ट्रैफ़िक नियम को फ़ॉलो करता है इसलिए किसी को कोई परेशानी नहीं होती है। तो hachiko के साथ फ़ोटो खींचकर हमने भी मशहूर shibuya क्रॉसिंग पार की और एक रेस्टौरेंट में खाना खाने चले गए । :)
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