एप्रैल फूल बनाने के मजेदार तरीके

पहली एप्रैल यानी एक-दूसरे को बुद्धू बनाने का दिन है और इस एक दिन का भी अपना ही मजा होता है। अब बचपन मे और बाद मे यूनिवर्सिटी के दिनों मे हम लोग घर मे एक-दूसरे को और स्कूल मे दोस्तों को एप्रैल फूल बनाते थे। धीरे-धीरे बड़े होते गए और अब तो एप्रैल फूल बस एक तारीख की तरह ही आती है और चली जाती है।

अब जब छोटे थे तब घर मे तो एप्रैल फूल बनाने का सबसे आम तरीका होता था फ़ोन का रिसीवर उठाकर दीदी या भइया को कहना की तुम्हारा फ़ोन आया है।और जैसे ही वो फ़ोन पर हेलो बोलते की हम जोर से गाते एप्रैल फूल बनाया ।

स्कूल मे दोस्तों को एप्रैल फूल बनाने मे भी खूब मजा आता था । कभी किसी को कहते की तुम्हे क्लास टीचर ने बुलाया है। तो कभी कोई हमे कहता की तुम्हे इंग्लिश टीचर ने बुलाया है। और ऐसे मे कई बार सच मे भी टीचर बुलाती तो भी लगता था की कहीं हम एप्रैल फूल ना बन जाए।

उफ़ अब तो यादें ही रह गई है एप्रैल फूल की। वो भी क्या दिन थे।अब तो ऐसे मजाक से छोटे बच्चे भी बुद्धू नही बनते है। पर ऐसे ही कल नेट पर सर्फ़ करते हुए मजेदार साईट मिली जिसमे एप्रैल फूल बनाने के कुछ मजेदार तरीके लिखे हुए थे । पहले तो हमे लगा कि आप लोग इसे एप्रैल फूल का मजाक ना समझे पर फ़िर सोचा क्यों ना इस पर अपनी एक पोस्ट ही लिख दे ।

Comments

annapurna said…
वाकई बहुत मज़ेदार है साईट ।

अन्नपूर्णा
PD said…
This comment has been removed by a blog administrator.
PD said…
वैसे हम तो tinyurl वाले किसी भी साईट पर नहीं जाते पर आप पर भरोसा करके चले गए थे.. क्योंकि नेट की दुनिया में सबसे ज्यादा वायरस उसी के द्वारा आता है.. :)
अच्छा है। साईट भी बढिया है। आपकी खोज के लिए बधाई।

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