tag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post3290802986795886586..comments2024-02-21T21:49:17.656+05:30Comments on mamta t .v.: जिंदगी इम्तिहान लेती हैmamtahttp://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-4735633335282576222008-05-10T12:13:00.000+05:302008-05-10T12:13:00.000+05:30समाज हमेशा लडकी को दोष देता है जबकि इसके लिए लड़के ...समाज हमेशा लडकी को दोष देता है जबकि इसके लिए लड़के ही अधिक जिम्मेदार होते हैं.<BR/>दीपक भारतदीपदीपक भारतदीपhttps://www.blogger.com/profile/14727354455089892030noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-14844673792854329172008-05-07T13:05:00.000+05:302008-05-07T13:05:00.000+05:30बहुत सशक्त लेखबहुत सशक्त लेखआशीष कुमार 'अंशु'https://www.blogger.com/profile/12024916196334773939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-39649848429852429912008-05-07T07:47:00.000+05:302008-05-07T07:47:00.000+05:30ममता,क्या तुम्हें ऎसा नहीं लगता कि इसमें कोई पेंच ...ममता,<BR/>क्या तुम्हें ऎसा नहीं लगता कि इसमें कोई पेंच है ?<BR/>भाग्य, खूबसूरती,शिक्षा अपने स्थान पर हैं, किंतु<BR/>दोनों ही ब्याह की दुःखद परिणिति में, एक तथ्य<BR/>मुँह चिढ़ा रहा है, संतानहीनता !<BR/>यदि तमाम गुणों के रहते भी कोई वधू अपने पति<BR/>को संतुष्ट न कर पाये, तो भी ऎसा होता है ।<BR/><A> उसकी फ़्रिज़िडिटी शायद उसकी दुश्मन बन कर घर उजाड़ती रही ।</A><BR/><BR/>मैंनें फ़ेमिली काउंसलिंग में ऎसे कई प्रकरण से सामना किया<BR/>है, इसलिये थोड़ी बेपर्दगी के साथ यह कहने को बाध्य हूँ ।डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-41221019352491251082008-05-06T19:42:00.000+05:302008-05-06T19:42:00.000+05:30सच तो ये है कि सारी आधुनिकता के बावजूद हम ग्रामीण ...सच तो ये है कि सारी आधुनिकता के बावजूद हम ग्रामीण मानसिकता से बाहर नहीं निकल पाए हैं । समाज बेहद पुरूषवादी है और लांछन लगाने का कोई मौका नहीं छोड़ता । ये स्थिति इलाहाबाद से लेकर मुंबई या गोवा तक सब जगह है । जनरलाइजेशन किया जा सकता है ।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-74739821171434510402008-05-06T19:35:00.000+05:302008-05-06T19:35:00.000+05:30ममता जी,मैँने इसीलिये "बकलम्खुद " मेँ लिखा था कि, ...ममता जी,<BR/>मैँने इसीलिये "बकलम्खुद " मेँ लिखा था कि, इन्सान अच्छा है या बुरा ये उसके माथे पे लिखा नहीँ होता " अच्छे और बुरे इन्सान का पता अनुभव से ही चलता है - " <BR/>दूसरी बार जिस लडके से शदी हुई , उसका भी तो पहले डाइवोर्स हुआ था, सही ये होता कि, लडकी के माता , पिता, कारण जानने की कोशिश करते सिर्फ , ऊँचे ओहदे पर आसीन लडके से अपनी बेटी को बाँध न देते -- शादी , ब्याह मेँ अक्सर, लडकियाँ ही ज्यादा एडजस्ट करतीँ हैँ -- that is what i've noticed in general - but, there are always "bad apples " may it be a Boy or a Girl !<BR/><BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-84360599797073184442008-05-06T18:35:00.000+05:302008-05-06T18:35:00.000+05:30इस तरह की सामाजिक विसंगतियों से प्रताडित कितनी ही ...इस तरह की सामाजिक विसंगतियों से प्रताडित कितनी ही कहानियाँ हमारे चारों र छितराई पड़ी है -जरुरत है इस बालिका से साहस की, संबल की और समाज सुधार की दिशा में जागरुक और सार्थक पहल की.<BR/><BR/>अच्छा प्रेरक आलेख.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-49027646985772350592008-05-06T14:47:00.000+05:302008-05-06T14:47:00.000+05:30जब तक माँ बाप लड़कियों की शादियाँ अपने लिए करते रह...