मर्डर इन गोवा (scarlett keeling )

गोवा जो अभी कुछ दिन पहले तक तो अपने सुंदर beaches और बेफिक्र माहौल के लिए जाना जाता था वही गोवा आजकल scarlett मर्डर केस के लिए जाना जा रहा है। मुम्बई और दिल्ली जैसे शहरों मे तो ऐसी घटनाएं होती थी पर अब गोवा भी इस तरह की घटना से अछूता नही रह गया है। पिछले डेढ़ साल मे जब से हम यहां है पहले तो यदा-कदा ही मर्डर वगैरा सुनाई देते थे पर अब धीरे-धीरे यहां भी ये सब होने लगा है। दिल्ली,मुम्बई मे तो आए दिन सुनते थे पर गोवा जैसी जगह मे इस तरह का हादसा होना गोवा के लिए अच्छा नही है क्यूंकि गोवा एक ऐसी जगह है जहाँ हर कोई अपनी मर्जी से रह सकता है अपने मन मुताबिक कपड़े पहन सकता है और जहाँ देर रात मे भी घूमना बिल्कुल सुरक्षित माना जाता है।गोवा के लिए कहा जाता है की गोवा सबसे सेफ और फ्री प्लेस है। पर आजकल के हालात देखते हुए ये कहना ग़लत नही होगा की अब गोवा भी अब .....

scarlett जो की एक १५ साल की ब्रिटिश लड़की थी जिसका मृत शरीर अंजुना beach पर १८ फरवरी को मिला था और पुलिस ने इसे डूबने से हुई मौत बताकर एक तरह से केस खत्म सा कर दिया था।क्यूंकि डूबने से मौत होना ना तो असाधारण बात थी और ना ही कोई नामुमकिन सी बात थी क्यूंकि यहां पर अक्सर लोग डूब कर अपनी जान गवां बैठते है।पर scarlett की माँ ने इसे शुरू से डूबने से हुई मौत ना मानकर रेप और मर्डर की बात की जिसे शुरू मे पुलिस ने नही माना था और अगले१० -१५ दिन तक यही निश्चित नही हो रहा था की scarlett की मौत डूबने से हुई या उसकी हत्या हुई थी।और अंत मे इसे डूबने से हुई मौत बताया गयापर scarlett की माँ fiona का कहना था की scarlett डूबकर नही मर सकती क्यूंकि वो बहुत अच्छी तैराक थी।इसके अलावा scarlett के शरीर पर चोटों के निशान भी थे जिन्हें एक तरह से नजरअंदाज किया गया था। २३ की जगह ५ निशान बताये गए थे।


इस scarlett मर्डर मे शुरू से ही कुछ बातें अजीब सी थी जैसे scarlett अकेले अपने एक लोकल (goan) दोस्त के साथ रह रही थी। उसकी माँ fiona scarlett को यहां अकेले छोड़कर कर्नाटक घूमने गई थी।scarlett ने उस दिन पार्टी दी थी।शैक के लोगों से उसकी अच्छी दोस्ती थी।

इसके अलावा पुलिस और डॉक्टर की भूमिका भी संदिग्ध सी रही। अंजुना के आस-पास रहने वालों को भी पुलिस पर शक था की वो असली गुनाहगार को बचा रही है। करीब एक हफ्ते पहले यहां के लोकल अखबार मे छपा था की उस समय जो जूनियर पुलिस अफसर था उसने इसे रेप और हत्या का मामला बताया था परpsi ने बात अनसुनी कर दी और उस जूनियर अफसर को छुट्टी पर चले जाने को कहा और सारा केस ख़ुद हैंडल करने लगा।यहां तक की पोस्ट मार्टम रिपोर्ट मे भी scarlett की मौत की वजह पानी मे डूबने को बताया गया। psi की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी किस तरह उसने इस पूरे केस को पलट दिया था .अब इस psi को सस्पेंड कर दिया गया है
ब्रिटिश मीडिया के आने और fiona के बार-बार कहने पर इसे डूबने से हुई मौत ना मानकर रेप और मर्डर माना गया। fiona ने हर सम्भव कोशिश करके दोबारा autopsy करवाई और इस autopsy की रिपोर्ट मे कहा गया की scarlett की हत्या के पहले उसका रेप किया गया था।बाद मे पुलिस , मुख्य मंत्री,गृह मंत्री ,पर्यटन मंत्री के हस्तक्षेप से इस केस की जांच नए सिरे से शुरू की गईऔर कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गयाऔर आज पुलिस का कहना है की उसने ये केस सुलझा लिया हैपर fiona अब भी सीबीआई जांच की मांग कर रही है

कहीं इस हादसे से गोवा की sun.sand और sea की इमेज की जगह drug ,drink और death की इमेज ना बन जाए

