अन्ताक्षरी और अन्नू कपूर

कल रात स्टार वन कि अन्ताक्षरी मे अन्नू कपूर और जुही परमार के बीच नई जेनेरेशन और पुरानी जेनरेशन के लोगो पर जो बहस शुरू हुई वो पहले तो नोक -झोक कि तरह लग रही थी पर बाद मे कार्यक्रम के अंत मे ये बहस बहुत बढ गयी थी ,हालांकि जुही ने बहस को ख़त्म करके कार्यक्रम को आगे बढाने की बात भी कही पर अन्नू कपूर थे कि रुकने का नाम ही नही ले रहे थे। यहाँ तक कि उन्होने कुछ अपशब्द भी कहे जो की सुनने मे बहुत खराब लग रहे थे। अन्नू कपूर को ये नही भूलना चाहिऐ की अन्ताक्षरी जिसे ये रिश्तों की अन्ताक्षरी कहते है उसे परिवार के लोग एक साथ बैठ कर देखते है और उनके इस तरह के व्यवहार को लोग पसंद नही करेंगे।

जैसा की अन्नू कपूर ने खुद कहा था की नई पीढ़ी के पास कुछ नही है पर अन्नुजी आप नई पीढ़ी को क्या दे और दिखा रहे है जब आप ही अपनी जबान पर काबू नही रख सकते है ? जुही ने कम से कम आपकी इज्जत का ख़्याल किया और वहां से चली गयी। वैसे ये भी आश्चर्य की बात है कि वहां जुही की गाड़ी तैयार खड़ी थी।

गजेन्द्र सिंह को भी अपने प्रस्तुतकर्ता पर कुछ कण्ट्रोल रखना चाहिऐ , वैसे ये लोग कई बार t.r.p.बढ़ाने के लिए भी ये सब ड्रामा करते है ,जैसे सा,रे ,गा, म,प, मे संगीत कार लोग आपस मे लड़ा करते थे । पर जो भी है अन्नू कपूर को ना तो अपशब्द (गाली ) बोलने का हक है और ना ही किसी भी पीढ़ी की बुराई करने का हक है क्यूंकि ये तो हमेशा होता है कि पुरानी पीढ़ी नयी पीढ़ी को बेवकूफ समझती है और नयी पीढ़ी पुरानी पीढ़ी को old fashioned समझती है । ये कोई नयी बात नही है जब हम लोग उस उम्र मे थे तो हमे लगता था कि हमारे बाबा जिन्हे हम लोग प्यार से बाबूजी कहते थे वो जो भी बात कहते थे हमे लगता था कि वो गलत है और हम सही है पर आज जब हम अपने बच्चों को कुछ कहते है तो उन्हें भी वही लगता है कि हम गलत है और जो वो कह रहे है वो सही है ।

ये एक ऐसी बहस है जो ना तो पहले कभी ख़त्म हुई और ना ही आगे कभी ख़त्म होगी क्यूंकि इसे ही तो जेनरेशन गैप कहते है ।

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