hoardings पर लिखे ये दो विज्ञापन


कल हम पतिदेव को लेने एअरपोर्ट गए थे और एअरपोर्ट से बाहर निकल कर हमारी कार लाल बत्ती पर रुकी हुई थी कि तभी-बात करते-करते अचानक हमारी नजर रोड की साईड मे लगे hoardings पर लिखे इन दोनों विज्ञापनों पर पड़ी और हमने फटाफट अपने मोबाइल से इसकी फोटो खींच ली ।
जरा गौर फरमाएं जहाँ बी.एस.एन.एल की कैच लाइन है वाह माईलेज हो तो ऐसा वहीं आईडिया की है एन आईडिया कैन चेंज यौर लाइफ दोनों ही ad बहुत कुछ कह रहे हैजैसे बी .एस.एन.एल की साइकिल पर जाइए और आईडिया की बाईक पर सवार होकर आइये । :)

वैसे पूरा विज्ञापन देखने के लिए और कैच फ्रेज पढने के लिए थोड़ा जूम करना पड़ सकता है
तो चलिए कुछ विज्ञापन का विश्लेषण हो जाए । :)

Comments

Smart Indian said…
सही कहा आपने.

प्रवृत्ति है अनुहार ढूँढने की
इसीलिये सदा ठगा जाता हूँ मैं
(अनुराग शर्मा)
खूब बढ़िया पकड़ा आपने ..आइडिया बेचने का .दिखाने का :)
Vinay said…
बहुत ख़ूब पकड़ी बात

---आपका हार्दिक स्वागत है
चाँद, बादल और शाम
बवाल said…
वाह ममता जी, बड़ा गहरा आब्ज़रवेशन रहा आपका। बिल्कुल सही ।
अजी हमे तो इस बारे कुछ नही पता,लेकिन हमारी हाजरी पक्की.
धन्यवाद
सुंदर पकड़ांकन. हमारे ख़याल से साइकल सेहत के लिए अच्छा रहता है. आभार.
Shiv said…
बहुत बढ़िया ऑब्जरवेशन..
लगा जैसे उस जगह के लिए ये होर्डिंग्स लगाये गए हैं.
बहुत बार एक का विज्ञापन देख दुसरा उसकी काट में वहीं विज्ञापन लगवाता है. एयर कम्पनियाँ मुम्बई में ऐसा कर चुकी है. यहाँ भी आइडिया का बादमें लगाया गया होगा.
आइडिया अभी बाइक वालों से उलझी है, बीएसएनएल साइकिल वालों तक पहुँच रहा है।
Udan Tashtari said…
बड़ी पैनी निगाह पाई है, बहुत सटीक ऑबजरवेशन.
mehek said…
ha ha mazedaaar raha:)
दिलचस्प आपके फोटो फोटो .क्या बारीक नजर पाई है इशा अल्ला
सही है ममता जी
गोवा घूमने का मन हो आया :)
- लावण्या
मान गए आप की पारखी नज़र को...वाह...
नीरज
aapki parkhi nazar se kuch nahi bach sakta

Popular posts from this blog

जीवन का कोई मूल्य नहीं

क्या चमगादड़ सिर के बाल नोच सकता है ?

सूर्य ग्रहण तब और आज ( अनलॉक २.० ) चौदहवाँ दिन