हम भी बच गए बाल-बाल

१४ अगस्त को जब नोकिया ने ये सूचना जारी की कि जिन मोबाइल फ़ोन मे bl-5c.बैटरी है उन्हें चार्ज करने पर फटने का खतरा है। तो जाहिर है नोकिया फ़ोन इस्तेमाल करने वाला हर व्यक्ति घबरा गया तो भला हम कैसे इस से बच सकते थे। टी.वी.पर शाम को ही ये खबर हर चैनल ब्रेकिंग न्यूज़ कह कर दिखा रहा था। हमने भी न्यूज़ देखी और फौरन अपने बेटे और पतिदेव को अपने-अपने मोबाइल की बैटरी चेक करने को कही। गनीमत है कि उन लोगों के नोकिया फ़ोन मे bl-5c.बैटरी नही थी। ऐसा सुनकर हम निश्चिंत हो गए की चलो बला टली।

कहीँ आप ये तो नही सोच रहे कि जब कुछ हुआ ही नही तब है तब हम भी बच गए का क्या मतलब। बताते है बताते है। वो क्या है ना की हमने सबसे तो कह दिया की अपने फ़ोन की बैटरी चेक करो पर खुद अपने ही फ़ोन क बैटरी चेक नही की थी। असल मे हम goa का नंबर इस्तेमाल कर रहे है और हमारे सिम कार्ड मे कुछ प्रॉब्लम आ गयी थी तो हमने अपना सिम कार्ड goa भेजा हुआ था ।अब ये मत कहिये कि भाई इतने से काम के लिए कार्ड को goa क्यूँ भेजा। तो वो इसलिये कि यहां पर सब कहते है कि जहाँ का कार्ड है वहीँ से ठीक कराइये। और चूंकि इधर पिछले एक हफ्ते से हम अपना फ़ोन इस्तेमाल नही कर रहे थे तो अपने फ़ोन की बैटरी चेक करने का ख़्याल ही नही आया था। पर कल जब हमे हमारा सिम कार्ड मिला और हम उसे फ़ोन मे लगा रहे थे तो देखा की फ़ोन की बैटरी बिल्कुल ही डिस्चार्ज हो गयी थी तो बिना कुछ ध्यान दिए जैसे ही बैटरी को चार्ज करने जा रहे थे तभी याद आ गया कि हमने तो अपने फ़ोन की बैटरी ही नही चेक की है।


बस फिर क्या था हमने फ़टाफ़ट बैटरी निकाली और जो देखा वो तो होश ही उड़ा देने वाला था । अरे भाई हमारे फ़ोन मे bl-5c.बैटरी थी। बस फिर हमने बैटरी निकाल कर अलग रख दी और सोचने लगे कि अब क्या करें कि तभी हमे याद आया कि सुबह ही तो हमने अखबार मे ये खबर (क्या विज्ञापन ) पढ़ी थी कि your nokia is safe to use .here is why.बस फिर हमने पहले अपने पतिदेव और बेटे को बैटरी के बारे मे बताया । और अखबार मे छपे नंबर पर फ़ोन मिलाना शुरू किया पर फ़ोन नही मिला। तो sms किया पर थोड़ी देर तक तो जवाब ही नही आया तो हमे लगा कि अब तो e-mail ही करना पड़ेगा पर करीब दस मिनट बाद हमे मैसेज मिला कि हमारे फ़ोन की बैटरी चार्ज करने मे कोई खतरा नही है । हम इसे आराम से बिना डरे इस्तेमाल कर सकते है। और इस तरह से हम भी बच गए बाल-बाल क्या पूरा ही बच गए। :)

लगे हाथ हम यहां पर हिंदुस्तान टाईम्स की कल की वो ख़बर यानी विज्ञापन भी लगा देते है।

Comments

कुछ विशेषज्ञों के अनुसार उक्त बैटरी में पुराने जमाने के उन्नत किस्म के ion हैं, जो आजकल काफी महंगे हो गए हैं, इसलिए नोकिया यह डरावनी सूचना जारी करके वे पुरानी बैटरियाँ वापस ले रही है, मुफ्त में। आम के आम गुठलियों के दाम। बैटरी फटने का हौवा खड़ा करके...
Nitin Bagla said…
आप बाल-बाल बचे और हमारे बस बाल-बाल ही बचे :)
बैट्री बदलवाने की अर्जी दे दी है।
शायद हरीराम जी की बात ही सच हो ।यह लोगो को मूर्ख बना कर अपना फायदा देख रहे हो।लेकिन मन के डर का क्या करें? सो बदलवाने में ही भलाई है।
Udan Tashtari said…
ईश्वर का लाख लाख शुक्र है कि आप बच गई.ऐसे ही बचते बचाते रहें, शुभकामनायें. :)
सबके बाल-बाल बच गये. पर मेरे बाल क्यों नहीं बच रहे हैं. कोई मुझे भी बाल बचाने के तरीके सुझाये.
36solutions said…
धन्‍यवाद ममता जी, अपने साथ ही हम सबके लिए जानकारी को प्रस्‍तुत करने के लिए । समाचार के बाद प्राय: सभी चिंतित हो गये थे और वेब साईट का सहीं एड्रेस भी टीवी में नहीं दिखाया जा रहा था बाद में हमें भी संजीत त्रिपाठी जी नें एड्रेस दिया और हमने चेक किया पता चला हम भी बच गये । आज तो मैं रायपुर व भिलाई में नोकिया सर्विस सेंटर में लम्‍बी कतार दिन भर देखा हूं ।
पुन: धन्‍यवाद ।

“आरंभ” संजीव का हिन्‍दी चिट्ठा
आप अच्छा लिखती हैं। लिखती रहें। बधाई।
गनीमत है ममता जी कि आप को पता चला कि आपके सैल फोन की बैटरी बदलवाना जरुरी है -
अब कँपनीयोँ के धँधे वे ही जानेँ - हमेँ तो सावधानी बरतनी है ही -
स स्नेह,
- लावण्या
बच तो हम भी गये :) ईश्‍वर का लाख लाख शुक्रिया
dpkraj said…
लगता हैं मुझे लगता है की वह केवल नोकिया द्वारा मीडिया में रचा गया ऐक खेल है
अपनी विश्वसनीयता का दिखावा करने के लिये
दीपक भारतदीप
चिट्ठी का शीर्षक "हम भी बच गए बाल-बाल" देखा तो बगल में हाथी का चित्र। मैं तो कुछ और ही समझ बैठा :-)
बहुत-बहुत शुक्रिया ममता जी जानकारी देने के लिये...यह खबर हमने भी पढ़ी थी...

मगर बचना तो था ही सबसे बड़ी बात जाको राखे साईयाँ मार सके न कोय़...और दूसरे हरिराम जी बता ही रहे है यह डरने वाली बात भी नही है तो हो सकता है एसा ही हो...

सुनीता(शानू)

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