दिल्ली मे तो नही पर इलाहाबाद के ब्लॉगर से हुई मुलाकात
अप्रैल मे जब दिल्ली गए थे तो शुरू मे तो कुछ सोचने समझने की सुध ही नही थी क्यूंकि पापा हॉस्पिटल मे थे पर जब कुछ दिन बाद उनकी तबियत कुछ संभली तो एक दिन हमने रचना को फ़ोन किया तो रचना ने सबसे पहले यही पूछा कि हम कब दिल्ली आ रहे है और ये बताने पर कि हम दिल्ली मे ही है रचना काफ़ी खुश हो गई कि इस बार तो हम लोग जरुर ही मिलेंगे । पर जब हमने पापा के बारे मे बताया तो रचना ने कहा कि कभी भी कोई भी भी हो तो हम उन्हें जरुर बताये । रचना का इतना कहना ही बहुत था । रचना से बात करने के बाद हमने रंजना जी को फ़ोन किया तो पता चला कि रंजना जी कुछ busy थी इसलिए उनसे बात नही हो पायी थी । इस बीच मे २ - ३ बार रचना से बात हुई और हर बार बात इस पर ख़तम होती की इस बार तो हम लोग जरुर मिलेंगे । इलाहाबाद मे जब हम थे तब रचना ने बताया था कि अविनाश वाचस्पति जी ४ जून को दिल्ली मे एक ब्लॉगर मीट रख रहे है और अविनाश जी से भ...