tag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post516563852972133131..comments2024-02-21T21:49:17.656+05:30Comments on mamta t .v.: मुम्बई शहर हादसों का शहर है ....mamtahttp://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-70116609968354730082008-01-04T14:19:00.000+05:302008-01-04T14:19:00.000+05:30हमें, चाहे हम स्त्री हों या पुरुष, अपने आप पर लज्ज...हमें, चाहे हम स्त्री हों या पुरुष, अपने आप पर लज्जित होना चाहिये। इन लड़कों/ पुरुषों को ऐसे संस्कार हम माता पिता व समाज ने ही दिये हैं ।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-45979270238981300182008-01-04T12:07:00.000+05:302008-01-04T12:07:00.000+05:30"पर सबसे आश्चर्य जनक बात तो पुलिस चीफ ने कही है कि..."पर सबसे आश्चर्य जनक बात तो पुलिस चीफ ने कही है कि अगर आप अपनी बीबियों की सुरक्षा चाहते है तो उन्हें घर मे रखिये।अब अगर पुलिस ही ऐसा कहती है तो फिर जनता किससे शिक़ायत करेगी।"<BR/><BR/>गलती पूरी तरह पुलीस की नहीं है. सामाजिक माहौल इतनी तेजी से बिगड रहा है, पुलीस के ऊपर राजनैतिक दबाव इतना अधिक है, कि स्थिति काबू के बाहर है. फिलहाल नागरिकों की भी कुछ जिम्मेदारी बनती है. <BR/><BR/>जब नागरिकों के बीच चेतना जागेगी तभी पुलीस कुछ कर पायगी. सारी जिम्मेदारी उनकी नहीं है.Shastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-7486640277044838112008-01-03T10:54:00.000+05:302008-01-03T10:54:00.000+05:30उस दुखदायी घटना के बाद से एक बार फिर हमने साबित कर...उस दुखदायी घटना के बाद से एक बार फिर हमने साबित कर दिया है कि अभी हमें सभ्य होने पर थोड़ा वक्त लगेगा<BR/><BR/>just see ashishmaharishi.blogspot.comAshish Maharishihttps://www.blogger.com/profile/04428886830356538829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-18343477379565561432008-01-03T06:08:00.000+05:302008-01-03T06:08:00.000+05:30आधी मुम्बई महिलाओं की है। अब तक उन में उबाल क्यों ...आधी मुम्बई महिलाओं की है। अब तक उन में उबाल क्यों नहीं है यह समझ नहीं आया। आज इस दुर्घटना का तीसरा दिन है मुम्बई के लोगों का तापमान क्या रहता है? यही देखना है, यही यह भी तय करेगा कि मुम्बई भविष्य में किस ओर जाएगी।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-42485318460671608272008-01-03T00:20:00.000+05:302008-01-03T00:20:00.000+05:30इस भीड तंत्र मे ऐसे अवसरो पर घर पर ही रहना ठीक है।...इस भीड तंत्र मे ऐसे अवसरो पर घर पर ही रहना ठीक है। मैने हर बार की तरह नये वर्ष का स्वागत लेखन करते-करते किया। बाहर शोर सुनता रहा जो कि हर साल तेज हो रहा है। कभी-कभी लगता है कि क्या हम इतने नीरस है जो सब खुशियाँ मना रहे है और हम अपने काम मे लगे है पर दूसरे ही पल सडको पर गालिया देते तेज मोटर साइकल मे सवार नवजवानो को देखता हूँ तो अपने निर्णय पर खुश हो जाता हूँ।Pankaj Oudhiahttps://www.blogger.com/profile/06607743834954038331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-80454297066056202702008-01-02T20:44:00.000+05:302008-01-02T20:44:00.000+05:30ममता जी, आप ने एक बिल्कुल सुलगता मुद्दा उठाया है,...ममता जी, आप ने एक बिल्कुल सुलगता मुद्दा उठाया है,और निःसंदेह यह हम सब के लिए एक चिंता का विषय है। मेरी भी , ममता जी, बम्बई में 10 साल तक पोस्टिंग रही है। इसलिए हम सब को यह लगता रहा है कि सारे हिंदोस्तान में अगर कोई जगह महिलाओं के लिए सुरक्षित है तो बंबई ही है। लेकिन अब कभी कभी इस विश्वास को ठेस सी लगने लगी है। वैसे भी लोग इस हुल्लड़बाजी में यह क्यों भूल जात हैं कि ......your freedom ends where my nose starts !! ऐसी घटनाओं की जितनी निंदा हो उतनी कम है। और इस तरह की वारदातें करने वालों को कठोर से कठोर सजा मिलनी चाहिए।Dr Parveen Choprahttps://www.blogger.com/profile/17556799444192593257noreply@blogger.com