dirty politics
यूँ तो राजनीति मे हमेशा ही सभी राजनैतिक पार्टियां एक-दूसरे के काम काज पर ,चुनाव प्रचार पर आरूप प्रत्यारोप लगाती रहती है पर इस बार तो उत्तर प्रदेश के होने वाले चुनाव मे सभी पार्टियों ने सभी सीमाएं तोड़ दी। यूँ तो चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश की सभी हाथियों की मूर्तियों को ढकने का आदेश दिया था और ये काम पूरे जोर-शोर से हो भी रहा था ।
पर शायद राज नेताओं को इतने से ही संतोष नहीं था। क्यूंकि उन्हें इलाहाबाद के चिल्ड्रेन पार्क जिसे सुमित्रा नंदन पन्त पार्क या जैपनीज पार्क या फिर हाथी पार्क के नाम से भी जाना जाता है वहां बच्चों के झूलने के लिए बने एक हाथी को इन नेताओं की नजर लग गयी। और इन नेताओं ने चुनाव आयोग को उस हाथी ढकने के लिए भी कहा। जो की बहुत ही शर्म की बात है।
चिल्ड्रेन पार्क का ये हाथी जिसे कुछ नहीं तो काम से काम ४० साल हो गए है बने हुए । हम लोग भी अपने बचपन मे उस पार्क मे बड़े चाव से जाते थे ,और ४० साल पहले तो हाथी पार्क का कुछ ऐसा क्रेज था (शायाद अभी भी है )की जब भी हमारे घर कोई मौसी,मामा या चाचा और उनका परिवार आता तो हाथी पार्क जाना तो लाजमी था. और हम ही क्या इलाहाबाद मे रहने वाले हर इलाहाबादी से ये पार्क किसी ना किसी रूप मे जरुर जुड़ा होगा। ना केवल हमने बल्कि हमारे बच्चों ने भी इस हाथी पार्क का काफी लुत्फ़ उठाया है।
राजनीति और राज नेताओं की छोटी सोच और dirty politics के चलते इसी हाथी को ढकने की सोची जा रही है।
अफ़सोस कि नेताओं को अपने ऊपर विश्वास नहीं रहा की वो सिर्फ चुनाव प्रचार करके चुनाव जीत सकते है।
पर शायद राज नेताओं को इतने से ही संतोष नहीं था। क्यूंकि उन्हें इलाहाबाद के चिल्ड्रेन पार्क जिसे सुमित्रा नंदन पन्त पार्क या जैपनीज पार्क या फिर हाथी पार्क के नाम से भी जाना जाता है वहां बच्चों के झूलने के लिए बने एक हाथी को इन नेताओं की नजर लग गयी। और इन नेताओं ने चुनाव आयोग को उस हाथी ढकने के लिए भी कहा। जो की बहुत ही शर्म की बात है।
चिल्ड्रेन पार्क का ये हाथी जिसे कुछ नहीं तो काम से काम ४० साल हो गए है बने हुए । हम लोग भी अपने बचपन मे उस पार्क मे बड़े चाव से जाते थे ,और ४० साल पहले तो हाथी पार्क का कुछ ऐसा क्रेज था (शायाद अभी भी है )की जब भी हमारे घर कोई मौसी,मामा या चाचा और उनका परिवार आता तो हाथी पार्क जाना तो लाजमी था. और हम ही क्या इलाहाबाद मे रहने वाले हर इलाहाबादी से ये पार्क किसी ना किसी रूप मे जरुर जुड़ा होगा। ना केवल हमने बल्कि हमारे बच्चों ने भी इस हाथी पार्क का काफी लुत्फ़ उठाया है।
राजनीति और राज नेताओं की छोटी सोच और dirty politics के चलते इसी हाथी को ढकने की सोची जा रही है।
अफ़सोस कि नेताओं को अपने ऊपर विश्वास नहीं रहा की वो सिर्फ चुनाव प्रचार करके चुनाव जीत सकते है।
Comments
बाकी जितने सडल्ले नेता भारत में हैं, उतने कहीं नहीं! :-(