अब हिंदी मे लिखना कितना सुविधाजनक

आज का दिन तो बहुत ही अच्छा है. आज से हिन्दी मे काम करना अरे लिखना इतना आसान जो हो गया है. अब कहीँ आप ये तो नही सोच रहे होंगे कि जब अभी तक हिन्दी लिख ही रही थी तो अब ये कहने का क्या मतलब है कि अब हिंदी मे लिखना आसान हो गया है। तो वो इसलिये की हम आज वाली पोस्ट सीधे गूगल के indictransliteration के जरिये लिख रहे है. वैसे इससे पहले भी ट्रांसलिटरेशन के जरिये हम ब्लॉगर पर लिखते थे. पर कई बार गड़बड़ भी हो जाती थी.इसीलिये कई बार जब हम आप लोगों के ब्लॉग पढते है तो हम टिप्पणी इंग्लिश मे या तो कर देते है या कई बार नही भी करते है. क्यूंकि हमे इंग्लिश मे टिपण्णी करने मे बिल्कुल भी अच्छा नही लगता है. अब वो क्या है न की इतने दिन मे तो आप लोग जान ही गए है की हम बहुत ज्यादा तकनीकी किस्म के इंसान नही है . बस इतना जानते है कि ब्लॉगिंग कर लेते है जो हमारे लिए बहुत है.

अभी दो दिन पहले ही श्रीश जी ने और जगदीश जी ने इस बारे मे अपने चिट्ठों पर लिखा था पर तब हम सोचते थे की अभी तो कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा . पर आज सुबह-सुबह अखबार मे ख़बर पढ़कर हम बहुत खुश हुए और सोचा की चलो देखा जाए कि अब हिन्दी मे लिखना कितना आसान हुआ है. तो भाई हमारी खुशी का तो ठिकाना ही नही रहा ये सोचकर कि कंप्यूटर पर अब हिन्दी का भी बोलबाला हो रहा है.

यहाँ हम एक बात जरुर कहेंगे कि काश ये हिन्दी मे लिखने वाला सोफ्टवेयर कुछ साल पहले आया होता तो हमारी मम्मी जिन्हे कंप्यूटर सीखने और चलाने का बहुत शौक था वो भी इसका कुछ इस्तेमाल कर पाती। वैसे उन्हें कंप्यूटर आता था और वो इ.मैल वगैरा भी करती थी. पर फ़िर भी अपनी भाषा मे लिखने का मजा ही कुछ और होता है.


गूगल कि इस साईट http://www.google.com/transliterate/indic पर सीधे जाकर हिन्दी मे काम कर सकते है.
आपको कितना मजा आया ये तो हम नही जानते पर हमे तो बहुत अच्छा लगा. और हमारे ख़्याल से इससे हिन्दी को बढ़ावा भी मिलेगा . और हाँ इसमे आप http://local.google.co.in मे जाकर होटल,रेस्टोरेंट ,और शॉप (दुकानों)के बारे मे और www.google.co.in/local मे जाकर व्यापार यानी कि बिजनेस के बारे मे जानकारी ले सकते है।

तो कहिये कैसी रही ,अरे अच्छी रही और क्या।:)

Comments

मुझे भी लग रहा है कि गूगल टूल के आने से कम्प्यूटर पर हिन्दी लिखना थोड़ा और सरल हो गया है। किन्तु मैं गूगल को इस क्षेत्र में आने से ही बहुत खुशी पा रहा हूँ। कारण यह है कि गूगल जब इस क्षेत्र में पैर रख दिया है तो ये साफ़्टवेयर और उत्कृष्ट होगा, इसकी मुझे पूरी आशा है। यदि इस साफ़्टवेयर को आफलाइन प्रयोग के लिये भी उपलब्ध करा दिया जाय तो इसकी उपयोगिता और बढ़ जायेगी।
मेरे अनुभव से यह बिल्कुल बचकाना-सा उपाय है। हिन्दी तथा भारतीय भाषाओं के लिए अत्यन्त सरल इनपुट प्रणाली शीघ्र ही लाई जा रही है।
ePandit said…
"पर आज सुबह-सुबह अखबार मे ख़बर पढ़कर हम बहुत खुश हुए और सोचा की चलो देखा जाए कि अब हिन्दी मे लिखना कितना आसान हुआ है. तो भाई हमारी खुशी का तो ठिकाना ही नही रहा ये सोचकर कि कंप्यूटर पर अब हिन्दी का भी बोलबाला हो रहा है."

कौन से अखबार में इस बारे खबर आई थी?

हिन्दी में लिखने के बहुत से साधन बहुत पहले से हैं, बस दिक्कत ये है कि लोगों को इनका पता नहीं होता। गूगल की इस सेवा के शुरु होने से लोग इस बारे में जागरुक होंगे ये उम्मीद है।

वैसे आप मेरे विचार से अब तक ऑनलाइन टूल्स ही प्रयोग करती आई हैं। बरहाआईएमई जैसे कीबोर्ड ड्राइवर प्रयोग करके देखिए, इनसे आप पूरे कंप्यूटर पर हर जगह बिना कॉपी-पेस्ट के झंझट के हिन्दी लिख सकती हैं, गूगल टॉक से लेकर वर्ड तथा इंटरनैट एक्सप्लोरर तक में। बरहा आईएमई के लिए टटोरियल यह रहा
कितना भी सुविधाजनक हो बरहा या इण्डिक आई एम आई से ज्यादा सुविधाजनक नहीं हो सकता। मैं हरिराम जी से सहमत हूँ यह कुछ बचकाना तरीका लगा मुझे भी।
मुझे तो यह एक दम से "ईस्ट इंडिया कंपनी" द्वारा भारतीय राजाओं एवं जमींदारों को दिये गये "संरक्षण" समान लगा. कंपनी को फायदा ही फायदा हुआ, लेकिन भारतीय लुट गये.

इसी प्रकार "सर्वव्यापी" एवं "सर्वज्ञ" गूगल का इस क्षेत्र में पदार्पण से भारत को नुक्सान ही होगा -- शास्त्री जे सी फिलिप

हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
http://www.Sarathi.info
Udan Tashtari said…
खबर तो अच्छी रही मगर हम तो बारहा प्रेमी हैं और वही इस्तेमाल करते हैं.
अच्छा लगा सुनकर... आप कितनी अच्छी जानकारी लाई है...मगर हमे तो बारहा की आदत हो गई है...क्या करें कुछ और सुझता ईच नही

शानू
mamta said…
श्रीश जी हिंदुस्तान टाईम्स के बिजनेस एंड वर्ल्ड सेक्शन मे ।

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