इस घटना से कुछ सवाल उठते है जिनका जवाब मिलना नामुमकिन नही है

इस तरह के लोग क्या अंजाम के बारे मे बिल्कुल भी नही सोचते है
कुछ क्षणों के सुख के लिए किसी की इज्जत और जान ले लेना ,मानसिकता को दर्शाता है
जो लोग ऐसा काम करते है उन्हें क्या कानून का बिल्कुल भी डर नही हैशायद इसलिए क्यूंकि एक केस को ख़त्म होने मे कम से कम दस साल का समय लगता है




Comments

पूरी घटना के बाद जिस तरह विदेशी मीडिया ने scarlett की मां की धज्जिया उड़ाई हैं, वो भी कम शर्मनाक नहीं है, जरा पढ़े

यह रिपोर्ट आज ही आई है
गोवा के अंजुना बीच पर 18 फरवरी को मृत पाई गई ब्रिटेन की नागरिक 15 वर्षीया स्कारलेट कीलिंग की मां फियोना मैकओवेन का यह दावा कि उनका परिवार ब्रिटेन में खुशहाल जीवन जी रहा था, झूठा है।

स्कारलेट के बलात्कार और उसकी हत्या के बाद ब्रिटेन के पत्रकारों ने फियोना के उस दावे की धज्जियां उड़ा दी हैं, जिसमें फियोना ने कहा था कि वे और उनका परिवार ब्रिटेन में ‘अच्छा जीवन’ जीते थे। ब्रिटेन की मीडिया के पत्रकारों ने खुलासा किया है कि फियोना और उनका परिवार भारत में झुग्गी बस्ती में रहने वाले लोगों की तरह गरीबी में रहता था।

ब्रिटेन में फियोना और उनका नौ बच्चों का परिवार सरकार द्वारा मिल रही सहायता राशि पर गुजरबसर कर रहा था।

ब्रिटेन की मीडिया दरअसल स्कारलेट की मौत का जिम्मेदार उसकी मां को ही मान रहे हैं। लोगों का मानना है कि फियोना ने अपनी युवा बेटी का परदेश में ख्याल नहीं रखा, जबकि वे जानती थीं कि उनकी 15 वर्षीय बेटी स्कारलेट मौजमस्ती पसंद करने वाली, ड्रग्स का नशा करने वाली और घुमक्कड़ प्रवृति की थी।


फियोना यह भी जानती थी कि उनकी बेटी का ब्रिटेन में भी एक प्रेमी है, जिसके साथ उसके शारीरिक संबंध थे।

स्कारलेट की एक 16 वर्षीय मित्र ने, जो स्कारलेट की मौत से कुछ घंटे पहले तक उसके साथ थी, ब्रिटेन के एक अखबार को बताया है कि स्कारलेट की मां ने उसे गोवा में अकेला छोड़ दिया था और खुद परिवार के बाकी सदस्यों के कर्नाटक चली गई थी।

स्कारलेट ने अपनी इस मित्र से कहा था कि वह गोवा में ही रहना चाहती थी और इसलिए उसे खर्चे-पानी के लिए पेशे से गाइड जूलियो लोबो के साथ रहना पड़ रहा है, हालांकि वह उसे पसंद नहीं करती।

स्कारलेट की मित्र ने इस बात का भी खुलासा किया कि स्कारलेट और लोबो के बीच शारीरिक संबंध थे, तथा लोबो ही गोवा में स्कारलेट के खाने-पीने और रहने का एकमात्र सहारा था।
जिस रात स्कारलेट की हत्या हुई उस रात उसने तीन खतरनाक ड्रग्स का नशा कर रखा था।

इस घटना के बाद से जहां एक ओर गोवा प्रशासन की सतर्कता और पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर तरह-तरह के सवाल खड़े हो गए हैं, वहीं लोगों का यह भी मानना है कि इस पूरे प्रकरण के लिए स्कारलेट की मां फियोना भी जिम्मेदार है।

लोगों का मानना है कि क्यों उन्होंने अपनी बेटी को गोवा में अकेला छोड़ दिया था?

इस मामले में स्वयं गोवा के मुख्यमंत्री दिगम्बर कामत ने भी पूर्व में कहा था कि मां को अपनी 15 वर्षीया बच्ची का ख्याल रखना चाहिए था। कामत ने सवाल किया था कि कोई अपनी छोटी बच्ची को किसी अंजान की देखरेख में किस तरह से छोड़ सकता है?


