AIIMS का ओल्ड प्राईवेट वार्ड नम्बर 401

गोवा से दिल्ली आने का प्रोग्राम तो जून में ही बन गया था और इसीलिए हमने दिल्ली के लिए ५ जुलाई की फ्लाईट भी बुक की हुई थी । आम दिनों की तरह २५ जून की शाम को भी हम और पतिदेव उस वीकएंड में गोवा में होने वाले फ़िल्म फेस्टिवल के लिए फिल्में सेलेक्ट कर रहे थे । कि तभी हमारी जिज्जी का फ़ोन आया तो थोडी देर बात करने के बाद जिज्जी ने हमसे पूछा कि क्या तुम्हारी पापा से बात हुईतो हमने कहा नहीजिज्जी के इस तरह पूछने पर हमें थोड़ा अजीब सा डर लगा और हमने जिज्जी से पूछा क्यूँ ?

यूँ तो पापा से नियमित रूप से बात होती रहती थी और है पर २३-२४ जून को पापा से बात नही हुई थी और २५ जून को जब फ़ोन पर जिज्जी ने बताया की पापा की तबियत बहुत ख़राब हो गई है । हमें तो यकीन ही नही आया क्यूंकि दो दिन पहले ही पापा से बात हुई थी और उस समय बस उन्हें बुखार ही था।जिज्जी से बात करने के बाद भइया को इलाहाबाद फ़ोन किया और उन से पापा की तबियत का पता चला , तब तो कुछ देर के लिए समझ ही नही आया की क्या करें फ़िर हमने भइया से कहा कि हम इलाहाबाद आ जाते है । तब भइया ने कहा कि अगले दिन वो पापा को लेकर दिल्ली में AIIMS में एडमिट कराने के लिए लाने वाले है।इसलिए हम अभी न आए । AIIMS पहुँच कर भइया जैसा होगा वैसा बताएँगे । हम असमंजस की स्थिति मे थे और इससे पहले कि हम कुछ सोचते पतिदेव ने कहा कि तुम चली जाओ क्यूंकि एक हफ्ते बाद तो तुम जा ही रही थी।और उनकी ये बात हमें भी ठीक लगी सो तुंरत ही रात में अगले दिन की हमने फ्लाईट बुक करी और २६ जून को दिल्ली आ गए।

और जब AIIMS पहुंचकर पापा को देखा तो एकदम से होश ही उड़ गए थे ।पापा की इतनी ज्यादा तबियत ख़राब होगी और उनको हम ऐसी हालत में देखेंगे ये तो सपने में भी नही सोचा था। पापा को साँस लेने में बहुत ही ज्यादा तकलीफ हो रही थी । और वो ठीक से बोल भी नही पा रहे थे। हॉस्पिटल में पता चला की पापा को जबरदस्त chest infection और निमोनिया हो गया था। और kidney की प्रॉब्लम भी हो गई थी। पर AIIMS के डॉक्टरों डॉ.तिवारी (nefro) और डॉ. नवल किशोर (medi) और इनकी टीम ने (डॉ,उपाध्याय ,डॉ सहजल,वगैरा )जिस तरह से पापा का इलाज किया कि आज पापा हम सबके साथ है। AIIMS के इन डॉक्टरों की जितनी तारीफ की जाए और जितना भी शुक्रिया किया जाए वो कम है।क्यूंकि इन डॉक्टरों ने पापा को मौत के मुंह से वापस खींचा है। यहाँ पर डॉ.तिवारी की एक बात का जरुर जिक्र करना चाहेंगे जो उन्होंने कही थी की किसी भी मरीज के ठीक होने में इन ४ चीजों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है ) god , ) resource यानी डॉक्टर,परिवार आदि , ) will power, ) destiny


शुरू के २० दिन तो रोज लगता था कि आज का दिन निकल गया अब अगले दिन भी सब ठीक रहे पर हर रोज एक नई प्रॉब्लम हो जाती थी।कभी काउंट बढ़ जाता तो कभी यूरिया तो कभी hb कम हो जाता।तो कभी chest में पानी भर जाता तो कभी डाइलिसिस के लिए पापा को ले जाया जाता। पर चूँकि हम सभी भाई-बहन एक साथ थे और हर कोई एक-दूसरे को मॉरल सपोर्ट दे रहा था । और शायद इसी वजह से पापा के साथ-साथ हम सब भी उस मुसीबत की घड़ी को झेल पाये। पापा की बीमारी में हम सब भाई-बहन तो AIIMS में थे पर हम सभी के पति देवों ने और बच्चों ने भी हम सभी का बहुत साथ दिया क्यूंकि उस सवा महीने में हम में से किसी को भी घर-बार की कोई सुध नही थी। क्या गोवा क्या इलाहाबाद क्या लन्दन क्या लखनऊ और क्या दिल्ली सब कुछ बस AIIMS का प्राईवेट वार्ड नम्बर 401 ही हो गया था।

पापा की बीमारी के दौरान AIIMS में सवा महीना कैसे गुजरा ये सोच कर आज भी मन विचलित हो जाता है

Comments

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अहो॓ऽ..मैं सोच ही रहा था कि,
यह लड़की AIIMS के हड़ताली पर इतना लिख-ऊख गयी थी,
अब देखें अंदर का हाल कैसा लिखती है ?
थैंक गाड.. द एन्ड इज़ वेल..सो, आल इज़ वेल
चलिए सब अच्छा हुआ यह जान कर बहुत अच्छा लगा
admin said…
अंत भला तो सब भला।
इसीलिए कहा जाता है कि डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होते हैं।
अंत भला तो सब भला।
आपके पापा को सुस्वास्थ्य के लिए शुभकामनाएं.
इसीलिए डाक्टरों को भगवान् का रूप कहा गया है.
पापा के स्वास्थ्य के लिए शुभकामनाएँ।
आपके पिता जी शीघ्र स्वस्थ हों।
चलिए इश्वर ने ठीक किया वो अच्छा है......हमारी शुभकामनाये आपके साथ है.......
Udan Tashtari said…
पिता जी शीघ्र स्वस्थ हों। शुभकामनाएँ।
Yunus Khan said…
हम प्रार्थना करते हैं कि आपके पिताजी शीघ्र स्‍वस्‍थ हों ।
ममता जी,
अपके परिवार ने पापाकी सेवा की वो सुनकर मन भर आया !
- वे स्वस्थ रहेँ -
और आप से आपके ब्लोग पर मुलाकात होतीँ रहेँ यही आशा है -
स्नेह
- लावण्या
पिता जी शीघ्र स्वस्थ हों। शुभकामनाएँ। ओर आप सब को नमस्कार
Abhishek Ojha said…
पिताजी के स्वस्थ लाभ के लिए शुभकामनायें !
आपके पिताजी शीघ्र स्‍वस्‍थ हों.शुभकामनाये..

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