tag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post1597022715805308192..comments2024-02-21T21:49:17.656+05:30Comments on mamta t .v.: आत्महत्या और शिक्षा प्रणालीmamtahttp://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-48487310942293267252008-03-24T00:49:00.000+05:302008-03-24T00:49:00.000+05:30आपका लेख तो बहुत पहले ही पढ़ लिया था लेकिन ब्लॉगर ड...आपका लेख तो बहुत पहले ही पढ़ लिया था लेकिन ब्लॉगर डॉट कॉम बन्द होने के कारण टिप्पणी पहले न दे पाए.<BR/>आजकल हमारा बेटा भी बाहरवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा दे रहा है लेकिन सब कुछ सामान्य चल रहा है. दूसरी तरफ छठी सातवीं के बच्चों के माता-पिता ने सब कुछ बन्द करके रख दिया है. माता-पिता को बदलना सचमुच कठिन होता है.मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-38659505220732972282008-03-22T15:37:00.000+05:302008-03-22T15:37:00.000+05:30दरअसल अंग्रेजों द्वारा प्रदत्त यह शिक्षा प्रणाली ह...दरअसल अंग्रेजों द्वारा प्रदत्त यह शिक्षा प्रणाली है इसमें अपने देश के हिसाब से सुधार की जरूरत है.<BR/>दीपक भारतदीपदीपक भारतदीपhttps://www.blogger.com/profile/06331176241165302969noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-84779817815715789832008-03-20T23:46:00.000+05:302008-03-20T23:46:00.000+05:30sehmati hai, ise darwinvad ke najariye se bhi dekh...sehmati hai, ise darwinvad ke najariye se bhi dekh sakte hain....<BR/><BR/>Happy HoliTarunhttps://www.blogger.com/profile/00455857004125328718noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-67994891629011730482008-03-20T17:37:00.000+05:302008-03-20T17:37:00.000+05:30बेबात के तनाव में जी रहे हैं बच्चे। आपकी चिंताएं व...बेबात के तनाव में जी रहे हैं बच्चे। <BR/>आपकी चिंताएं वाजिब हैं।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-37340279667987969192008-03-20T16:39:00.000+05:302008-03-20T16:39:00.000+05:30बहुत सार गर्भित लेख लिखा है आप ने ममता जी, आज के ब...बहुत सार गर्भित लेख लिखा है आप ने ममता जी, आज के बच्चे पर पड़ने वाले तनाव की कल्पना भी हम अपने वक्त में नहीं कर सकते थे. जीवन की इस आपाधापी में, दौड़ में आगे निकलने के प्रयास में, हम और हमारे बच्चे कितना कुछ गवां देते हैं शायद इसका अंदाजा ही नहीं है हमें. अब तो बच्चे पैदा होते ही सीधे व्यस्क हो जाते हैं बचपना शायद विगत की बात हो गयी है.<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-74777221800616369822008-03-20T14:48:00.000+05:302008-03-20T14:48:00.000+05:30छात्र जीवन ही नहीं, समग्र जीवन ही तनावपूर्ण हो गया...छात्र जीवन ही नहीं, समग्र जीवन ही तनावपूर्ण हो गया है। हम सभी प्रसन्नता के कारकों की तलाश में निरर्थक भटकते हैं और हाथ लगता है तनाव! :(Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-46540955248280249142008-03-20T14:21:00.000+05:302008-03-20T14:21:00.000+05:30बिल्कुल सही बात है, मार्क्स से किसी की बौद्धिक क्ष...बिल्कुल सही बात है, मार्क्स से किसी की बौद्धिक क्षमता का निर्धारण नहीं किया जा सकता.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-508437643371954996.post-84726935596750498862008-03-20T13:46:00.000+05:302008-03-20T13:46:00.000+05:30सहमत।सहमत।Pankaj Oudhiahttps://www.blogger.com/profile/06607743834954038331noreply@blogger.com