गोवा मे लैंड स्लाइड

आप कहीँ ये तो नही सोच रहे है कि इस लैंड स्लाइड की वजह से हम इतने दिन से पोस्ट नही लिख रहे थे,तो ऐसा बिल्कुल नही है । अरे नही हम जरा छुट्टी के मूड मे थेवो क्या है ना कि दो-तीन महीने बाद हम गोवा लौटे है ना तो बस इसीलिये थोडा गोवा घूम फिर रहे थेक्यूंकि बारिश मे गोवा बहुत खूबसूरत लगता है चारों तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आती हैपर बारिश की वजह से समुन्दर का रंग आजकल नीले -हरे की जगह भूरा या मटमैला सा दिखता हैवैसे हमे तो दिल्ली से आने के बाद यहां की बारिश बहुत अच्छी लग रही है क्यूंकि दिल्ली मे जितनी गरमी पड़ रही थी उसके मुक़ाबले यहां का मौसम तो बहुत ही खुशगवार हैइस फोटो पर क्लिक करके देखने से पता चलता है की किस तरह से इस पहाड़ ने सड़क को ब्लॉक कर रक्खा है


गोवा मे करीब दस दिन पहले पोर्वेरिम मे लैंड स्लाइड हुआ था और अभी तक पहाड़ गिर ही रहा है।पंजिम से पोर्वेरिम(porverim) या मापुसा(mapusa) जाने के लिए मान्डावी नदी पर बने पैटो (patto) ब्रिज को पार करना पड़ता है और ये ब्रिज पंजिम को नेशनल हाई वे १७ (N.H.17) से जोड़ता है। मांडवी नदी को पार करते ही मुश्किल से बीस कदम की दूरी पर ये बड़ा सा पहाड़ गिर गया है।और चूंकि ये मुख्य सड़क है इसलिये इस पर ट्रैफिक भी काफी रहता है। इसलिये ये ब्रिज यातायात के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है।पर इस लैंड स्लाइड की वजह से यातायात मे लोगों को बहुत परेशानी हो रही है।क्यूंकि एक तरफ की सड़क थोड़ी दूर तक तो पूरी तरह से बंद पडी है और दूसरी सड़क पर ही आने और जाने दोनो का ट्रैफिक चल रहा है।मतलब one way की जगह two way । हालांकि दिन रात लोग काम कर रहे है।पर अभी लगता है कि कुछ दिन और लगेंगे रास्ते को पूरी तरह से ठीक होंने मे।

वैसे गोवा के लोगों का कहना है कि इस बार गोवा मे कुछ ज्यादा ही बारिश हुई है जिसकी वजह से ये लैंड स्लाइड हुआ है।और इसी बारिश के चलते इतना बड़ा पहाड़ दो भागों मे बंट सा गया है करीब तीन फीट चौड़ा और दस फ़ीट गहरा गैप हो गया है जो की काफी खतरनाक है। और इसीलिये शायद धीरे-धीरे पूरे पहाड़ को गिराया जा रहा है।और इसीलिये दस मिनट का रास्ता पार करने मे समय ज्यादा लग रहा है।


ऐसी उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों मे ये रास्ता पूरी तरह से खुल जाएगा और लोगों की परेशानी का अंत होगा।

Comments

dpkraj said…
ममता जी,
आपका यात्रा का विवरण पढने में बहुत मजा आता है।
दीपक भारतदीप
mamta said…
धन्यवाद दीपक जी !!
Pankaj Oudhia said…
लगातार वनो के कम होने से मिट्टी का कटाव बढने लगा है। यह भी एक कारण है लैन्ड स्लाइड का। मुझे लगता है पहाड को ह्टाने की जगह बचाने की जरूरत है। सडक तो कई बन सकती है पर पहाड बनाना आदमी के बस की बात नही है। कम से कम बचा तो वो सकता ही है।

Popular posts from this blog

क्या चमगादड़ सिर के बाल नोच सकता है ?

जीवन का कोई मूल्य नहीं

सूर्य ग्रहण तब और आज ( अनलॉक २.० ) चौदहवाँ दिन