कुछ बातें सीरियल की....

आज कई दिनों बाद हम टी.वी.पर आने वाले कुछ सीरियल की बात करने जा रहे है। अरे-अरे आप भागिये मत । इतना डरने की जरुरत भी नही है। असल मे वो क्या है ना कि आजकल न्यूज़ देखना भी उतना ही दुखदायी होता जा रहा है जितना कि टी.वी.सीरियल। अब टी.वी.सीरियल की बात हो और बालाजी का नाम ना आये तो ये तो संसार का आठवां आश्चर्य हो जाएगा आख़िर एकता कपूर टी.वी.जगत की पहली सोप क्वीन (अरे साबुन नही सीरियल की)जो मानी जाती है। पर आज हम एकता कपूर के सीरियल की बात नही करेंगे। वो क्या है ना कि बीच मे कुछ दिनों के लिए हमने सीरियल से ब्रेक ले लिया था पर आजकल फिर से हम सीरियल देखने लगे है।


ओह्हो आप बड़ी जल्दी घबरा जाते है कि अगर एकता की नही तो फिर आख़िर हम किसकी बात करने जा रहे है। तो जनाब जैसा की हमने एक बार पहले भी कहा था कि सोनी पर आने वाला सीरियल विरूद्व बहुत अच्छा है और एक बार फिर हम आपसे कहते है कि विरूद्व बहुत अच्छा सीरियल है। कम से कम सास -बहू की तरह उबाऊ और खीचाऊ सीरियल नही है। जितनी दमदार कहानी है उतनी ही दमदार सारे कलाकारों की एक्टिंग भी है। वो चाहे स्मृति इरानी हो या विक्रम गोखले हो या सुशांत सिंह या फिर दूसरे नए कलाकार। और संगीत भी कमाल का है। कहीँ से कुछ भी मिसिंग नही लगता है। अब देखना ना देखना तो आपके हाथ है।



अच्छे संगीत से एक और सीरियल जो कि सहारा वन पर आता है वो याद आ गया। घर एक सपना जिसे अजय सिन्हा ने बनाया है। और इस सीरियल की कहानी तो बिल्कुल ही नयी है। चलिये हम आपको थोड़ी सी कहानी बता देते है। इस मे हीरो और हिरोइन शादी मे मिलते है।और उन दोनो की शादी हो जाती है। कितनी बोरिंग सी कहानी है। पर नही जनाब यहीं तो कहानी मे ट्विस्ट है । दरअसल इसमे हीरो का दोस्त है जिसकी शादी पटना मे होती है और वहीँ शादी मे हीरो हिरोइन के साथ फ्लर्ट करता है।जैसा कि आम तौर पर शादियों मे होता है। इसमे हिरोइन के पिता बिहार के नेता है। और जीजा थोडा गुंडा टाईप है।बारात वापसी से पहले जीजा हीरो की हिरोइन के साथ जबरदस्ती शादी करवा देते है ये कहते हुए कि फ्लर्ट(प्यार)किया है तो शादी भी करनी पडेगी। और फिर परिस्थितियां कैसे-कैसे मोड़ लेती है।ये सब दिखाया गया है। इस सीरियल के भी सारे कलाकारों ने और खास कर के जो हिरोइन का जीजा बना है उसने गजब की एक्टिंग की है। डायलोग बहुत अच्छे है कुछ डायलोग तो ऐसे है जो हम आम घरों मे बोलते है।हिमानी शिवपुरी ने माँ के किरदार मे बहुत जान डाली है। बहुत शो बाजी नही है। पर फिर भी सीरियल देखते हुए कहीं भी बोरियत नही महसूस होती है।


उप्स ये तो काफी बड़ी पोस्ट हो गयी है ।तो बस अब यहीं पर हम खत्म करते है। अरे नौ बज रहे है तो अब हम जा रहे है अपने सीरियल देखने ।

Comments

हमारे लिये तो करिया अक्षर भैंस बराबर. पर मेरी पत्नी 9:30 से 10 तक जब टीवी सीरियल से चिपकी रहती हैं तो इस पोस्ट का महत्व समझ में आता है! :)
Udan Tashtari said…
घर एक सपना ही हम देखते हैं बिल्कुल तटस्थ भाव से. बाबू जी और जीजू का रोल हमें बहुत पसंद है. काकुल जीरो पसंद है, हद होती है बेवकूफी की उसके जैसी.

डॉक्टर साहेब भी बढ़िया हैं. बाकी हम कोई सिरियल नहीं देखते इसलिये कमेंट नहीं कर पायेंगे. क्षमा करें.
dpkraj said…
लगता है कि लोग सीरियल देखते नहीं ताकते हैं, क्योंकि उनमें देखने लायक हैं क्या-दीपक भारतदीप
नई झेलते अपन टी वी सीरियल्स!
मेरे घर तो केबल आता नहीं - केवल दूरदर्शन की डिश है :-(

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