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Showing posts from October, 2007

लीजिये हम वापिस आ गए

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केक देखकर तो आप समझ ही गए होंगे की हम इतने दिनों तक क्यों गायब थे। वो क्या है ना कि इसी अक्तूबर को हमारी शादी के पच्चीस साल पूरे हुए है।

खिलाड़ी किस लिए खेलते है ?

खिलाड़ी किस लिए खेलते है देश के लिए ,अवार्ड के लिए,या अपने लिए ? जब से भारत ने twenty-२० विश्व कप जीता है और जब से इस यंग टीम इंडिया पर इनामों की बौछार हुई है लगता है सारे देश के हर खिलाड़ी को वो चाहे कोई भी खेल खेलता हो उन्हें कुछ परेशानी सी होने लगी है। अब वो चाहे हॉकी की टीम हो या चाहे शतरंज के विश्व चैम्पियन हो या चाहे billiards के विश्व चैम्पियन हो और चाहे गोल्फ के चैम्पियन हो। हर किसी को लग रहा है कि उनके साथ राज्य सरकारों ने और लोगों ने वैसा व्यवहार नही किया जैसा कि टीम इंडिया के साथ किया है।वैसे एक तरह से उनका रोष सही भी है क्यूंकि भला कितने लोग जानते है कि जीव मिल्खा सिंह गोल्फ खेलते है या पंकज आडवाणी billiards खेलते है। क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसे ना केवल लड़के और आदमी ही देखते -सुनते है बल्कि बच्चे महिलाएं और ये कहना अतिशयोक्ति नही होगी कि हर कोई देखता है और सुनता है। क्रिकेट के लिए लोगों मे एक जुनून सा है। जिससे हम सब बड़ी ही अच्छी तरह से वाकिफ है।ऐसा नही है कि क्रिकेट के प्रति लोगों का झुकाव अभी हुआ है बल्कि आज से क्या जब से याद है देश मे क्रिकेट के प्रति लोग पागल ही र

पारदर्शी मेढक

भाई इसे कहते है विज्ञान की तरक्की। क्या कभी किसी ने सपने मे भी सोचा था की कभी पारदर्शी मेढक भी होगा। हम तो हमेशा से मोटी खाल वाला भूरा -हरा सा मेढक देखते आये है। पर आज के समय मे कुछ भी असंभव नही है फिर भला पारदर्शी मेढक होना भी कहॉ असंभव है।जो दुनिया मे कोई सोच नही सकता उसे जापानियों ने कर दिखाया। पारदर्शी मेढक बनाने जैसा अनूठा कारनामा जापान के शोध कर्ता मसयुकी सुमिदा (masayuki sumida) ने कर दिया है। और ऐसे पारदर्शी मेढक क्यों बनाए तो इसके लिए उनका कहना है की जो विद्यार्थी जीव विज्ञान पढते है और जिन्हे जीवों मे विभिन्न ओर्गंस को समझने के लिए मेढक का dissection करना पड़ता है क्यूंकि स्कूल मे dissection की शरुआत मेढक और केंचुए से ही कराई जाती है । अब कम से कम जापान मे मेढक को चीर-फाड़ करने की जरुरत नही है क्यूंकि अब उसकी ऊपर की खाल इतनी पतली है की अगर उसे लाइट के सामने रखे तो उसके शरीर के सारे ओर्गंस देखे जा सकते है। और ये भी देखा जा सकता है की किस तरह के बदलाव इन tadpoles मे आते है जब ये मेढक बनते है। जिससे मेढक के ओर्गंस को समझना भी आसान और शायद कुछ हद तक दिलचस्प भी हो