जब तक माँ बाप लड़कियों की शादियाँ अपने लिए करते रहेंगे ऐसा ही होता रहेगा। उन्हें लड़कियों के व्यक्तित्व का निर्माण होने देना चाहिए। तब फिर सोचना चाहिए शादी के बारे में।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-5378180478844838232008-05-06T13:21:00.000+05:302008-05-06T13:21:00.000+05:30रिपीट पोस्ट? रिपीट कमेन्ट!"अव्वल दर्जे से पास किया...रिपीट पोस्ट? रिपीट कमेन्ट!<BR/><BR/>"अव्वल दर्जे से पास किया इन्होने ये इम्तिहान. ऐसी विकट कठिनाइयों से गुजरने के बाद भी अपनी मंजिल हासिल करनेवाली इन महिला को सलाम. बढ़िया पोस्ट है."Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-41887396919588612962008-05-06T12:54:00.000+05:302008-05-06T12:54:00.000+05:30बस यही समाज है ओर इसी मे सब सुख दुःख बसर करते हुए ...बस यही समाज है ओर इसी मे सब सुख दुःख बसर करते हुए ,लड़ते हुए हमे बसर करना है......डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-47577432642800688132008-05-06T12:06:00.000+05:302008-05-06T12:06:00.000+05:30दानव और देव समाज के हर तबके में हैं। इस लड़की के लि...दानव और देव समाज के हर तबके में हैं। <BR/>इस लड़की के लिये मन में बहुत सम्मान उपजता है।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-24082189646799755202008-05-06T11:59:00.000+05:302008-05-06T11:59:00.000+05:30बहुत सशक्त लेख,इतनी बुरी तरह टूटने के बाद भी उस लड...बहुत सशक्त लेख,इतनी बुरी तरह टूटने के बाद भी उस लड़की ने हिम्मत नही हारी और जिंदगी के इम्तेहान में सफल रही.हमें सबक लेने की ज़रूरत है.rakhshandahttps://www.blogger.com/profile/08686945812280176317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-64276637967502073542008-05-06T11:52:00.000+05:302008-05-06T11:52:00.000+05:30खैर इस बात की खुशी है कि वह लडकी आज अपने पैरो पर ...खैर इस बात की खुशी है कि वह लडकी आज अपने पैरो पर खडी है।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-38284424116684972362008-05-06T11:26:00.000+05:302008-05-06T11:26:00.000+05:30इम्तेहान में संघर्षरत रहते हुए पास करते जाने की प्...इम्तेहान में संघर्षरत रहते हुए पास करते जाने की प्रेरणा मिलती है इस लड़की से. IAS के घर में भी जब ऐसी घटनाएं हो सकती हैं तो फिर साधारण लोगों के घर क्या होता होगा ?Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-50616065989446548372008-05-06T11:19:00.000+05:302008-05-06T11:19:00.000+05:30आय.ए.एस. जैसे तबके के लोग ऐसे नीच काम करते हैं तो ...आय.ए.एस. जैसे तबके के लोग ऐसे नीच काम करते हैं तो घिन आती है.<BR/><BR/>पता नहीं जनता क्यों उन्हें भगवान मानती हैbhuvnesh sharmahttps://www.blogger.com/profile/01870958874140680020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-82733630062929139992008-05-06T09:37:00.000+05:302008-05-06T09:37:00.000+05:30लेख बहुत बढ़िया है ममता जी.. मैं ये तो नही कहता की...लेख बहुत बढ़िया है ममता जी.. मैं ये तो नही कहता की सब उस लड़की की ग़लती है पर आपकी जो ये पंक्ति है.. "इस लड़की ने जिसने सिर्फ़ अपने माता-पिता और बहनों के लिए ही दूसरी शादी की थी..." मुझे लगता है की यही वजह रही होगी उसकी शादी टूटने की.. यदि वो शादी अपने लिए करती तो शायद सुखी रहती.. <BR/>ये सिर्फ़ मेरा सोचना है.. हो सकता है तब परिस्थिति कुछ और रही होगी.. खैर जो भी है ये भी समाज का एक आईना है.. आपने एक और सच्चाई की तरफ ध्यान आकर्षित करवाया.. बधाई..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.com