सोनी के सीरियल एक लडकी अनजानी सी मे कहानी को इतना ज्यादा खींचा जा रहा है कि ऐसा लगता है कि मानो इसमे कुछ दिखाने के लिए बचा ही ना हो.सीरियल के नायक निखिल को सारे लोग अपनी मर्जी के मुताबिक चलाने कि कोशिश मे लगे रहते है चाहे वो आयशा हो या अनुराधा .सीरियल जब शुरू हुआ था तो अनन्या हर मुसीबत का सामना अपनी अक्ल से करती थी और सफल भी होती थी पर ये वाली अनंया तो निरीह ,लाचार है जो सिर्फ रोने के और कुछ नहीं करती है.शक्ल कि प्लास्टिक सर्जरी हुई है या अक्ल कि भी.

Comments

टीवी सीरियल का यही रोना है। बहुत लम्बे खिंचते हैं।
mamta said…
हमारी ब्लोग पढने और उस पर कमेंट छोड़ने के लिए धन्यवाद .
Anonymous said…
yeh sahi hai ki serial kheech raha hai magar etna absorbing banaya hai ke kheechne par bhi achha lagta hai

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