स्कारलेट की परवरिश की जानकारी इस बात से समझ आती है कि 43 वर्षीय फियोना के नौ बच्चे हैं। जो उन्हें अलग-अलग पांच पुरूषों से उन्हें हुए हैं। फियोना अपने परिवार और अपने नए प्रेमी 47 वर्षीय रोब क्लार्क के साथ गोवा आई थीं।

फियोना का परिवार पहले कभी ब्रिटेन से बाहर नहीं आया था और गोवा का यह ‘टूर’ उन्होंने अपने बच्चों को बतौर क्रिसमस तोहफा दिया था।

स्कारलेट का शव 18 फरवरी को गोवा के अंजुना बीच पर पाया गया था। अभी तक की पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि स्कारलेट का पहले बलात्कार हुआ था और इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी।

जहां गोवा पुलिस और प्रशासन इस मामले को सुलझाने का दावा कर रहा है और कह रहा है कि इस मामले के दोषी उसकी गिरफ्त में हैं, वहीं स्कारलेट की मां अब भी इस मामले को सीबीआई को दिए जाने की मांग कर रही है तथा सरकार और प्रशासन पर दोष मढ़ रही हैं।
Yunus Khan said…
गोआ वाक़ई एक शांत जगह है । कई बार हम वहां कई दिनों तक डेरा डाल आए हैं । दरअसल इस घटना में दोनों पक्षों की ग़लतियां नज़र आ रही हैं । अफ़सोस ये है कि गोआ नाहक बदनाम हो रहा है ।
aaj subah news paper padhne ke baad ham bhi kuchh aisa hi discussion kar rahe the
अफ़सोस जनक है यह सब
कोई कैसा भी कितना भी खतरनाक क्यों न हो, उसे मारने का अधिकार किसी व्यक्ति को कैसे मिल जाएगा? अगर स्कारलेट की मां ने उस की जिम्मेदारी नहीं निभाई तो भी समाज कहाँ था। और जहाँ उस की हत्या हुई वहाँ का कानून का कानून और व्यवस्था बनाए रखने वाली एजेंसियाँ क्या कर रही थीं? और बाद में पुलिस और पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों ने क्या किया? और क्या गरीब होना ही किसी के लिए अभिशाप है? किसी गरीब को क्या इस धरती पर जीने का अधिकार नहीं है क्या? इन सब प्रश्नों का क्या होगा?
aisee ghatnaaon kaa sabse jyaadaa asar un logon pad padtaa hai jo desh se baahar rah rahe hain wahan unhein iskee keemat chukaanee padtee hai.
आशीष ने स्‍कारलेट की पारिवारिक स्थिति की ओर ध्‍यान खींचा है। अच्‍छी रिपोर्ट थी, जो अभी तक हिंदी मीडिया में नहीं छपी। खैर, इस बात से हत्‍या का मामला कम नहीं होता। भले ही स्‍कारलेट गरीब हो, उसकी मां की नौ संतानें पांच पिताओं से हों। लेकिन भारत में वो भी गोवा जैसे पर्यटक स्‍थल पर ज्‍यादा चिंताजनक है। विदेशी पर्यटकों के साथ लूटपाट, छिनैती अब आम होती जा रही है। राजस्‍थान में भी विदेशियों से बलात्‍कार के पांच से ज्‍यादा मामले पिछले साल डेढ साल में आए हैं। और तो और एक दिन भीड को कंटोल करने के चक्‍कर में जयपुर पुलिस की जीप एक विदेशी पर्यटक पर चढ गई और उनसे मौके पर ही दम तोड दिया। ऐसी घटनाएं निश्चित रूप से भारत को बदनाम करेंगी।
Manish Kumar said…
इस हादसे के बारे में पढ़ा तो था पर आपकी और आशीष की टिप्पणी से पूरी बात पता चली।
निश्चित रूप से अफ़सोस जनक है यह सब....!
vikas pandey said…
स्कारलेट की हत्या वाकई शर्मनाक है. गोआ और भारत की छवि को इस केस के कारण धक्का लगा है. पर मुझे लगता है स्कार्लेट की जान जाने के पीछे सिर्फ़ ड्रग्स को दोषी नही माना जा सकता. निशित रूप से गोआ पोलीस नाकाम रही है. इसी मुद्दे पर मैने भी कुछ कलम चलाई है.
इसमें आशीष जी द्वारा लिखी कमेन्ट भी पढ़ने योग्य है और मुझे लगता है कि यह मामला वैसा नहीं है जैसा बताया जा रहा है. अगर आशीष जी की बात सही है तो माँ भी अपनी बेटी की हालत के लिए कम जिम्मेदार नहीं है.
दीपा भारतदीप

Popular posts from this blog

जीवन का कोई मूल्य नहीं

क्या चमगादड़ सिर के बाल नोच सकता है ?

सूर्य ग्रहण तब और आज ( अनलॉक २.० ) चौदहवाँ दिन