माँ,अम्मा,मम्मी

माँ जिन्हें हम सब भाई बहन
अलग-अलग नाम से बुलाते
कोई माँ तो कोई अम्मा तो कोई मम्मी कहता
आज माँ हम सबसे बहुत दूर है
पर आज भी माँ हम सबके बहुत करीब है
आज भी उनका प्यार करना
उनका डांटना उनका दुलारना
सब याद आता है


माँ जिन्होंने जिंदगी मे कभी
हार नही मानी , यहां तक की
मौत को भी तीन बार हराया
पर आख़िर मे जिंदगी ने
उन का साथ छोड़ दिया
और माँ ने हम सबका



आज भी माँ का वो हँसता मुस्कुराता
चेहरा आंखों और दिल मे बसा है
माथे पर बड़ी लाल बिंदी
और मांग मे सुर्ख लाल सिन्दूर
सब याद आता है ,बहुत याद आता है

Comments

mehek said…
maa ki yaadein bahut sundar hoti hai,har maa ek khubsurat ehsaas,wo hamesha hum sab ke saath hoti hai,dil se.
ममता जी,आप से सहनुभुति हे,मां तो बस एक मां हे, जिस के बारे जितना भी लिखा जाये बहुत कम हे.जिस का कर्ज हम कभी नही चुका पाते.
Purva said…
बहुत ही सुंदर माँ पर जितना पढ़ा जाए लिखा जाए कम है
ममता जी बहुत ही दिल को छू लेने वाला लिखा है आपने
ममता जी, आप ने जिस भावना ने अपनी मां को याद किया है वह उन पर ऊपर तुरंत पहुंच चुकी है और वे ऊपर से आप को आशीर्वाद भेज रही हैं कि मैं सजीव रूप से न सही निराकार रूप में तो हमेशा तुम्हारे साथ ही हूं।
Abhishek Ojha said…
दिल को छु लेने वाला.
सुंदर! टची!
आज भी माँ का वो हँसता मुस्कुराता
चेहरा आंखों और दिल मे बसा है
माथे पर बड़ी लाल बिंदी
और मांग मे सुर्ख लाल सिन्दूर
सब याद आता है ,बहुत याद आता है
मां तो बस एक मां हे
बहुत साफ साफ कहें तो हममें जो भी अच्छा है - मां की बदौलत।
gyan ji ne badi sachhi baat kahi hai...
Udan Tashtari said…
बहुत भावपूर्ण-ज्ञान जी ने एक पंक्ति में पूरा सार दे दिया.

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